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आज इन बड़ी खबरों को फ्रंट पेज पर रखा हिंदी अखबारों ने
विज्ञापनों की अधिकता के कारण भी पहले पेज पर लगने से रह गईं कई बड़ी खबरें
नीरज नैयर 5 years ago
विज्ञापनों की ‘बारिश’ से आज भी दिल्ली के प्रमुख अखबारों भीगे रहे। आज हिंदी के प्रमुख अखबारों के फ्रंट पेज पर खबरों की बात सबसे पहले दैनिक जागरण से करते हैं। दैनिक जागरण में आज पहली पन्ना विज्ञापन से पूरा भरा हुआ है, इसलिए तीन नंबर पन्ने को फ्रंट पेज बनाया गया है। दैनिक जागरण ने फ्रंट पेज पर आम्रपाली विवाद में धोनी की कंपनी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख और ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी मामले को मिलाकर टॉप बॉक्स बनाया है। ये दोनों ही खबरें महत्वपूर्ण हैं और इन्हें उसी के अनुरूप जगह दी गई है। हालांकि, दैनिक जागरण का लीड का चुनाव कुछ अटपटा लगता है। इमरान खान के कबूलनामे को अखबार ने यूएपीए विधेयक और कच्ची कॉलोनियों से ज्यादा तवज्जो दी है। एयरटेल और वोडाफोन पर जुर्माने को भी काफी बड़ा लगाया गया है। नीचे चार कॉलम में मध्य प्रदेश में सियासी हलचल का समाचार है और एंकर में तीन तलाक बिल पर संसद में आज होने वाली चर्चा से जुड़ी खबर है। इस लिहाज से देखा जाए तो जागरण से यूएपीए विधेयक और कच्ची कॉलोनियों के मामले में चूक हो गई है।
हिन्दुस्तान ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक (यूएपीए) को लीड बनाया है। ‘आतंकवाद पर कड़े प्रयास का बिल पास’ शीर्षक तले लगी इस खबर के पास चार कॉलम में ‘कच्ची कॉलोनियों’ को जगह मिली है। इसके नीचे भीड़ की हिंसा पर पीएम को लिखे पत्र और इमरान खान का पाकिस्तान में 40 हजार आतंकियों के कबूलनामे का समाचार है। दोनों खबरों को दो-दो कॉलम में रखा गया है। इसके अलावा फ्रंट पेज पर कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर राजनाथ सिंह का बयान, तीन तलाक बिल, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के साथ-साथ मध्य प्रदेश में दो भाजपा विधायकों के टूटने की खबर भी है।
दैनिक जागरण की तरह अमर उजाला में भी पहले पन्ने पर फुूल पेज विज्ञापन है। इसलिए यहां भी तीसरा पन्ना ही फ्रंट पेज बनाया गया है। खबरों के मामले में अमर उजाला ने हिन्दुस्तान की तरह यूएपीए विधेयक को लीड लगाया है और दोनों शीर्षक भी लगभग एक जैसे ही हैं। इसके बगल में आम्रपाली विवाद को लेकर बढ़ी धोनी की टेंशन को डॉटेड बॉक्स में लगाया गया है। नवभारत और हिन्दुस्तान इस खबर को फ्रंट पेज पर रखने से चूक गए हैं। अमर उजाला ने टॉप बॉक्स में इमरान खान के कबूलनामे को रखा है। इसके अलावा पशु काटने को लेकर हाई कोर्ट के फैसले और मॉब लिंचिंग (भीड़ की हिंसा) पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का समाचार भी है। साथ ही ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में अवैध निर्माण को लेकर 30 बिल्डरों को जेल भेजने की तैयारी से जुड़ी महत्वपूर्ण न्यूज भी फ्रंट पेज पर है। ‘न्यूज डायरी’ में भी तीन अहम समाचारों को रखा गया है। मसलन, एयरटेल और वोडाफोन पर जुर्माने को मंजूरी, बाल यौन उत्पीड़न में मृत्युदंड का रास्ता साफ़ और अवैध कॉलोनी।
नवोदय टाइम्स की बात करें तो इसने भी हिन्दुस्तान और अमर उजाला की तरह यूएपीए विधेयक को लीड बनाया है, जबकि टॉप में कच्ची कॉलोनियों से संबंधित स्थानीय महत्व के समाचार को जगह मिली है। इसके अलावा पेज पर पीएम को लिखे पत्र और इमरान खान का कबूलनामा भी है। मध्य प्रदेश की सियासी हलचल को खूबसूरत शीर्षक ‘नाथ ने तोड़े भाजपा के दो कमल’ के साथ दो कॉलम में लगाया गया है। अखबार ने भारतवंशी प्रीति पटेल के ब्रिटेन के गृहमंत्री बनने के समाचार को फ्रंट पेज पर लगाकर अच्छा किया है। बाकी अख़बारों के प्रथम पृष्ठ पर यह खबर नहीं है, लेकिन आम्रपाली विवाद की फोलोअप स्टोरी नवोदय टाइम्स के फ्रंट पेज पर जगह नहीं बना पाई है। फ्रंट पेज पर न तो धोनी और न ही शाहबेरी से जुड़ा समाचार है, जो दिल्ली-एनसीआर के लिए महत्पपूर्ण है।
नवभारत टाइम्स के फ्रंट पेज पर छोटी-बड़ी कुल चार खबरें ही लग सकी हैं। अखबार ने लीड स्थानीय महत्व की खबर ‘कच्ची कॉलोनियों’ को बनाया है और टॉप बॉक्स में भी स्थानीय अपराध समाचार को जगह मिली है। दिल्ली के लिहाज से यह दोनों ही खबरें महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा सिंगल कॉलम में भी दो लोकल न्यूज लगाई गई हैं। पहली, मुखर्जी नगर कांड में दो पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी और दूसरी मानसून से जुड़ी है। यहां आपको बता दें कि अखबार में पहले और दूसरे पेज पर हाफ-हाफ पेज विज्ञापन है। ऐसे में यहां सिर्फ खबरों वाला पार्ट ही दिखाई दे रहा है। विज्ञापन वाला हिस्सा दिखाई नहीं दे रहा है।
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