सीबीआई के छापे, घर खरीदार और क्रिकेट को सभी में प्रमुखता से लगाया गया है
दिल्ली के अखबारों का आज का फ्रंट पेज खबरों के लिहाज से लगभग समान है। सीबीआई के छापे, घर खरीदार और क्रिकेट को सभी में प्रमुखता से लगाया गया है। हिन्दुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण में जहां सीबीआई की कार्रवाई को लीड रखा गया है, वहीं नवभारत टाइम्स की सोच थोड़ी जुदा रही। अखबार ने घर खरीदारों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लीड का दर्जा दिया है। एक साथ 100 से ज्यादा जगहों पर सीबीआई के छापे निसंदेह बड़ी खबर है, लेकिन आम आदमी के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट का आदेश ज्यादा मायने रखता है और इसलिए अपनी ‘जुदा’ सोच के लिए नवभारत टाइम्स की टीम बधाई की पात्र है।
अखबार ने सेमीफाइनल में बारिश के खलल पर जो शीर्षक लगाया है, वो भी कमाल है। ‘फाइनल की रेस में बारिश का ब्रेक, बाकी मैच आज’ अपने आप में सबकुछ बयां कर देता है। इसके अलावा, भाईचारे को दर्शाती हौज काजी की न्यूज को ऊपर बॉक्स में जगह देकर उसके साथ न्याय किया गया है। ऐसी खबरों को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए। फ्रंट पेज पर ज्यादा विज्ञापन होने के बावजूद संपादकीय टीम ने छोटी-छोटी ही सही, लेकिन महत्वपूर्ण खबरों को फ्रंट पेज पर रखने का प्रयास किया है।
हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर भी काफी विज्ञापन हैं। टॉप में क्रिकेट के बजाय हौजकाजी की खबर को रखा गया है, जो कि एक अच्छा फैसला है। वैसे दो कॉलम बॉक्स में सेमीफाइनल की न्यूज लगाकर संपादकीय टीम ने खेलप्रेमियों को भी निराश नहीं किया है। लीड यहां सीबीआई है, लेकिन फ्रंट पेज पर घर खरीदारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश वाले समाचार को जगह नहीं मिलना चौंकाता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि विज्ञापनों की वजह से जगह सीमित थी, लेकिन ऐसी कई खबरें हैं, जिनमें से किसी के स्थान पर इस न्यूज को लगाया जा सकता था, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर लोगों से जुड़ाव रखती है। हां, हिन्दुस्तान में एक खबर अच्छी है, जो शायद नवभारत टाइम्स से छूट गयी। ‘सुसाइड नोट छोड़कर लापता हुई कोमल बेंगलुरु में जिंदा मिली’, यह स्थानीय महत्व की खबर है और इसे प्रथम पृष्ठ पर लगाना अच्छा निर्णय है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसदों से पदयात्रा के लिए कहने से जुड़े समाचार को भी उपयुक्त जगह दी गई है।
अमर उजाला का आज का फ्रंट पेज भी काफी खिला-खिला नजर आ रहा है। क्रिकेट के समाचार को टॉप में बेहद खूबसूरती के साथ पेश किया गया है। शीर्षक ‘मुट्ठी में थी जीत, बाकी हिसाब आज करेगा भारत’ ने इसकी खूबसूरती को और भी निखार दिया है। लीड भले ही सीबीआई छापे ही हैं, लेकिन घर खरीदारों वाली न्यूज को भी उतनी ही प्राथमिकता दी गई है। संपादकीय टीम के मनपसंद डॉटेड बॉक्स में इस खबर को ऊपर क्रिकेट के पास से तीन कॉलम में लगाया गया है। कोमल वाली खबर भी फ्रंट पेज पर है, इसके अलावा हिमांशु मिश्र की बाईलाइन स्टोरी में भी अच्छी जानकारी है। स्टोरी के अनुसार भाजपा ने संघ से 12 तेजतर्रार प्रचारक मांगे हैं। एंकर की जगह कर्नाटक की कलह को मिली है, इस खबर पर सियासत में रुचि रखने वालों की नजर है।
दैनिक जागरण ने भी फ्रंट पेज पर कम विज्ञापन होने का पूरा फायदा उठाया है। हालांकि, कोमल वाली खबर के मामले में संपादकीय टीम से चूक हो गई है। लीड सीबीआई है और क्रिकेट को इसके पास से दो कॉलम में नीचे उतारा गया है। दोनों ही खबरों की प्रस्तुति खास आकर्षक नहीं है, उन्हें पारंपरिक ढंग से ही लगाया गया है। घर खरीदारों वाले समाचार को भले ही लीड के नीचे रखा गया है, लेकिन उसके साथ अन्याय नहीं हुआ है। नरेश गोयल से 18 हजार करोड़ जमा कराने वाली खबर जागरण के अलावा किसी दूसरे अखबार के प्रथम पृष्ठ पर नहीं है। कर्नाटक की कलह से जुड़ा अपडेट भी पाठकों के लिए फ्रंट पेज पर है, जबकि एंकर में जागरण ने एक और अच्छी खबर लगाई है। जयप्रकाश रंजन की बाईलाइन में बताया गया है कि जल्द ही सुबह और शाम को बिजली के दाम अलग-अलग होंगे। ये समाचार आम लोगों से जुड़ाव रखता है और इसके पाठक भी काफी ज्यादा होंगे। आज दैनिक जागरण के फ्रंट पेज पर दो अच्छी खबरें हैं, जिनसे बाकी अखबार चूक गए।
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पीएम नरेन्द्र मोदी फिर से हर वर्ग के लिए विकास के नए अवसर देने नए बजट में नई कल्याणकारी योजनाएं लाने का इरादा जताया है।
दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक आशुतोष झा के साथ पीएम मोदी ने ख़ास बातचीत की है। उन्होंने हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी है। उन्होंने कहा, 'एक राजनीतिक वर्ग था जो कि ये कहता था कि राष्ट्रीय स्तर पर तो भाजपा के सामने कोई चुनौती नहीं है, लेकिन राज्यों में पार्टी को उतना समर्थन नहीं मिल रहा। जो परिणाम आए, उससे वह मिथक भी टूट गया है। हमने तीन राज्यों में तो सरकार बनाई ही है, तेलंगाना में भी भाजपा के वोट प्रतिशत में रिकार्ड वृद्धि हुई है। ये दिखाता है 2024 के चुनाव में भाजपा एक बार फिर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रही है।'
एकजुट विपक्ष के मसले पर उन्होंने कहा, 'ये धारणा भी विपक्षी गठबंधन की बनाई हुई है कि ये चुनाव सिर्फ कांग्रेस के विरुद्ध थे, जबकि हकीकत कुछ और है। ये नए-नए प्रयोग करते रहते हैं । इस चुनाव में भी इन्होंने ऐसा करने की कोशिश की। इन्होंने हर सीट पर ऐसे उम्मीदवार उतारे और ऐसे दलों को सपोर्ट किया, जिससे भाजपा को मिलने वाले वोटों का विभाजन हो सके। भाजपा के सामने ये आइएनडीआइए गठबंधन तो था ही एक नई प्रकार की रणनीति और एक नया प्रयोग भी था।'
राम मंदिर निर्माण के बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो पीएम ने कहा, 'खुशी सिर्फ मोदी की नहीं है। ये हिंदुस्तान के 140 करोड़ हृदयों की खुशी, मन के संतोष का अवसर है। मेरे लिए 22 जनवरी का ये अवसर 'हर घर अयोध्या, हर घर राम' आने का है।'
‘गवर्नेंस नाउ’ (Governance Now) के एमडी कैलाशनाथ अधिकारी के साथ बातचीत में शैलेष लोढ़ा ने रखी अपनी राय
जाने-माने अभिनेता, कॉमेडियन, लेखक और कवि शैलेष लोढ़ा का कहना है कि कार्यक्रमों के रिपीट टेलिकास्ट की स्थिति में टीवी चैनल्स द्वारा कलाकारों को रॉयल्टी दी जानी चाहिए। शैलेष लोढ़ा लंबे समय से टेलिकास्ट हो रहे टीवी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में तारक मेहता की भूमिका निभा रहे हैं। ‘गवर्नेंस नाउ’ (Governance Now) के एमडी कैलाशनाथ अधिकारी के साथ एक बातचीत में शैलेष लोढ़ा का कहना था कि टीवी इंडस्ट्री कलाकारों को उनके रोजाना के काम के अनुसार भुगतान करती है और यदि कलाकारों के काम को बार-बार दोहराया जाता है तो उन्हें रॉयल्टी दी जानी चाहिए।
वेबिनार सीरीज के तहत हुई इस बातचीत के दौरान शैलेष लोढ़ा ने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों के विपरीत जो काफी विकसित हैं, कलाकारों को रिपीट टेलिकास्ट के लिए रॉयल्टी नहीं दी जाती है। बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR’s) को ऐसे मुद्दों पर समाधान के लिए आगे आना चाहिए। चैनल्स को इस पर विचार करना चाहिए और एक सिस्टम विकसित करना चाहिए। यदि इस तरह का कोई सिस्टम अस्तित्व में होता तो कलाकारों पर लॉकडाउन का उतना प्रभाव नहीं पड़ता, जितना पड़ा है।
शैलेष लोढ़ा ने यह भी कहा कि रिपीट टेलिकास्ट की वजह से टीवी का उपभोग काफी बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ लॉकडाउन के दौरान हुआ कि चैनल्स ने रेवेन्यू नहीं कमाया, अन्यथा ऐसा नहीं होता है।’ इस दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में शैलेष लोढ़ा ने कहा कि एक परफॉर्मर के लिए लाइव ऑडियंस से आपसी संवाद और सराहना मिलना काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘अब यह बॉयर्स का मार्केट बन गया है, जहां आय और संतुष्टि दोनों का स्तर कम हुआ है।’
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के अंग्रेजी भाषा के टैबलॉयड अखबार ‘मेल टुडे’ (Mail Today) के बारे में एक बड़ी खबर है।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के अंग्रेजी भाषा के टैबलॉयड अखबार ‘मेल टुडे’ (Mail Today) के बारे में एक बड़ी खबर है। बताया जाता है कि शनिवार, आठ अगस्त से यह अखबार बंद हो सकता है। माना जा रहा है कि इस कदम से रिपोर्टिंग और एडिटोरियल डिपार्टमेंट के करीब 40 एम्प्लॉयीज प्रभावित होंगे।
हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया (e4m) द्वारा इस बारे में पुष्टि करने के लिए भेजे गए मेल के जवाब में इंडिया टुडे की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन एम्प्लॉयीज ने इस खबर की पुष्टि की है। हालांकि, इस बारे में एम्प्लॉयीज को भी किसी तरह की आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। इनमें से कई एम्प्लॉयीज को उनके रिपोर्टिंग मैनेजर अथवा एचआर की ओर से सूचना मिली है।
कुछ एम्प्लॉयीज ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि उन्हें एचआर विभाग की ओर से कहा गया है कि समूह द्वारा कुछ एम्प्लॉयीज को उनके अन्य पब्लिकेशंस/न्यू आउटलेट में रखा जाएगा। लेकिन, इस बारे में भी उन्हें कोई पुष्ट जानकारी अथवा आश्वासन नहीं दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले पिछले साल समूह की वेबसाइट ‘डेलीओ’ (DailyO) का परिचालन बंद दिया गया था और पूरे एडिटोरियल स्टाफ को हटा दिया गया था।
राष्ट्रिय राष्ट्रवादी पार्टी गत चार वर्षों से दिल्ली सरकार
राष्ट्रिय राष्ट्रवादी पार्टी गत चार वर्षों से दिल्ली सरकार से दिल्ली के तेरह लाख शिक्षित युवाओं को भी मनरेगा की तर्ज पे कम से कम १२० दिन की रोजगार गारंटी की मांग कर रही है, इस सम्बन्ध में कई बार लिखित अपील और धरना भी दिया गया परन्तु सात हज़ार करोण से लागू होने वाली दिल्ली के तेरह लाख शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार गारंटी सुनिश्चित नहीं कर रही है जबकि सरकार काम गिनाने और चेहरा चमकाने के लिए सात हज़ार तिन सौ करोण विज्ञापन में खर्च कर चुकी है |
विज्ञापनों की अधिकता के कारण भी पहले पेज पर लगने से रह गईं कई बड़ी खबरें
विज्ञापनों की ‘बारिश’ से आज भी दिल्ली के प्रमुख अखबारों भीगे रहे। आज हिंदी के प्रमुख अखबारों के फ्रंट पेज पर खबरों की बात सबसे पहले दैनिक जागरण से करते हैं। दैनिक जागरण में आज पहली पन्ना विज्ञापन से पूरा भरा हुआ है, इसलिए तीन नंबर पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। दैनिक जागरण ने फ्रंट पेज पर आम्रपाली विवाद में धोनी की कंपनी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख और ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी मामले को मिलाकर टॉप बॉक्स बनाया है। ये दोनों ही खबरें महत्वपूर्ण हैं और इन्हें उसी के अनुरूप जगह दी गई है। हालांकि, दैनिक जागरण का लीड का चुनाव कुछ अटपटा लगता है। इमरान खान के कबूलनामे को अखबार ने यूएपीए विधेयक और कच्ची कॉलोनियों से ज्यादा तवज्जो दी है। एयरटेल और वोडाफोन पर जुर्माने को भी काफी बड़ा लगाया गया है। नीचे चार कॉलम में मध्य प्रदेश में सियासी हलचल का समाचार है और एंकर में तीन तलाक बिल पर संसद में आज होने वाली चर्चा से जुड़ी खबर है। इस लिहाज से देखा जाए तो जागरण से यूएपीए विधेयक और कच्ची कॉलोनियों के मामले में चूक हो गई है।
हिन्दुस्तान ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक (यूएपीए) को लीड बनाया है। ‘आतंकवाद पर कड़े प्रयास का बिल पास’ शीर्षक तले लगी इस खबर के पास चार कॉलम में ‘कच्ची कॉलोनियों’ को जगह मिली है। इसके नीचे भीड़ की हिंसा पर पीएम को लिखे पत्र और इमरान खान का पाकिस्तान में 40 हजार आतंकियों के कबूलनामे का समाचार है। दोनों खबरों को दो-दो कॉलम में रखा गया है। इसके अलावा फ्रंट पेज पर कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर राजनाथ सिंह का बयान, तीन तलाक बिल, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के साथ-साथ मध्य प्रदेश में दो भाजपा विधायकों के टूटने की खबर भी है।
दैनिक जागरण की तरह अमर उजाला में भी पहले पन्ने पर फुूल पेज विज्ञापन है। इसलिए यहां भी तीसरा पन्ना ही फ्रंट पेज बनाया गया है। खबरों के मामले में अमर उजाला ने हिन्दुस्तान की तरह यूएपीए विधेयक को लीड लगाया है और दोनों शीर्षक भी लगभग एक जैसे ही हैं। इसके बगल में आम्रपाली विवाद को लेकर बढ़ी धोनी की टेंशन को डॉटेड बॉक्स में लगाया गया है। नवभारत और हिन्दुस्तान इस खबर को फ्रंट पेज पर रखने से चूक गए हैं। अमर उजाला ने टॉप बॉक्स में इमरान खान के कबूलनामे को रखा है। इसके अलावा पशु काटने को लेकर हाई कोर्ट के फैसले और मॉब लिंचिंग (भीड़ की हिंसा) पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का समाचार भी है। साथ ही ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में अवैध निर्माण को लेकर 30 बिल्डरों को जेल भेजने की तैयारी से जुड़ी महत्वपूर्ण न्यूज भी फ्रंट पेज पर है। ‘न्यूज डायरी’ में भी तीन अहम समाचारों को रखा गया है। मसलन, एयरटेल और वोडाफोन पर जुर्माने को मंजूरी, बाल यौन उत्पीड़न में मृत्युदंड का रास्ता साफ़ और अवैध कॉलोनी।
नवोदय टाइम्स की बात करें तो इसने भी हिन्दुस्तान और अमर उजाला की तरह यूएपीए विधेयक को लीड बनाया है, जबकि टॉप में कच्ची कॉलोनियों से संबंधित स्थानीय महत्व के समाचार को जगह मिली है। इसके अलावा पेज पर पीएम को लिखे पत्र और इमरान खान का कबूलनामा भी है। मध्य प्रदेश की सियासी हलचल को खूबसूरत शीर्षक ‘नाथ ने तोड़े भाजपा के दो कमल’ के साथ दो कॉलम में लगाया गया है। अखबार ने भारतवंशी प्रीति पटेल के ब्रिटेन के गृहमंत्री बनने के समाचार को फ्रंट पेज पर लगाकर अच्छा किया है। बाकी अख़बारों के प्रथम पृष्ठ पर यह खबर नहीं है, लेकिन आम्रपाली विवाद की फोलोअप स्टोरी नवोदय टाइम्स के फ्रंट पेज पर जगह नहीं बना पाई है। फ्रंट पेज पर न तो धोनी और न ही शाहबेरी से जुड़ा समाचार है, जो दिल्ली-एनसीआर के लिए महत्पपूर्ण है।
नवभारत टाइम्स के फ्रंट पेज पर छोटी-बड़ी कुल चार खबरें ही लग सकी हैं। अखबार ने लीड स्थानीय महत्व की खबर ‘कच्ची कॉलोनियों’ को बनाया है और टॉप बॉक्स में भी स्थानीय अपराध समाचार को जगह मिली है। दिल्ली के लिहाज से यह दोनों ही खबरें महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा सिंगल कॉलम में भी दो लोकल न्यूज लगाई गई हैं। पहली, मुखर्जी नगर कांड में दो पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी और दूसरी मानसून से जुड़ी है। यहां आपको बता दें कि अखबार में पहले और दूसरे पेज पर हाफ-हाफ पेज विज्ञापन है। ऐसे में यहां सिर्फ खबरों वाला पार्ट ही दिखाई दे रहा है। विज्ञापन वाला हिस्सा दिखाई नहीं दे रहा है।
आज भी कई अखबारों ने जैकेट विज्ञापन के कारण तीसरे पन्ने को बनाया है फ्रंट पेज
आम्रपाली बिल्डर के ‘सताए’ लोगों के लिए कल का दिन काफी अहम था, इसलिए यह खबर आज लगभग सभी अखबारों के फ्रंट पेज पर प्रमुखता से लगी है। नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान और नवोदय टाइम्स ने इसे लीड का दर्जा दिया है, जबकि अमर उजाला और दैनिक जागरण ने इसे टॉप पर बॉक्स में रखा है।
हिन्दुस्तान ने छह कॉलम में आम्रपाली को लीड लगाया है, जिसका शीर्षक ‘आम्रपाली के सताए लोग घर पाएंगे’ एकदम सटीक है। इसके पास ही दो कॉलम में ट्रंप के झूठ पर भारत की प्रतिक्रिया को रखा गया है और नीचे कच्ची कॉलोनियों को जगह मिली है। कई दिनों के बाद हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन नहीं है, जिसका संपादकीय टीम ने पूरा लाभ उठाया है। हालांकि, अखबार में जैकेट विज्ञापन जरूर है, जिसकी वजह से तीसरे पेज को प्रथम पृष्ठ बनाया गया है। नेताओं की सुरक्षा घटेगी, इस खबर को हिन्दुस्तान ने कर्नाटक के नाटक के समापन से ज्यादा तवज्जो दी है, जबकि कर्नाटक को निःसंदेह प्रमुखता से लगाया जाना चाहिए था। यह खबर पेज पर एंकर के ठीक ऊपर तीन कॉलम में है। ब्रिजेश सिंह की बाईलाइन ‘बसों में महिला यात्रियों को 10 रुपए की सब्सिडी मिलेगी’ स्थानीय महत्व की स्टोरी है। इसके अलावा एंकर में सौरभ सिंह ने भी जनता से जुड़ी स्टोरी दी है। इसके मुताबिक रिटर्न में फर्जी जानकारी देने पर 200 फीसदी जुर्माना लगेगा।
अमर उजाला ने कर्नाटक के आखिरी नाटक को लीड लगाया है, जिसकी प्रस्तुति काफी आकर्षक है। फ्रंट पेज पर खास बात यह है कि टाइप्ड हो चुका डॉटेड बॉक्स आज नजर नहीं आ रहा है. इसके बजाय रंगीन बॉर्डर वाले बॉक्स में आम्रपाली की खबर को खूबसूरती से सजाया गया है। हालांकि, शीर्षक उतना आकर्षक नहीं है। दो लाइन की इस हेडलाइन में सभी बातों को समेटने का प्रयास किया गया है। प्रथम पेज पर तीसरी और अंतिम बड़ी खबर ट्रंप के झूठ पर घमासान है, इसके अलावा किसी चौथी खबर की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि आधे पेज से ज्यादा विज्ञापन है। नवभारत और हिन्दुस्तान की तरह अमर उजाला ने भी आयकर रिटर्न भरने की मियाद 31 अगस्त तक बढ़ाये जाने की जानकारी को फ्रंट पेज पर रखा है।
दैनिक जागरण ने कर्नाटक की सियासी घमासान को लीड लगाया है, लेकिन टॉप बॉक्स में आम्रपाली पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। हालांकि, खबर की हेडलाइन बेहद साधारण है और उसका पॉइंट साइज भी जगह के हिसाब से छोटा रखा गया है। एक तरह से यह बॉक्स पूरा सपाट नजर आ रहा है। पेज पर तीसरी और अंतिम बड़ी खबर ट्रंप के झूठ पर मचा बवाल है। अमर उजाला की तरह जागरण में भी आधे पेज से ज्यादा विज्ञापन है, इसलिए ज्यादा खबरों की कोई गुंजाइश नहीं है। जागरण ने सिंगल या संक्षिप्त में भी आयकर रिटर्न वाले समाचार को तवज्जो नहीं दी है, जबकि उसे कहीं न कहीं लगाया जा सकता था।
नवोदय टाइम्स के फ्रंट पेज पर भी लीड आम्रपाली है। इसके बाद कर्नाटक की रार है और उसके बगल में ही लीड जितने पॉइंट साइज और स्पेस में ट्रंप के झूठ पर मचे बवाल को रखा गया है। अखबार ने एक तरह से यह दर्शाने का प्रयास किया है कि उसके लिए आम्रपाली और ट्रंप विवाद दोनों ही समान महत्व के समाचार हैं। यह सोच अच्छी है, लेकिन यदि किसी एक खबर को थोड़ा अलग तरह से पेश किया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। हालांकि, ट्रंप वाली खबर का शीर्षक ‘गप्पी ट्रंप के बयान पर संग्राम’ मजेदार है। इसके अलावा जैकेट विज्ञापन होने की वजह से अखबार ने दूसरे पेज को ट्रंप विवाद के नाम किया है और उसकी हेडलाइन ‘झूठा कहीं का’ भी बेहद आकर्षक है। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री को नवोदय टाइम्स ने कुछ ज्यादा ही बड़ी जगह दे दी है, इसके अलावा नेताओं की सुरक्षा में कटौती, आयकर रिटर्न और सिख दंगे में जमानत को भी फ्रंट पेज पर रखा गया है। एंकर में लापरवाही से हुई बच्चे की मौत का समाचार है।
नवभारत टाइम्स के फ्रंट पेज पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के झूठ को ऊपर सात कॉलम बॉक्स रंगीन में लगाया गया है। इस बॉक्स में दो वैल्यू एडिशन भी हैं, जिनमें पहला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वायरल फोटो, जिसमें वह बच्चे को खिलाते नजर आ रहे हैं और दूसरा ब्रिटेन के नए पीएम का चयन। इसके नीचे डीप तीन कॉलम में लीड है, जिसका शीर्षक ‘आम्रपाली की चाबी मिलेगी’ एक ही नज़र में सबकुछ बयां कर देता है। लीड की लम्बाई के हिसाब से इस बार शीर्षक को दो लाइनों में ही रखा गया है, जिससे लीड ज्यादा आकर्षक लग रही है। बड़े नेताओं की सुरक्षा में कमी का समाचार सिंगल में है। खास बात यह है कि इसकी हेडलाइन में ही यह स्पष्ट कर दिया है कि इससे भाजपा नेता सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। कर्नाटक के नाटक के अंत को अखबार ने तीन कॉलम में जगह दी है, और शीर्षक के मामले में यहां भी कमाल किया गया है। एंकर में स्थानीय महत्व की कच्ची कॉलोनियों से जुड़ी खबर है।
अंतरिक्ष में भारत की एक और ऐतिहासिक छलांग को अखबारों ने खास अंदाज में पेश किया है, कई अखबारों ने तैयार किए हैं जैकेट पेज
अंतरिक्ष में भारत की एक और ऐतिहासिक छलांग को अखबारों ने खास अंदाज में पेश किया है। अमर उजाला ने जहां इसके लिए जैकेट तैयार की है, वहीं हिन्दुस्तान ने भी दो फ्रंट पेज लगाये हैं। अमर उजाला तो पहले दिन से ही इस खबर को प्राथमिकता देता आ रहा है। नवभारत टाइम्स और दैनिक जागरण की प्रस्तुति भी तारीफ के काबिल है। सबसे अच्छी बात यह है कि आज जागरण की लीड हेडलाइन आकर्षक लग रही है, संपादकीय टीम ने सीधे-सपाट शीर्षक के बजाय कलात्मकता पर जोर दिया है।
अमर उजाला ने चंद्रयान 2 के लिए बेहद आकर्षक जैकेट तैयार की है। चांद और चंद्रयान की तस्वीरों से डिजाइन किया गया पेज देखते ही बनता है। ‘अब भारत की मुट्ठी में होगा चांद’ शीर्षक तले लगी इस खबर में पाठकों के मन में उठने वाली हर जिज्ञासा को शांत किया गया है। तीसरे पन्ने से शुरू हुए फ्रंट पेज पर टॉप बॉक्स में ‘आपा खोती दिल्ली’ यानी स्थानीय अपराध समाचार को रखा गया है। इसके पास ही चिरपरिचित डॉटेड बॉक्स में कर्नाटक के नाटक का अपडेट है। पेज पर जवान की शहादत के साथ ही मोस्टवांटेड बुरहान की गिरफ्तारी की खबर भी है। लीड हिन्दुस्तान की तरह कश्मीर को लगाया गया है और एंकर में उत्तर प्रदेश से जुड़े दो बड़े समाचार हैं। पहला, सोनभद्र पर सीएम का बयान कि मुख्य हत्यारा सपा का कार्यकर्ता और दूसरी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव से छिनेगी जेड प्लस सुरक्षा। इसके अलावा ‘न्यूज डायरी’ में भी चार महत्वपूर्ण खबरें हैं।
हिन्दुस्तान ने जैकेट विज्ञापन के चलते अपने फ्रंट पेज को चंद्रयान के नाम किया है और पेज 5 को मेन फ्रंट पेज बनाया है। चंद्रयान की प्रस्तुति अच्छी है, लेकिन शीर्षक ‘गर्व: चंद्रयान 2 चला चांद छूने’ ज्यादा आकर्षक नहीं है। ग्राफिक्स के जरिये इस ऐतिहासिक उपलब्धि से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात और वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम को पाठकों के समक्ष रखा गया है। फ्रंट पेज पर लीड कश्मीर वाली खबर है और उसके बगल में कर्नाटक का नाटक। जिस तरह से अमर उजाला डॉटेड बॉक्स को लेकर टाइप्ड हो गया है, उसी तरह हिन्दुस्तान भी पिछले कुछ दिनों से विज्ञापन के ऊपर बेहद छोटे-छोटे दो बॉक्स लगाता आ रहा है। एक ही जैसी प्रस्तुति बार-बार देखकर ऐसा लगता है जैसे डिजायनर या संपादकीय टीम के पास इसके अलावा कोई आइडिया है ही नहीं। फ्रंट पेज पर हेमवती नंदन राजौरा की बाईलाइन स्टोरी में एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया गया है कि एम्स में इस साल एक भी गरीब छात्र को दाखिला नहीं मिला। इसके नीचे सीमा पर जवान की शहादत और सूचना आयुक्तों के भत्ते से जुड़ा समाचार है। एंकर में मानसून की राहत देती खबर है। खबर के मुताबिक दिल्ली में सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। जिस स्थानीय अपराध समाचार को नवभारत ने एंकर में जगह दी है, उसे हिन्दुस्तान ने सिंगल में निपटा दिया है।
दैनिक जागरण का फ्रंट पेज आज काफी दिनों के बाद अच्छा लग रहा है। हालांकि, कम खबरों में पेज भरने की आदत बरकरार है। लीड चंद्रयान है। आधे पेज की इस खबर को आकर्षक तरह से प्रस्तुत किया गया है। खास बात यह है कि आज दैनिक जागरण की टीम ने शीर्षक को कलात्मक बनाने का सफल प्रयास किया है। खबर की हेडलाइन है ‘चांद चले हम’, यहां चांद की बिंदी के लिए चंद्रमा का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद एक बहुत बड़े बॉक्स में कश्मीर वाली खबर है। जिसे बड़े आराम से छोटा करके दो-तीन अन्य महत्वपूर्ण समाचारों को जगह दी जा सकती थी। एंकर में अगले साल शुरू होने वाले संभावित सूरज मिशन की तैयारी से जुड़ी खबर है। जागरण टीम यदि चाहती तो इस न्यूज को लीड के साथ बॉक्स रखकर एंकर में किसी दूसरी खबर को लगाया जा सकता था। दिल्ली का गुस्सा दर्शाते अपराध समाचारों को जागरण ने फ्रंट पेज पर नहीं रखा है, जबकि स्थानीय लिहाज से वह बेहद जरूरी थीं। नवभारत और अमर उजाला ने जहां इन समाचारों को बड़ा स्थान दिया है, वहीं हिन्दुस्तान ने सिंगल लगाया है, लेकिन जागरण ने तो सिंगल में भी उन्हें लगाना मुनासिब नहीं समझा।
नवभारत टाइम्स ने बहुत लंबे बॉक्स में लीड को उतारा है। ब्लैक बैकग्राउंड वाले बॉक्स में सफेद और लाल रंग के कॉम्बिनेशन और चंद्रयान एवं अंतरिक्ष के ग्राफिक्स ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है। लीड का शीर्षक ‘चंदा मामा दूर नहीं’ भी बहुत जबरदस्त है। पेज पर दूसरी बड़ी खबर अमेरिका राष्ट्रपति और पाक पीएम इमरान खान के बीच कश्मीर पर हुई बातचीत है। इसके नीचे कच्ची कॉलोनियों से जुड़ी स्थानीय महत्व की खबर को हल्के नीले बॉक्स में रखा गया है। इसके बाद कर्नाटक की सियासत का समाचार है। पेज पर दो रोचक सिंगल खबरें भी हैं। मसलन, यूपी के सपा विधायक की मुसलमानों से अपील कि भाजपा समर्थकों की दुकानों पर न जाएं और सरकार को अपनी डिजिटल करेंसी लाने का सुझाव। एंकर में स्थानीय अपराध समाचार हैं, जिन्हें काफी अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया है। ये खबरें छोटी-छोटी बातों को लेकर लोगों में बढ़ते गुस्से से जुड़ी हैं।
लगभग सभी अखबारों ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार से जुड़ी खबर को पहले पेज पर जगह दी है
राजधानी दिल्ली के प्रमुख अखबारों ने अमेरिका में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की फजीहत की खबर को प्रमुखता से उठाया है। नवभारत टाइम्स और दैनिक जागरण ने जहां उसे लीड लगाया है, वहीं अमर उजाला और हिन्दुस्तान ने अन्य खबरों को लीड का दर्जा दिया है। वहीं, लगभग सभी अखबारों ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार से जुड़ी खबर को पहले पेज पर जगह दी है।
सबसे पहले बात करते हैं हिन्दुस्तान की। इस अखबार ने हेमंत श्रीवास्तव की बाईलाइन खबर को लीड लगाया है। ‘यूपी-बिहार वालों की आय कम, कर ज्यादा’ शीर्षक तले लगी यह स्टोरी इनकम और टैक्स के अनुपात पर केंद्रित है। इस तरह की जानकारीपरक और रोचक एक्सक्लूसिव खबरों को लीड लगाना हमेशा से अच्छा रहा है। पेज पर दूसरी प्रमुख खबर है दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं शीला दीक्षित की। बड़ी फोटो के साथ इस समाचार को लगाया गया है। नवभारत टाइम्स के इतर हिन्दुस्तान ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया के चयन को सिंगल कॉलम में निपटा दिया है। वैसे इस न्यूज को बड़ा भी लगाया जा सकता था, क्योंकि क्रिकेट से जुड़े समाचार अपेक्षाकृत ज्यादा पढ़े जाते हैं। स्थानीय महत्व की ‘यमुना किनारे एलिवेटेड रोड की मंजूरी’ और झारखंड में हिंसा की खबर को दो-दो कॉलम में रखा गया है। हिन्दुस्तान ने फ्रंट पेज पर पिछले दिनों की तुलना में कम विज्ञापनों का पूरा फायदा उठाते हुए अपने पाठकों के समक्ष बहुत सारी खबरें परोसी हैं। कर्नाटक के नाटक को तीन कॉलम जगह मिली है। इसके नीचे सोनभद्र को बड़ी जगह में लगाया गया है और एंकर में चंद्रयान है।
अमर उजाला को देखें तो इस अखबार ने आकर्षक शीर्षक ‘चांद को छूने आज दोपहर 2:43 बजे उड़ान भरेंगे देश के सपने’ के साथ चंद्रयान को लीड लगाया है। लीड की प्रस्तुति भी काफी आकर्षक है, इसमें मिशन से जुड़ी छोटी-बड़ी हर जानकारी दी गई है। इसके बाद शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार का फोटो और नीचे दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मांगेराम के निधन का समाचार है। लीड के नीचे झारखण्ड में जादू-टोने के शक में चार लोगों की हत्या की न्यूज है, इसके साथ ही ‘न्यूज डायरी’ में टीम इंडिया के चयन सहित अन्य महत्वपूर्ण समाचारों को संक्षिप्त रूप में लगाया गया है। फ्रंट पेज पर विज्ञापनों के चलते केवल तीन ही बड़ी खबरों को जगह मिल सकी है।
दैनिक जागरण की बात करें तो अखबार के फ्रंट पेज पर आज काफी विज्ञापन है, लेकिन इतना भी नहीं कि संपादकीय टीम महज तीन बड़ी खबरें लगाकर काम खत्म कर ले। पिछले कुछ दिनों से यही देखने में आ रहा है कि ज्यादा विज्ञापन की स्थिति में दो या तीन बड़े समाचारों से पेज भर दिया जाता है, जबकि ऐसे मौकों पर खबरों को छोटा-छोटा करके ज्यादा से ज्यादा न्यूज रखने का प्रयास किया जाता है। जागरण ने अमेरिका में इमरान की फजीहत को लीड लगाया है, जिसकी प्रस्तुति आज भी कुछ खास है। बड़ी जगह में लगाई गई लीड में कलर का कोई इस्तेमाल नहीं है, सिवाय फोटो के। इस वजह से लीड बिलकुल भी आकर्षक नहीं लग रही है। इसके नीचे शीला दीक्षित का समाचार है और एंकर में सरकार की छोटे शहरों में मेट्रोलाइट ट्रेनें चलाने की योजना का जिक्र।
वहीं, नवभारत का पहला पेज आज विज्ञापन से पूरा भरा हुआ है। इसलिए इसके तीसरे पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। अखबार ने फ्रंट पेज पर रंगीन बॉक्स में शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार के समाचार को रखा है। अखबार ने इस खबर के शीर्षक में लिखा है, ‘अपने अंतिम सफर में भी दिल्ली को राह दिखा गईं शीला, सीएनजी से किया गया दाह-संस्कार’। इसी बॉक्स में कुछ अन्य राजनीतिक हस्तियों के निधन का समाचार भी है। इसके बगल में डीप तीन कॉलम में लीड है। लीड के नीचे सिंगल में चंद्रयान 2 और दो कॉलम में 4 युवाओं को आतंक के आरोप से मुक्त करने संबंधी समाचार है। अखबार ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया की घोषणा को भी बड़ी जगह दी है। डीप तीन कॉलम में तीन लाइन की हेडलाइन के साथ इसे लगाया गया है। एंकर में एक खबर देने के बजाय आज दो बड़े और दो सिंगल समाचारों को रखा गया है। इनमें महेंद्र सिंह धोनी की स्पेशल फ़ोर्स ट्रेनिंग के साथ-साथ 29 करोड़ रुपए के बिजली के बिल की रोचक खबर है।
जैकेट विज्ञापन के कारण लगभग सभी प्रमुख अखबारों ने तीसरे पन्ने को बनाया है अपना फ्रंट पेज
मानसून के मौसम में भले ही आधा देश सूखा हो, लेकिन राजधानी दिल्ली के प्रमुख अखबारों पर विज्ञापनों की ‘बरसात’ जारी है। नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण में आज भी जैकेट विज्ञापन है, जिसकी वजह से तीसरे पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। लीड के मामले में आज जहां नवभारत और हिन्दुस्तान ने एक ही खबर को चुना है, वहीं अमर उजाला और दैनिक जागरण ने अलग राह पकड़ी है।
नवभारत टाइम्स की बात करें तो अखबार ने कल दिन भर चले कर्नाटक के सियासी नाटक को लीड का दर्जा दिया है। इस खबर पर देशभर की नजरें हैं, क्योंकि इसके परिणाम मध्य प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल सकते हैं। वैसे भी कल इस मामले में उस वक्त रोमांचक मोड़ आ गया था, जब गवर्नर के आदेश को स्पीकर टालते रहे। नवभारत ने इसी बात को शीर्षक में उठाया है। अखबार ने लिखा है, ‘डेडलाइन देते रहे गवर्नर और टाइम दे गए स्पीकर।’ इसके बाद एक्सीडेंट के स्थानीय समाचार को दूसरी बड़ी खबर के रूप में लगाया गया है। ब्लैक बैकग्राउंड में ‘मर्सिडीज चला रहे लड़के ने तोड़ा सिग्नल, एसपीजी कमांडो की मौत’ शीर्षक के साथ इस न्यूज को रखा गया है। इसके नीचे प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोकने की खबर है। लीड के ठीक नीचे एक बड़े हिस्से में डेढ़-डेढ़ कॉलम की चार महत्वपूर्ण खबरों को लगाया गया है। मसलन, बिहार में भीड़ ने चार को मौत के घाट उतारा और टोल टैक्स पर नई नीति। यदि यहां दो कॉलम और एक सिंगल कॉलम न्यूज लगाते तो पेज इतना आकर्षक नहीं लग पाता। एंकर में क्रिकेट से जुड़ी एक दिलचस्प खबर है और टीम इंडिया के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल से बाहर होने के बाद उठ रहे सवालों के बीच यह खबर ज्यादा पढ़ी जाएगी। इसी में लखनऊ में खिलाड़ियों को हुई असुविधा का एक बॉक्स है।
हिन्दुस्तान ने भी कर्नाटक को लीड रखा है और इस बार हेडलाइन भी काफी रोचक है। कर्नाटक में काफी दिनों से सियासी नाटक चल रहा है, इसी को आधार बनाते हुए अखबार ने लिखा है, ‘कर्नाटक में अभूतपूर्व नाटक।’ इसके बाद दूसरी बड़ी खबर प्रियंका गांधी की है। फोटो के साथ लगाई गई इस न्यूज को टॉप पर रखा गया है। फ्रंट पेज पर दिल्ली में बढ़ रही गर्मी का अहसास भी होता है, सिंगल कॉलम में पारे में छह डिग्री बढ़ोत्तरी का समाचार है। अरविंद सिंह की बाईलाइन स्टोरी को भी तीन कॉलम जगह मिली है। यह स्टोरी काफी पढ़ी जाने वाली है, क्योंकि इसमें बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को टोल टैक्स और पार्किंग शुल्क नहीं देना होगा। जेसिका लाल और प्रियदर्शनी मट्टू के हत्यारों के रिहा नहीं होने संबंधी जिस खबर को नवभारत टाइम्स ने प्रथम पृष्ठ पर संक्षिप्त में रखा है, उसे हिन्दुस्तान ने पूरे चार कॉलम में लगाया है जो कि अच्छा फैसला है। बिहार हिंसा, बाबरी, अवैध प्रवासी से जुड़ी खबरों को दो-दो कॉलम जगह मिली है।
अमर उजाला ने सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी को लीड लगाया है और इसी बॉक्स में गोलीकांड पर योगी आदित्यनाथ का बयान भी है। दूसरी बड़ी खबर कर्नाटक का ‘नाटक’ है। इसके बाद नीचे ‘रईसजादे ने कैब को मारी टक्कर, पीएम के सुरक्षाकर्मी की मौत’ शीर्षक के साथ स्थानीय समाचार को लगाया गया है। इसके अलावा, बाबरी विध्वंस मामले सहित 600 करोड़ की हेरोइन जब्त संबंधी समाचार भी फ्रंट पेज पर है। एंकर में इंसान के चांद पर पहुंचने के 50 साल पूरे होने को लेकर रोचक स्टोरी है। इसके साथ ही ‘न्यूज डायरी’ में भी तीन महत्वपूर्ण खबरों को रखा गया है।
दैनिक जागरण ने उस समाचार को लीड लगाया है, जिसे हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर सबसे नीचे जगह मिली है। यानी अवैध प्रवासी। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार ने कहा है कि देश में अवैध प्रवासियों के लिए कोई स्थान नहीं है। अखबार ने इस खबर को काफी बड़ी जगह दी है। इसके ठीक बाद कर्नाटक की न्यूज है, लेकिन इसकी प्रस्तुति बेहद नीरस है। सिंगल हेडलाइन के साथ डीप तीन कॉलम में उतारी गई इस खबर को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे धड़ बड़ा और सिर छोटा हो। इसके बाद नीचे सड़क दुर्घटना और बिहार में हिंसा के समाचार हैं। दोनों को ही उपयुक्त जगह मिली है। साथ ही तीन कॉलम में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले ‘नौकरियों में महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण’ को लगाया गया है। कल की तरह ही आज भी एंकर स्टोरी अपेक्षाकृत काफी बड़ी है। हालांकि, अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़ी यह खबर पढ़ने लायक जरूर है।
कहीं जैकेट विज्ञापन है तो कहीं फ्रंट पेज पर कुछ ही खबरों की गुंजाइश है
दिल्ली के प्रमुख अखबारों में आज भी काफी विज्ञापन है। कहीं जैकेट विज्ञापन है तो कहीं फ्रंट पेज पर कुछ ही खबरों की गुंजाइश है। सबसे पहले दैनिक जागरण की बात करें तो अखबार का पहला पन्ना विज्ञापन से पूरा भरा हुआ है। ऐसे में अखबार के तीसरे पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। दैनिक जागरण में सात कॉलम का टॉप बॉक्स ‘जागरण फिल्म फेस्टिवल’ के नाम है। लीड मायावती के भाई से जुड़ी खबर बनाई गई है और उसके पास ही जाधव की खबर है। ‘कुलभूषण जाधव’ से जुड़े अपडेट को पाठकों तक पहुंचाने में जागरण ने कोई कंजूसी नहीं दिखाई है। इसके बाद नीचे काफी बड़े स्पेस में कर्नाटक के नाटक को रखा गया है, निसंदेह यह बड़ा मामला है, लेकिन इसे छोटा करके एक-दो अन्य महत्वपूर्ण समाचारों को लगाया जा सकता था। एक तरह से देखें तो फ्रंट पेज पर केवल तीन ही बड़ी खबरें हैं, क्योंकि टॉप बॉक्स तो जागरण की फिल्म फेस्टिवल से जुड़ी अपनी खबर के नाम है। इतना अच्छा काम जरूर किया गया है कि अंदर के पन्नों की अहम ख़बरों को संक्षिप्त रूप में प्रथम पृष्ठ पर जगह मिली है।
अमर उजाला को देखें तो इसमें भी पहले पन्ने पर फुल पेज विज्ञापन होने के चलते तीसरे पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। अमर उजाला का ये पेज आज काफी अच्छा लग रहा है। अखबार ने कुलभूषण जाधव मामले में हुए अपडेट को लीड लगाया है। इसका शीर्षक भी भारतीय कोशिशों के अनुरूप है। लीड के पैकेज में ही हाफिज सईद की खबर भी है। अमर उजाला ने जाधव के समाचार के साथ न्याय किया है, इसकी अहमियत को समझते हुए पुन: लीड बनाने का फैसला अच्छा है। पेज पर दूसरी प्रमुख खबर दिल्ली की कच्ची कॉलोनियां हैं और इसकी हेडलाइन हिन्दुस्तान के मुकाबले ज्यादा स्पष्ट है। हिन्दुस्तान ने जहां इस मसले पर केंद्र सरकार के राजी होने संबंधी मुख्यमंत्री केजरीवाल के बयान को उठाया है, वहीं अमर उजाला ने इस बात को बताया है कि कितनी कॉलोनियां वैध होंगी और कितने लोगों को इसका फायदा मिलेगा। इसके नीचे अयोध्या विवाद से जुड़ा समाचार है। कर्नाटक के नाटक को भी बड़ी जगह मिली है और एंकर में मायावती के भाई और आजम खान की खबर रखी गई हैं। एंकर की दोनों ही खबरें पढ़ने लायक हैं। चर्चित रोहित शेखर हत्याकांड को भी फ्रंट पेज पर रखा गया है। इसके अलावा चंद्रयान को रंगीन सिंगल में जगह दी गई है। इससे समाचार का महत्व भी बना रहा और उसे ज्यादा जगह भी नहीं देनी पड़ी। ‘न्यूज़ डायरी’ में भी तीन महत्वपूर्ण सिंगल खबरें हैं।
दैनिक जागरण और अमर उजाला की तरह हिन्दुस्तान में भी आज पहले पेज पर फुल पेज विज्ञापन है, इसलिए यहां भी तीसरे पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। ‘माया के भाई की बेनामी संपत्ति जब्त’ शीर्षक के साथ इस न्यूज को लीड लगाया गया है। इसके ठीक बगल में कर्नाटक के सियासी हलचल की खबर है और नीचे दो कॉलम में अयोध्या विवाद से जुड़ा समाचार है। दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों से संबंधित समाचार को फ्रंट पेज पर रखना समझदारी भरा फैसला है, क्योंकि यह सीधे तौर पर लाखों लोगों से जुड़ाव रखता है। नवभारत टाइम्स से इस मामले में चूक हो गई है। हिन्दुस्तान ने जाधव को सिंगल कॉलम में लगाया है, जबकि कल की लीड को आज कम से कम थोड़ा बड़ा लगाया जा सकता था, वैसे भी यह मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। चंद्रयान2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई को होगा, यदि इस खबर को सिंगल और जाधव को डीसी (दो कॉलम) में रखा जाता, तो अपेक्षाकृत ज्यादा बेहतर रहता। आईएमएम में दो साल की पीएचडी को मान्य नहीं मानने के सरकार के फैसले को भी फ्रंट पेज पर लगाया गया है।
वहीं, नवभारत टाइम्स ने आज भी हेडलाइन में कमाल किया है। अखबार ने कर्नाटक के सियासी नाटक को लीड लगाया है। कर्नाटक में एक तरफ जहां सत्तापक्ष शक्ति परिक्षण में देरी के लिए हरसंभव प्रयास करता आ रहा है, वहीं भाजपा जल्दी में है। कुछ पार्टी विधायकों ने कल सदन में ही रात गुजारी। नवभारत टाइम्स की संपादकीय टीम ने इन्हीं दोनों बातों को जोड़ते हुए शीर्षक ‘कर्नाटक में टाइम पास बनाम नाइट शो पर टिका विश्वास’ लगाया है। हालांकि, लीड का स्थान और स्टाइल लगभग कल जैसा ही है। मायावती के भाई की खबर को ऊपर उपयुक्त जगह मिली है, इसके नीचे जाधव की खबर दो कॉलम और अयोध्या विवाद को सिंगल कॉलम में रखा गया है। इसके अलावा स्थानीय अपराध समाचार के साथ ही चंद्रयान-2 और इशरत जहां से जुड़ी न्यूज भी प्रथम पृष्ठ पर है।