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किन बड़ी खबरों के नाम रहा आज के अखबारों का फ्रंट पेज, पढ़ें यहां

आज भी कई अखबारों ने जैकेट विज्ञापन के कारण तीसरे पन्ने को बनाया है फ्रंट पेज

नीरज नैयर 5 years ago

आम्रपाली बिल्डर के ‘सताए’ लोगों के लिए कल का दिन काफी अहम था, इसलिए यह खबर आज लगभग सभी अखबारों के फ्रंट पेज पर प्रमुखता से लगी है। नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान और नवोदय टाइम्स ने इसे लीड का दर्जा दिया है, जबकि अमर उजाला और दैनिक जागरण ने इसे टॉप पर बॉक्स में रखा है।

हिन्दुस्तान ने छह कॉलम में आम्रपाली को लीड लगाया है, जिसका शीर्षक ‘आम्रपाली के सताए लोग घर पाएंगे’ एकदम सटीक है। इसके पास ही दो कॉलम में ट्रंप के झूठ पर भारत की प्रतिक्रिया को रखा गया है और नीचे कच्ची कॉलोनियों को जगह मिली है। कई दिनों के बाद हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन नहीं है, जिसका संपादकीय टीम ने पूरा लाभ उठाया है। हालांकि, अखबार में जैकेट विज्ञापन जरूर है, जिसकी वजह से तीसरे पेज को प्रथम पृष्ठ बनाया गया है। नेताओं की सुरक्षा घटेगी, इस खबर को हिन्दुस्तान ने कर्नाटक के नाटक के समापन से ज्यादा तवज्जो दी है, जबकि कर्नाटक को निःसंदेह प्रमुखता से लगाया जाना चाहिए था। यह खबर पेज पर एंकर के ठीक ऊपर तीन कॉलम में है। ब्रिजेश सिंह की बाईलाइन ‘बसों में महिला यात्रियों को 10 रुपए की सब्सिडी मिलेगी’ स्थानीय महत्व की स्टोरी है। इसके अलावा एंकर में सौरभ सिंह ने भी जनता से जुड़ी स्टोरी दी है। इसके मुताबिक रिटर्न में फर्जी जानकारी देने पर 200 फीसदी जुर्माना लगेगा।

अमर उजाला ने कर्नाटक के आखिरी नाटक को लीड लगाया है, जिसकी प्रस्तुति काफी आकर्षक है। फ्रंट पेज पर खास बात यह है कि टाइप्ड हो चुका डॉटेड बॉक्स आज नजर नहीं आ रहा है. इसके बजाय रंगीन बॉर्डर वाले बॉक्स में आम्रपाली की खबर को खूबसूरती से सजाया गया है। हालांकि, शीर्षक उतना आकर्षक नहीं है। दो लाइन की इस हेडलाइन में सभी बातों को समेटने का प्रयास किया गया है। प्रथम पेज पर तीसरी और अंतिम बड़ी खबर ट्रंप के झूठ पर घमासान है, इसके अलावा किसी चौथी खबर की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि आधे पेज से ज्यादा विज्ञापन है। नवभारत और हिन्दुस्तान की तरह अमर उजाला ने भी आयकर रिटर्न भरने की मियाद 31 अगस्त तक बढ़ाये जाने की जानकारी को फ्रंट पेज पर रखा है।

दैनिक जागरण ने कर्नाटक की सियासी घमासान को लीड लगाया है, लेकिन टॉप बॉक्स में आम्रपाली पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। हालांकि, खबर की हेडलाइन बेहद साधारण है और उसका पॉइंट साइज भी जगह के हिसाब से छोटा रखा गया है। एक तरह से यह बॉक्स पूरा सपाट नजर आ रहा है। पेज पर तीसरी और अंतिम बड़ी खबर ट्रंप के झूठ पर मचा बवाल है। अमर उजाला की तरह जागरण में भी आधे पेज से ज्यादा विज्ञापन है, इसलिए ज्यादा खबरों की कोई गुंजाइश नहीं है। जागरण ने सिंगल या संक्षिप्त में भी आयकर रिटर्न वाले समाचार को तवज्जो नहीं दी है, जबकि उसे कहीं न कहीं लगाया जा सकता था।

नवोदय टाइम्स के फ्रंट पेज पर भी लीड आम्रपाली है। इसके बाद कर्नाटक की रार है और उसके बगल में ही लीड जितने पॉइंट साइज और स्पेस में ट्रंप के झूठ पर मचे बवाल को रखा गया है। अखबार ने एक तरह से यह दर्शाने का प्रयास किया है कि उसके लिए आम्रपाली और ट्रंप विवाद दोनों ही समान महत्व के समाचार हैं। यह सोच अच्छी है, लेकिन यदि किसी एक खबर को थोड़ा अलग तरह से पेश किया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। हालांकि, ट्रंप वाली खबर का शीर्षक ‘गप्पी ट्रंप के बयान पर संग्राम’ मजेदार है। इसके अलावा जैकेट विज्ञापन होने की वजह से अखबार ने दूसरे पेज को ट्रंप विवाद के नाम किया है और उसकी हेडलाइन ‘झूठा कहीं का’ भी बेहद आकर्षक है। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री को नवोदय टाइम्स ने कुछ ज्यादा ही बड़ी जगह दे दी है, इसके अलावा नेताओं की सुरक्षा में कटौती, आयकर रिटर्न और सिख दंगे में जमानत को भी फ्रंट पेज पर रखा गया है। एंकर में लापरवाही से हुई बच्चे की मौत का समाचार है।

नवभारत टाइम्स के फ्रंट पेज पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के झूठ को ऊपर सात कॉलम बॉक्स रंगीन में लगाया गया है। इस बॉक्स में दो वैल्यू एडिशन भी हैं, जिनमें पहला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वायरल फोटो, जिसमें वह बच्चे को खिलाते नजर आ रहे हैं और दूसरा ब्रिटेन के नए पीएम का चयन। इसके नीचे डीप तीन कॉलम में लीड है, जिसका शीर्षक ‘आम्रपाली की चाबी मिलेगी’ एक ही नज़र में सबकुछ बयां कर देता है। लीड की लम्बाई के हिसाब से इस बार शीर्षक को दो लाइनों में ही रखा गया है, जिससे लीड ज्यादा आकर्षक लग रही है। बड़े नेताओं की सुरक्षा में कमी का समाचार सिंगल में है। खास बात यह है कि इसकी हेडलाइन में ही यह स्पष्ट कर दिया है कि इससे भाजपा नेता सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। कर्नाटक के नाटक के अंत को अखबार ने तीन कॉलम में जगह दी है, और शीर्षक के मामले में यहां भी कमाल किया गया है। एंकर में स्थानीय महत्व की कच्ची कॉलोनियों से जुड़ी खबर है।


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