होम / ऐड वर्ल्ड / जांच में झूठे निकले इन कंपनियों के विज्ञापनों में पेश किए गए दावे
जांच में झूठे निकले इन कंपनियों के विज्ञापनों में पेश किए गए दावे
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। मई 2015 में ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) की कंज्यूमर कंप्लेंट्स काउंसिल (CCC) को विज्ञापन संबंधी 141 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 100 शिकायतों को काउंसिल ने सही ठहराया है। जिन 100 शिकायतों को काउंसिल ने सही ठहराया है, उनमें 46 ऐडवर्टाइजमेंट पर्सनल और हेल्थ केयर कैटेगरी के
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। मई 2015 में ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) की कंज्यूमर कंप्लेंट्स काउंसिल (CCC) को विज्ञापन संबंधी 141 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 100 शिकायतों को काउंसिल ने सही ठहराया है। जिन 100 शिकायतों को काउंसिल ने सही ठहराया है, उनमें 46 ऐडवर्टाइजमेंट पर्सनल और हेल्थ केयर कैटेगरी के हैं, 22 ऐडवर्टाइजमेंट एजूकेशन कैटेगरी के, 10 ऐडटर्वाइजमेंट फूड एंड बेवरेज कैटेगरी, पांच टेलिकॉम कैटेगरी और 17 ऐडवर्टाइजमेंट अन्य कैटेगरी के हैं। हेल्थ एंड पर्सनल केयर जांच में काउंसिल ने पाया कि जिन 46 ऐडवर्टाइजर्स ने हेल्थ एंड पर्सनल केयर प्रॉडक्ट अथवा सर्विस में जो दावे किए हैं, वह भ्रामक हैं अथवा झूठे हैं और विज्ञान की कसौटी पर खरे नहीं उतरते हैं। ऐसे में ये ASCI के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इनमें से कुछ हेल्थ केयर प्रॉडक्ट अथवा सर्विस तो ड्रग एंड रेमेडीज एक्ट (Drug & Magic Remedies Act) और ASCI के प्रावधानों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। जिन विज्ञापनों की शिकायतों को सही ठहराया गया है उनमें कुछ लोकप्रिय प्रॉडक्ट भी शामिल हैं जैसे- मोदी नेचुरल (Rizolo Rice Bran Oil) ने अपने पैक पर दावा किया है कि यह भारत का सबसे बेहतरीन Rice Bran Oil है और यह डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल कम करने, कैंसर से बचाव और स्किन हेल्थ में काफी उपयोगी है, लेकिन ये सभी दावे प्रमाणित नहीं हुए। डाबर इंडिया ने वालों और सिर के लिए Dabur Keratex Oil के नंबर वन ऑयल होने का दावा किया। इसके विज्ञापन में दावा किया गया कि त्वचा रोग विशेषज्ञ ने भी इसको रिकमंड (Recommend) किया है। दावा किया गया कि यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है जो डैंड्रफ रोकने और बालों के गिरने से रोकने में सहायक है, लेकिन यह दावा भी प्रमाणित नहीं हुआ। इसके अलावा डाबर बबूल टूथपेस्ट के एक विज्ञापन में दिखाया गया है कि एक बच्चा अपने दांतों से लोहे की रॉड को मोड़ देता है। काउंसिल का कहना है कि यह काफी खतरनाक कृत्य है और बच्चे इसे देखकर ऐसा करने के लिए प्रेरित होंगे, जिसके कारण उन्हें चोट लग सकती है, इसलिए इसकी शिकायत जांच के लिए रोकी गई है। हिन्दुस्तान यूनिलीवर के एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि सर्फ एक्सेल मैटिक नंबर वन ब्रैंड है लेकिन इसके निर्माता ऐसे कोई भी डाटा नहीं पेश कर सके जिससे यह साबित हो कि सर्फ एक्सेल मैटिक का मार्केट शेयर काफी ज्यादा है। इसके अलावा HUL के वैसलीन हेल्थी व्हाइट ऐडवर्टाइजमेंट में दावा किया गया कि ‘पायें त्वचा चार गुना निखरी इंस्टेंटली’ भी अपने दावों को प्रमाणित नहीं कर सक। ‘फेयर एंड लवली’ के विज्ञापन में दिखाया गया है कि इसके इस्तेमाल करने से पहले व्यक्ति काफी दुखी है। इस ऐडवर्टाइजमेंट को भी ASCI की गाइडलाइंस के विपरीत माना गया। वीएलसीसी हेलथ केयर के सूर्य की किरणों से बचाने वाले प्रॉडक्ट में दावा किया गया है कि इसके इस्तेमाल से सूर्य की हानिकारक किरणों से पूरी तरह आजादी मिल जाती है (Suraj ki nuksan Dayak kirano se sampoorna suraksha payein) भी गलत निकला। फूड और बेवरेज (FOOD & BEVERAGES) पेप्सी फूड के एक विज्ञापन में दिखाया गया है कि दुकानदार उस व्यक्ति को नजरअंदाज कर रहा है जो पानी मांग रहा है। इसे सही व्यवहार नहीं माना गया। ग्लेक्सोस्मिथलाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर के हॉर्लिक्स लाइट ऐडवर्टाइजमेंट में दावा किया गया है ‘ Lite Horlicks ismain hain antioxidant nutrients jo zaruri hain body ko cell damage se protect karne ke liye’ जांच में इस दावे को पूरी तरह गलत पाया गया। कंपनी के टीवीसी में हॉर्लिक्स को बताया गया कि यह परीक्षा के दिनों में एकाग्रता को बढ़ता है। इसमें पीछे से आवाज आती है, ‘Exam aage – Dhyaan na Bhaage’ से लगता है कि इस प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। इस दावे को भी जांच में झूठा पाया गया। ग्लेक्सोस्मिथलाइन के बूस्ट के विज्ञापन में दावा किया गया कि यह स्टेमिना को तीन गुना बढ़ा देता है। यह भी दावा किया गया कि सितंबर 2011 में रिसर्च पेपर में भी इसे साबित किया गया है। लेकिन इसमें बड़े क्रिकेटरों को दिखाया गया था जबकि रिसर्च बच्चों पर किया गया था। इसलिए यह दावा भी ठीक नहीं पाया गया। टेलिकॉम (TELECOM) आयडिया सेल्यूलर के विज्ञापन में दावा किया गया कि आयडिया इंटरनेट नेटवर्क की संदिग्धता सामने आई। क्योंकि इसमें दावा किया गया कि आईआईएन के द्वारा एक छात्र उसी स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहा है जो कॉलेज में दी जा रही है। लेकिन इस दावे की पुष्टि के लिए कोई आकंडे नहीं दिए गए। एयरटेल के ऐडवर्टाइजमेंट में दावा किया गया कि यह भारत का सबसे बेहतर 3जी नेटवर्क (India's Best 3G network) है। लेकिन इस दावे में कोई सच्चाई नहीं मिली। इसके अलावा इसके ऐडवर्टाइजमेंट में यह दावा भी किया गया कि यह दूसरे 3जी नेटवर्क की तुलना में 122 प्रतिशत ज्यादा तेज डाउनलोड स्पीड देता है ‘Airtel gives 122 per cent faster download speeds than other 3G networks’, यह दावा भी सही नहीं निकला। इसी तरह की शिकायत वोडाफोन मोबाइल नेटवर्क की मिली। अन्य (OTHERS) स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के ऐडवर्टाइजमेंट में दावा किया गया कि आप यदि 30000 रुपये खर्च करेंगे तो हम आपकी जाइनिंग फीस को माफ कर देंगे (Spend Rs.30,000 in a year and we waive your joining fee) को गलत पाया गया। आईपीएल के ऐडवर्टाइजमेंट में बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया द्वारा बच्चों के चैनल पर दिखाया गया कि एक बॉल माइक्रोवेव ओवन (microwave oven) पर रखी गई है। इसे खतरनाक माना गया और माना गया कि यह कृत्य बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कल्यान ज्वेलर्स के ऐडवर्टाइजमेंट में दिखाया गया कि एक काला बच्चा छाता लिए खड़ा है, यह बाल श्रम को दर्शाता है जो कानूने के खिलाफ है। यह विज्ञापन रंगभेद को बढ़ावा देता है। अमेजन के एक विज्ञापन में सैमसंग गैलेक्सी S4 मोबाइल को 17,999 रुपये का बताते हुए दावा किया गया कि 41500 रुपये एमआरपी के फोन पर उपभोक्ता को 57 प्रतिशत की बचत होगी। उपभोक्ता ने इस प्रॉडक्ट को अमेजन की वेबसाइट पर देखा और दोनों के बीच लेनदेन हुआ। इस बारे में दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि फोन की पैकिंग पर उसकी एमआरपी लिखी हुई थी। यह पाया गया कि वेबसाइट पर दिया जाने वाला विज्ञापन लोगों को भ्रमित कर रहा था।
टैग्स