होम / ऐड वर्ल्ड / कोरोना के प्रकोप के बीच बढ़ेंगे टीवी के दर्शक, पर उठा ये सवाल
कोरोना के प्रकोप के बीच बढ़ेंगे टीवी के दर्शक, पर उठा ये सवाल
कोरोना का कोहराम बढ़ता जा रहा है। पूरी दुनिया के लोगों में इस वायरस को लेकर दहशत फैली हुई है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
कोरोना का कोहराम बढ़ता जा रहा है। पूरी दुनिया के लोगों में इस वायरस को लेकर दहशत फैली हुई है। हालात यह हैं कि इस वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लोगों पर घरों पर रहने का दबाव बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ यानी लोगों से बहुत आवश्यक न होने पर घरों से न निकलने की अपील की है। कई कंपनियों ने भी अपने एंप्लाईज को घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने के लिए कहा है। इससे ‘इन हाउस’ एंटरटेनमेंट के अन्य रूपों के साथ-साथ टीवी की व्युअरशिप भी प्रभावित होगी। जाहिर सी बात है कि इस स्थिति में टीवी की व्युअरशिप में तो काफी इजाफा होगा, लेकिन क्या टीवी इंडस्ट्री को ऐड रेवेन्यू भी मिलेगा, यह बड़ा सवाल है।
इसके अलावा हेल्थ एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए प्रॉडक्शन हाउसेज ने भी आउटडोर शूटिंग रोक दी है, ऐसे में एक चुनौती यह भी है कि क्या ब्रॉडकास्टर इस स्थिति में कंटेंट के प्रवाह को बनाए रख पाएंगे। दरअसल, ‘Indian Motion Pictures Producers' Association’ (IMPPA) ने 31 मार्च तक टीवी सीरियल्स, वेब सीरीज और अन्य कार्यक्रमों की शूटिंग रोकने के लिए कहा है।
'जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स) आशीष सहगल का मानना है कि बेशक प्रॉडक्शन प्रभावित होगा, लेकिन इसका व्युअरशिप पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनका कहना है, ‘वर्ष 2009 में टीवी प्रॉडक्शन हाउसेज ने एक महीने लंबी हड़ताल की थी, उस समय फ्रेश एपिसोड प्रसारित नहीं किए गए थे। उस दौरान हम कुछ फ्रेश एलीमेंट्स के साथ पुराने एपिसोड ही प्रसारित कर रहे थे और हमें अच्छी व्युअरशिप मिली थी। मुझे नहीं लगता कि इस तरह की स्थिति आएगी, जिससे व्युअरशिप प्रभावित होगी। और अगर चीजें खराब होती हैं तो जरूरत पड़ने पर हम पुराने शो चलाएंगे।’
सहगल के अनुसार, ‘टीवी के लिए एक सकारात्मक बात यह भी है कि यदि कोई व्यक्ति धारावाहिक नहीं देखना चाहता है तो उसके पास मूवी चैनल्स का विकल्प है। ऐसे में मूवी चैनल्स की व्युअरशिप बढ़ने की संभावना है, यदि लोग शो नहीं देख रहे रहे हैं तो उनके मूवी देखने की संभावना है।’
वहीं, ‘9एक्स मीडिया’ (9X Media) के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर पवन जेलखानी का कहना है कि सभी चैनल्स के पास हमेशा 10 से 15 दिन तक चलाने के लिए शो का एक बैंक होता है। जेलखानी के अनुसार, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि 31 मार्च से शूटिंग फिर से शुरू हो जाएंगी। इस दौरान टीवी की व्युअरशिप में इजाफा होगा, लेकिन हमें इस स्थिति को एक अवसर के रूप में नहीं देखना चाहिए।’
हालांकि, मार्केट पर नजर रख रहे इंडस्ट्री के दिग्गजों का मानना है कि कोरोना के खौफ का असर मार्केट पर निश्चित रूप से पड़ेगा और इससे ऐड रेवेन्यू यानी विज्ञापन से मिलने वाला राजस्व भी काफी प्रभावित होगा। नाम न छापने की शर्त पर एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘वास्तविक स्थिति का पता लगने में एक हफ्ते का समय लगेगा। टेलिविजन अभी भी ‘फास्ट मूविंग कंज्यूमर्स गुड्स’ (FMCG) पर निर्भर है और हमें उम्मीद है कि वहां से टीवी को विज्ञापन मिलना जारी रहेगा। हालांकि ऐसी संभावना है कि वे अपने खर्चों में भी कटौती कर सकते हैं।’
‘पिच मैडिसन रिपोर्ट 2020’ के अनुसार, टीवी पर विज्ञापन खर्च के मामले में FMCG सेक्टर का योगदान सबसे ज्यादा (49 प्रतिशत) है। हालांकि, वर्ष 2019 में इसमें एक प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। टीवी पर विज्ञापन खर्च में योगदान के मामले में टेलिकॉम और ऑटो इंडस्ट्री 12 प्रतिशत और सात प्रतिशत के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
वहीं, इंडस्ट्री से जुड़े एक अन्य विशेषज्ञ के अनुसार, ‘यह कहना मुश्किल है कि टीवी पर विज्ञापन खर्च में बढ़ोतरी होगी अथवा नहीं, लेकिन यदि इस तरह के शटडाउन की स्थिति जारी रहती है तो मूवीज और न्यूज चैनल्स पर विज्ञापन खर्च में इजाफा होगा।’
जेलखानी का कहना है कि वर्तमान हालातों का प्रभाव ऐड रेवेन्यू पर सिर्फ अगले दो हफ्ते तक रह सकता है, उससे ज्यादा नहीं। जेलखानी के अनुसार, ‘हम अभी दो से तीन खराब तिमाहियों से उबरकर बाहर आए हैं और मुझे लग रहा है कि मार्च काफी अच्छा कर रहा है। वर्तमान हालातों का असर विज्ञापन राजस्व पर सिर्फ 10 से 15 दिन रहेगा, हमें टीवी पर विज्ञापन खर्च के मामले में कोई बड़ा असर दिखाई नहीं दे रहा है।’
इस मामले में ‘Elara Capital’ के वाइस प्रेजिडेंट- रिसर्च एनालिस्ट (मीडिया) करन तौरानी का कहना है कि अगले एक पखवाड़े में टीवी की व्युअरशिप बढ़ेगी, लेकिन यह थोड़े समय के लिए ही होगी। तौरानी के अनुसार, ‘शुरुआत के 10-15 दिनों में जरूर टीवी की व्युअरशिप बढ़ेगी, क्योंकि अभी फ्रेश कंटेंट है। इस बात की संभावना है कि दर्शकों का एक नया वर्ग सामने आएगा, जिन्होंने टीवी देखना बंद कर दिया है, लेकिन यह स्थिति थोड़े समय के लिए ही होगी। नए कार्यक्रमों की शूटिंग कैंसल हो गई है। ऐसे में जब लोगों को कोई नया एपिसोड देखने के लिए नहीं मिलेगा तो वे डिजिटल कंटेंट की ओर रुख करेंगे।’
हालांकि, विज्ञापन के मोर्चे पर तौरानी को चीजें बेहतर होती नहीं दिख रही हैं। तौरानी के अनुसार,‘ मुझे नहीं लगता कि कोई सुधार होगा बल्कि यह और खराब होगा। खपत में मंदी हो रही है, विश्व स्तर पर भी बहुत सारे ब्रैंड्स विज्ञापन खर्चों में कटौती कर रहे हैं। इस स्थिति में मुझे नहीं लगता कि एडवर्टाइजिंग में कोई सुधार होगा। 15 दिनों के बाद जब ब्रॉडकास्टर्स के पास नए एपिसोड नहीं होंगे, तब बिजनेस पर और प्रभाव पड़ेगा।’
टैग्स व्युअरशिप टीवी चैनल्स ऐड रेवेन्यू कोरोना वायरस एफएमसीजी पवन जेलखानी करन तौरानी Karan Taurani