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...तो सिर्फ इस तरह के विज्ञापनों के लिए ही करना होगा भुगतान
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। गूगल ने इंटरनेट पर अपने सबसे बड़े नेटवर्क गूगल डिस्प्ले नेटवर्क (GDN) में बदलाव की घोषणा की है। गूगल का कहना है कि इसे दर्शक संख्या के आधार पर तैयार किया जाएगा। गूगल का यह कदम डिजिटल एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में इस साल का सबसे बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस कदम के बारे में ऑफिसियल गूगल ब्लॉग पर (Off
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। गूगल ने इंटरनेट पर अपने सबसे बड़े नेटवर्क गूगल डिस्प्ले नेटवर्क (GDN) में बदलाव की घोषणा की है। गूगल का कहना है कि इसे दर्शक संख्या के आधार पर तैयार किया जाएगा। गूगल का यह कदम डिजिटल एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में इस साल का सबसे बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस कदम के बारे में ऑफिसियल गूगल ब्लॉग पर (Official Google Blog) पर गूगल डिस्प्ले नेटवर्क के वाइस प्रेजिडेंट (प्रॉडक्ट मैनेजमेंट) ब्रेड बेंडर ने लिखा, ‘जल्द ही हम GDN को एक ऐसा इकलौता मीडिया प्लेटफॉर्म बना देंगे, जहां पर ऐडवर्टाइजर्स को उस विज्ञापन का भुगतान करने की जरूरत नहीं है, जिसे देखा नहीं गया है। इसका मतलब है कि अब ऐडवर्टाइजर्स को बिना देखे हुए विज्ञापन का शुल्क नहीं देना पड़ेगा। अगले कुछ महीनों में वे सभी विज्ञापन जिन्हें सीपीएम आधार (CPM basis) पर खरीदा गया है, उन्हें अपग्रेड कर व्यूएबल सीपीएम (vCPM) में बदल दिया जाएगा।’ एसएमएक्स ईस्ट कॉन्फ्रेंस (SMX East Conference) में आयोजित एक कार्यक्रम में बेंडर ने कहा, पिछली साल कई ऐडवर्टाइजर्स से इसका पैसा नहीं लिया गया था। आईएबी स्टैंडडर्स (IAB standards) के अनुसार, एक विज्ञापन को तभी देखा हुआ माना जाता है जब डिस्प्ले ऐड के लिए विज्ञापन का 50 प्रतिशत भाग स्क्रीन पर एक सेकेंड या उससे ज्यादा समय तक दिखता है। विडियो ऐड के लिए यह समय सीमा दो सेकेंड और उससे ज्यादा है। डिस्प्ले नेटवर्क वेबसाइट्स पर व्युबिलिटी (Viewability) की गणना एक्विट व्यू टेक्नोलॉजी (Active View technology) द्वारा की जाती है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें कितना समय लगेगा, हालांकि बेंडर ने कहा कि कुछ हफ्तों में इसे शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल गूगल इंडिया से इस बारे में कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में व्युएबिलिटी को लेकर कई बार चर्चा हो चुकी है। इस साल गूगल द्वारा रिपोर्ट में बताया गया था कि 56 प्रतिशत डिस्प्ले ऐड को विजिटर्स द्वारा देखा ही नहीं जाता है। विडियो ऐड के मामले में यह आंकड़ा 46 प्रतिशत और मोबाइल पर यह 65 प्रतिशत था। हालांकि दूसरे ऐड नेटवर्क भी इस मामले को उठा रहे हैं। जून में याहू ने कहा था कि थर्ड पार्टी इंडिपेंडेंट व्युएबिलिटी को अनुमति होगी और Yahoo O&O properties पर डिस्पले और विडियो ऐडवर्टाइजिंग में गड़बड़ी की जांच की जा सकेगी। इस साल के शुरुआत में इस तरह की रिपोर्ट आई थी कि केलोग्स (Kellogg) ने अपने उन पार्टनर के साथ बजट में कमी कर दी थी जिन्होंने थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन ऑफ ऐड परफॉर्मेंस (third party verification of ad performance) को अनुमति नहीं दी थी। इसमें व्यूएबिलिटी भी शामिल थी। हालांकि इंटरनेट की दुनिया में बड़ा नाम फेसबुक और गूगल ने थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन को अनुमति नहीं दी है।
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