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समीक्षा: आज के हिंदी अखबारों के फ्रंट पेज की 'कहानी'
सीबीआई के छापे, घर खरीदार और क्रिकेट को सभी में प्रमुखता से लगाया गया है
नीरज नैयर 5 years ago
दिल्ली के अखबारों का आज का फ्रंट पेज खबरों के लिहाज से लगभग समान है। सीबीआई के छापे, घर खरीदार और क्रिकेट को सभी में प्रमुखता से लगाया गया है। हिन्दुस्तान, अमर उजाला और दैनिक जागरण में जहां सीबीआई की कार्रवाई को लीड रखा गया है, वहीं नवभारत टाइम्स की सोच थोड़ी जुदा रही। अखबार ने घर खरीदारों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लीड का दर्जा दिया है। एक साथ 100 से ज्यादा जगहों पर सीबीआई के छापे निसंदेह बड़ी खबर है, लेकिन आम आदमी के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट का आदेश ज्यादा मायने रखता है और इसलिए अपनी ‘जुदा’ सोच के लिए नवभारत टाइम्स की टीम बधाई की पात्र है।
अखबार ने सेमीफाइनल में बारिश के खलल पर जो शीर्षक लगाया है, वो भी कमाल है। ‘फाइनल की रेस में बारिश का ब्रेक, बाकी मैच आज’ अपने आप में सबकुछ बयां कर देता है। इसके अलावा, भाईचारे को दर्शाती हौज काजी की न्यूज को ऊपर बॉक्स में जगह देकर उसके साथ न्याय किया गया है। ऐसी खबरों को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए। फ्रंट पेज पर ज्यादा विज्ञापन होने के बावजूद संपादकीय टीम ने छोटी-छोटी ही सही, लेकिन महत्वपूर्ण खबरों को फ्रंट पेज पर रखने का प्रयास किया है।
हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर भी काफी विज्ञापन हैं। टॉप में क्रिकेट के बजाय हौजकाजी की खबर को रखा गया है, जो कि एक अच्छा फैसला है। वैसे दो कॉलम बॉक्स में सेमीफाइनल की न्यूज लगाकर संपादकीय टीम ने खेलप्रेमियों को भी निराश नहीं किया है। लीड यहां सीबीआई है, लेकिन फ्रंट पेज पर घर खरीदारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश वाले समाचार को जगह नहीं मिलना चौंकाता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि विज्ञापनों की वजह से जगह सीमित थी, लेकिन ऐसी कई खबरें हैं, जिनमें से किसी के स्थान पर इस न्यूज को लगाया जा सकता था, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर लोगों से जुड़ाव रखती है। हां, हिन्दुस्तान में एक खबर अच्छी है, जो शायद नवभारत टाइम्स से छूट गयी। ‘सुसाइड नोट छोड़कर लापता हुई कोमल बेंगलुरु में जिंदा मिली’, यह स्थानीय महत्व की खबर है और इसे प्रथम पृष्ठ पर लगाना अच्छा निर्णय है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसदों से पदयात्रा के लिए कहने से जुड़े समाचार को भी उपयुक्त जगह दी गई है।
अमर उजाला का आज का फ्रंट पेज भी काफी खिला-खिला नजर आ रहा है। क्रिकेट के समाचार को टॉप में बेहद खूबसूरती के साथ पेश किया गया है। शीर्षक ‘मुट्ठी में थी जीत, बाकी हिसाब आज करेगा भारत’ ने इसकी खूबसूरती को और भी निखार दिया है। लीड भले ही सीबीआई छापे ही हैं, लेकिन घर खरीदारों वाली न्यूज को भी उतनी ही प्राथमिकता दी गई है। संपादकीय टीम के मनपसंद डॉटेड बॉक्स में इस खबर को ऊपर क्रिकेट के पास से तीन कॉलम में लगाया गया है। कोमल वाली खबर भी फ्रंट पेज पर है, इसके अलावा हिमांशु मिश्र की बाईलाइन स्टोरी में भी अच्छी जानकारी है। स्टोरी के अनुसार भाजपा ने संघ से 12 तेजतर्रार प्रचारक मांगे हैं। एंकर की जगह कर्नाटक की कलह को मिली है, इस खबर पर सियासत में रुचि रखने वालों की नजर है।
दैनिक जागरण ने भी फ्रंट पेज पर कम विज्ञापन होने का पूरा फायदा उठाया है। हालांकि, कोमल वाली खबर के मामले में संपादकीय टीम से चूक हो गई है। लीड सीबीआई है और क्रिकेट को इसके पास से दो कॉलम में नीचे उतारा गया है। दोनों ही खबरों की प्रस्तुति खास आकर्षक नहीं है, उन्हें पारंपरिक ढंग से ही लगाया गया है। घर खरीदारों वाले समाचार को भले ही लीड के नीचे रखा गया है, लेकिन उसके साथ अन्याय नहीं हुआ है। नरेश गोयल से 18 हजार करोड़ जमा कराने वाली खबर जागरण के अलावा किसी दूसरे अखबार के प्रथम पृष्ठ पर नहीं है। कर्नाटक की कलह से जुड़ा अपडेट भी पाठकों के लिए फ्रंट पेज पर है, जबकि एंकर में जागरण ने एक और अच्छी खबर लगाई है। जयप्रकाश रंजन की बाईलाइन में बताया गया है कि जल्द ही सुबह और शाम को बिजली के दाम अलग-अलग होंगे। ये समाचार आम लोगों से जुड़ाव रखता है और इसके पाठक भी काफी ज्यादा होंगे। आज दैनिक जागरण के फ्रंट पेज पर दो अच्छी खबरें हैं, जिनसे बाकी अखबार चूक गए।
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