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MIB ने SC में दायर किया हलफनामा, इन्हें की स्व-घोषणा प्रमाण पत्र से छूट देने की सिफारिश
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है, जिसमें सभी मीडिया के लिए एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (SDC) की सिफारिश की गई है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 month ago
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है, जिसमें सभी मीडिया के लिए एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (SDC) की सिफारिश की गई है। एक न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने इस प्रस्ताव के तहत कथित तौर पर खाद्य व स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ही पोर्टल पर सभी विज्ञापनों के प्रावधान का सुझाव दिया है।
इस प्रस्ताव के तहत विशेष रूप से खाद्य और स्वास्थ्य क्षेत्रों से संबंधित विज्ञापनों के लिए एकल पोर्टल की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है।
इन क्षेत्रों को मिल सकती है छूट
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने हलफनामे में सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने विज्ञापन एजेंसियों, प्रिंट मीडिया, ASCI के सदस्यों और स्टार्टअप को SDC प्रणाली से बाहर रखने की सिफारिश की है।
लफनामे में मंत्रालय ने विज्ञापन एजेंसियों, प्रिंट मीडिया, एएससीआई (ASCI) के सदस्यों और स्टार्टअप्स को मंत्रालय का कहना है कि ये संस्थाएं पहले से ही संबंधित नियमों का पालन करती हैं, इसलिए उन्हें अतिरिक्त बोझ से मुक्त रखा जाना चाहिए। मंत्रालय का कहना है कि ये संस्थाएं पहले से ही संबंधित नियमों का पालन करती हैं, इसलिए उन्हें अतिरिक्त बोझ से मुक्त रखा जाना चाहिए।
मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय तक की अवधि को परीक्षण अवधि के रूप में मानने का सुझाव दिया है। इस दौरान SDC प्रणाली की प्रभावशीलता को परखा जा सकेगा।
हलफनामे में प्रोग्रामेटिक विज्ञापनों और यूजर-जनित सामग्री को SDC प्रणाली से बाहर रखने का भी सुझाव दिया गया है। प्रोग्रामेटिक विज्ञापन नेटवर्क एजेंसियों और ओपन मार्केट में रियल-टाइम बोली के माध्यम से संचालित होते हैं, इसलिए इन्हें SDC के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य संबंधी विज्ञापनों पर विशेष ध्यान
मंत्रालय ने SDC प्रणाली को उन चिकित्सा से संबंधित विज्ञापनों तक सीमित करने का सुझाव दिया है जो भ्रामक स्वास्थ्य दावे करते हैं, विशेष रूप से आयुर्वेदिक उत्पादों पर।
एकल पोर्टल की मांग
हलफनामे में एक उपयोगकर्ता-अनुकूल एकल पोर्टल की सिफारिश की गई है, जो संबंधित हितधारकों के लिए सुलभ हो।
MIB का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जिसमें मंत्रालय को विज्ञापनों के लिए SDC प्रणाली पर सिफारिशों के साथ तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने एमआईबी को SDC प्रणाली के लिए सिफारिशों वाला हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था, "हलफनामों की प्रतियां न्यायमित्र को प्रस्तुत की जाएं और राज्यों द्वारा किसी भी गैर-अनुपालन के बारे में इस अदालत को सूचित किया जाए और अगली सुनवाई से पहले एक नोट प्रस्तुत किया जाए।"
सर्वोच्च निकाय के अनुसार, अदालत का इरादा किसी को भी कोई नुकसान पहुंचाना नहीं है। इरादा केवल विशेष क्षेत्रों और विशेष पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना है। जो कुछ भी बाहरी है और किसी तरह से अन्यथा व्याख्या की जा रही है, उसे स्पष्ट किया जाए।
कथित तौर पर यह हलफनामा MIB के संयुक्त सचिव सेंथिल राजन द्वारा दायर किया गया।
न्यूज रिपोर्ट में सेंथिल राजन के हवाले से कहा गया कि क्रिएटिव एजेंसिज विज्ञापनदाताओं के जनादेश और उनके उत्पादों या सेवाओं के दावों के आधार पर विज्ञापन विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। मीडिया एजेंसिज विज्ञापनदाताओं की मीडिया प्लानिंग और पर्चेसिंग को संभालती हैं। परफॉर्मेंश एजेंसिज डिजिटल स्पेस में मदद के लिए डेटा, तकनीक और विशेषज्ञता का उपयोग करके सहायता करती हैं। इसलिए, राजन ने कहा कि ऐसी एजेंसिज को SDC अपलोड करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि एक ही विज्ञापनदाता के पास कई एजेंसिज हो सकती हैं।
राजन ने कथित तौर पर यह भी कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित प्रोग्रामेटिक विज्ञापन नेटवर्क एजेंसिज और खुले बाजार से वास्तविक समय की बोली के माध्यम से किए जाते हैं और इसलिए उन्हें SDC के लिए उत्तरदायी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उपयोगकर्ता द्वारा तैयार की गई सामग्री और ऑनलाइन विज्ञापनों को SDC से बाहर रखा जाना चाहिए।
हलफनामे में, राजन ने कथित तौर पर ASCI सदस्यों को SDC से छूट देने का भी सुझाव दिया क्योंकि उनके पास ASCI कोड का स्वेच्छा से अनुपालन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, जो देश के विभिन्न विज्ञापन कानूनों का अनुपालन करता है। हलफनामे में प्रिंट मीडिया से SDC मांगने से छूट देने का भी सुझाव दिया गया है, क्योंकि इंडस्ट्री ASCI और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का अनुपालन करता है।
एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स फॉर इंडिया (ARON), इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AMAI), ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF), इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (INS), इंडियन सोसाइटी ऑफ ऐडवर्टाइजर्स (ISA) और ऐडवरटाइजिंग एजेंसी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) की सिफारिशें हलफनामे का हिस्सा थीं, जिसमें एकल पोर्टल के लिए अनुरोध और सुझाव शामिल था कि SDC का दायित्व निजी कंपनियों और विज्ञापनदाताओं का होना चाहिए, न कि विज्ञापन एजेंसियों का।
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