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प्रिंट मीडिया में नई सरकारी विज्ञापन नीति के खिलाफ खड़ा हुआ भाषाई समाचारपत्र संगठन
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। प्रकाशन मीडिया में विज्ञापन जारी करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई नीति फेल होती दिखाई दे रही है। भारतीय भाषाई समाचारपत्र संगठन (इलना) ने इस नई नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल इलना का मानना
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
प्रकाशन मीडिया में विज्ञापन जारी करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई नीति फेल होती दिखाई दे रही है। भारतीय भाषाई समाचारपत्र संगठन (इलना) ने इस नई नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल इलना का मानना है कि डीएवीपी द्वारा जारी की नई नीति में पहली दृष्टि में ही बहुत खामियां हैं और विज्ञापन पाने का अवसर न मिल पाने की वजह से सैंकड़ों समाचार पत्र बंद हो सकते हैं।
इलना ने समाचार पत्र प्रकाशनों से इसका विरोध करने पर लंबे विवाद के लिए तैयार रहने को कहा है। इतना ही नहीं संगठन ने भरोसा दिलाया है कि वह हमेशा की तरह भाषाई समाचार पत्रों के साथ खड़ा है और उचित कार्यवाही करेगा।
इलना ने समाचार पत्र प्रकाशनों से अपील की है कि सभी प्रकाशक नीचे दिए पत्र का अपने लैटर हैड पर प्रिंट लेकर पत्र हस्ताक्षर कर इलना कार्यालय को भेज दें ताकि संठगन सबकी तरफ से सरकार और अदालत के सम्मुख प्रकाशकों का पक्ष रख सके।
प्रकाशक का लेटरहेड (हिंदी में)
श्री परेश नाथ
अध्यक्ष
भारतीय भाषाई समाचारपत्र संगठन
सरस सलिल
दिल्ली प्रेस बिल्डिंग
ई-3 झंडेवाला एस्टेट, नई दिल्ली-110055
श्रीमान,
डीएवीपी ने अपनी नई सरकारी विज्ञापन नीति की घोषणा की है। इस में किये गए परिवर्तन हमारे जैसे प्रकाशकों के लिए हानिकारक हैं।
मैं, ......... (नाम), प्रकाशन ............ इस मामले को डीएवीपी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के समक्ष उठाने का अनुरोध करता हूं । हमें विश्वास है कि भारतीय भाषाई समाचारपत्र संगठन छोटे अखबारों के अस्तित्व के लाभ के लिए इस मुद्दे को मजबूती से प्रस्तुत करने में सक्षम है।
धन्यवाद सहित
आपका आभारी
............ (प्रकाशक / संपादक का नाम)
........... प्रकाशन
दिनांक:
LETTER HEAD OF THE PUBLISHER (In English)
Mr Paresh Nath
President
Indian Languages Newspapers Association
C/o Saras Salil,
Delhi Press Building
E-3 Jhandewala Estate New Delhi
Dear Sir
We learn that DAVP has announced its new advertising policy. We have come to know that the changes in the same are damaging to the publishers like us.
I,.........(name), of publication ............ request you to take up the matter with DAVP and Ministry of Information and Broadcasting on behalf of us. We are confident that the Indian Languages Newspapers Association will be able to take up the matter forcefully for the benefit of survival of small newspapers.
Thanking you
Yours faithfully
............(Publisher/Editor's Name)
...........PUBLICATION
Dated:
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