नए साल पर मीडिया इंडस्ट्री की ग्रोथ को लेकर क्या है आपका मानना?
पिछले कुछ वर्षों में मीडिया में आई मंदी की मार अब दूर होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
38.46%
मीडिया इस साल भी अपने वर्तमान स्वरूप में ही रहेगा, कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं होने वाला है।
23.08%
अपनी विश्वसनीयता में आई कमी को मीडिया को दूर करना होगा, तभी ग्रोथ संभव है
38.46%
बाकी पोल्स देखें
मीडिया पर आए दिन पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग के आरोप लगते रहते हैं। इस बारे में क्या है आपका मानना?
क्या मीडिया में विज्ञापनदाताओं का प्रभाव किसी तरह से इसकी निष्पक्षता को प्रभावित करता है?
12.77%
क्या आप मानते हैं कि मीडिया महत्वपूर्ण मुद्दों की जगह सनसनीखेज खबरों को ज्यादा महत्व देता है?
14.89%
क्या आपको लगता है कि मीडिया को अपनी रिपोर्टिंग के लिए अधिक पारदर्शिता अपनानी चाहिए?
14.89%
क्या आपको लगता है कि भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है?
57.45%
तेजी से बदलते दौर में वर्तमान मीडिया परिदृश्य को लेकर क्या है आपका मानना?
क्या आप मानते हैं कि वर्तमान मीडिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से अपना काम कर रही है?
19.12%
क्या आपको लगता है कि मीडिया खबरों को सनसनीखेज बनाकर प्रस्तुत कर रही है?
50%
क्या आपको लगता है कि फेक न्यूज के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं?
11.76%
आपकी नजर में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रेगुलेशन की आवश्यकता है या नहीं?
19.12%
केंद्र सरकार के ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 के मसौदे व इस पर चल रही रार को लेकर क्या है आपका मानना
नया ब्रॉडकास्टिंग बिल लाने के पीछे सरकार का तर्क उचित है कि वह ब्रॉडकास्टर्स के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाना चाहती है।
34.38%
विरोध करने वालों का कहना सही है कि सरकार इस बिल के जरिये एक तरीके से उन पर सेंसरशिप लागू करना चाह रही है।
43.75%
सरकार को पहले से ही व्यापक रूप से विचार विमर्श के बाद इस बिल के मसौदे को लाना चाहिए था, जिससे हंगामा नहीं होता।
21.88%
टीवी चैनल्स के लिए एक अथवा अधिक रेटिंग एजेंसियों की जरूरत को लेकर क्या है आपका मानना?
एक ही रेटिंग एजेंसी पर्याप्त है और उसी को अधिक मजबूत व ज्यादा पारदर्शी बनाया जा सकता है
40.63%
देश में टीवी चैनल्स के लिए मल्टी-रेटिंग सिस्टम प्रतिस्पर्धा के बीच उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा
54.69%
कुछ कह नहीं सकते, इस बारे में टीवी ब्रॉडकास्टर्स को आपस में मिलकर फैसला लेना चाहिए
4.69%
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और डिज्नी के बीच हुए करार को लेकर क्या है आपका मानना?
इस करार के तहत जॉइंट वेंचर बनने से देश की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक नए युग की शुरुआत होगी
60.53%
दो बड़ी कंपनियां जब आपस में हाथ मिलाती हैं तो लोगों को निश्चित रूप से फायदा होता है
18.42%
जॉइंट वेंचर की पहल तो अच्छी है लेकिन इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है
21.05%
डीपफेक मामले में सरकार जल्द ही कड़े नियम जारी करने जा रही है, इस बारे में क्या है आपका मानना?
डीपफेक को रोकने की दिशा में सरकार को काफी पहले ही कदम उठा लेने चाहिए थे
27.27%
इस बारे में नियम तो जारी हो जाएंगे, पर कड़ाई से पालन कराना चुनौती होगी
18.18%
कड़े नियम जारी करने के साथ ही सरकार को लोगों में जागरूकता बढ़ानी होगी
27.27%
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में डीपफेक पर पूरी तरह लगाम लगाना मुश्किल है
27.27%
‘डीपफेक’ को लेकर पीएम मोदी द्वारा पिछले दिनों जताई गई चिंता को लेकर क्या है आपका मानना?
‘डीपफेक’ को लेकर पीएम की चिंता जायज है, सरकार को इस मुद्दे पर जल्द ही उचित कदम उठाने होंगे
58.33%
टेक्नोलॉजी के विस्तार के साथ इस तरह के खतरे सामने आते ही हैं, इन पर लगाम लगाना मुश्किल है
16.67%
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसके खिलाफ आक्रामक होना होगा
25%
मीडियाकर्मियों के डिजिटल उपकरणों को मनमाने ढंग से जब्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जताई गई चिंता को लेकर क्या है आपका मानना?
सुप्रीम कोर्ट की चिंता जायज है। जांच एजेंसियों को मनमानी करने की छूट नहीं दी जा सकती है।
44%
यह जांच एजेंसियों के काम का हिस्सा है, इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
16%
पत्रकारों/मीडियाकर्मियों के हितों की रक्षा के लिए सरकार को उचित दिशा-निर्देश तैयार करने चाहिए।
40%
चाइनीज फंडिंग के आरोपों में घिरे न्यूज संस्थान 'न्यूजक्लिक' के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर क्या है आपका मानना?
यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है, इस मामले में तमाम पत्रकार संगठनों का विरोध जायज है।
33.82%
तमाम पत्रकार संगठनों द्वारा इस कार्रवाई का विरोध उचित नहीं है, जांच एजेंसियों को अपना काम करने देना चाहिए।
7.35%
चाहे पत्रकार हों अथवा अन्य कोई, देश की संप्रभुता के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।
58.82%
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A द्वारा 14 न्यूज एंकर्स को बायकॉट किए जाने के फैसले को लेकर क्या सोचते हैं आप?
स्वस्थ लोकतंत्र में प्रेस के खिलाफ इस तरह की कवायद को उचित नहीं ठहराया जा सकता
44.04%
विपक्षी गठबंधन द्वारा लिया गया यह फैसला पूरी तरह से सही है
47.71%
यह मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित लगता है, फिलहाल कुछ कह नहीं सकते
8.26%