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दो कंपनियों के विज्ञापन को लेकर उठे सवाल, कॉस्ट कटिंग का नायाब नमूना है या गलती?
आमतौर पर कंपनियां कम चर्चित मॉडल्स को प्रतियोगी कंपनियों के विज्ञापन में इस्तेमाल करती रहती हैं, लेकिन यहां मामला अलग हो गया है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
मंदी की आहट के बीच कॉस्ट कटिंग के कई नायाब नमूने देखने को मिलते हैं। एक ऐसा ही नमूना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये वाकई कॉस्ट कटिंग का परिणाम है या फिर गलती हो गई है। दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया के 13 अक्टूबर के मुंबई संस्करण के पेज 6 पर एलजी कंपनी का विज्ञापन छपा है, जिसमें एक परिवार को दिवाली मनाते दिखाया गया है। इसी तरह पेज 7 पर भी इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंस कंपनी व्हर्लपूल का विज्ञापन है।
गौर करने वाली बात ये है कि व्हर्लपूल के विज्ञापन में भी वही परिवार दिवाली मना रहा है जो एलजी के विज्ञापन में है। यानी एक ही परिवार दो अलग-अलग कंपनियों का प्रचार कर रहा है। वैसे ये कोई नई बात नहीं है। आमतौर पर कंपनियां कम चर्चित मॉडल्स को प्रतियोगी कंपनियों के विज्ञापन में इस्तेमाल करती रहती हैं, लेकिन यहां मामला इसलिए अलग हो गया है, क्योंकि दोनों विज्ञापन एक ही दिन एक ही अखबार में प्रकाशित हुए हैं।
मोदी सरकार के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ‘मेरी सरकार (MyGov India)’ के सीईओ रह चुके अरविंद गुप्ता ने दोनों ही विज्ञापनों की कटिंग को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘जब एक ही परिवार दो अलग-अलग ब्रैंड, टीवी और माइक्रोवेव का प्रचार कर रहा है।’ गुप्ता के इस ट्वीट को काफी पसंद किया जा रहा है। लोगों ने अपने-अपने अंदाज में विज्ञापन कंपनी पर चुटकी ली है। लवेश नामक यूजर ने लिखा है, ‘परिवार टीवी एलजी से खरीदेगा और माइक्रोवेव व्हर्लपूल से।’ इसी तरह एक अन्य यूजर ने कुछ साल पहले प्रकाशित दो विज्ञापन पोस्ट किये हैं, जिसमें एक ही महिला को रिटेल आउटलेट ‘मोर’ और ‘बिग बाजार’ से खरीदारी करते दिखाया गया है।
संजीवा नामक यूजर ने इसे कंपनी की चालबाजी करार देते हुए लिखा है, ‘विज्ञापन कंपनी एक ही होगी, जिसके पास एलजी और व्हर्लपूल दोनों के विज्ञापन अधिकार होंगे। लागत और बिलिंग कम करके ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए विज्ञापन कंपनी ने एक ही परिवार की फोटो को दो अलग-अलग विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल किया है।’
यदि आप दोनों विज्ञापनों को ध्यान से देखें तो व्हर्लपूल के विज्ञापन में फोटो को थोड़ा अलग अंदाज में लगाया गया है, शायद इसलिए कि दिवाली मनाता परिवार एक जैसा न लगे। हालांकि, अरविंद गुप्ता जैसी पारखी नजर रखने वाले इस ‘अंदाज’ में छिपे भेद को पहचान ही गए। आप भी इन दोनों विज्ञापनों को यहां देख सकते हैं।
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