वरिष्ठ पत्रकार


बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि दुनिया में शराब के व्यापार में भारत तीसरे नंबर पर है। करीब तीन अरब डालर शराब की कमाई है।

आलोक मेहता 2 weeks ago

राजधानी में संभवतः ऐसे बहुत कम पत्रकार इस समय होंगे, जो 1972 से 1976 के दौरान गुजरात में संवाददाता के रूप में रहकर आए हों।

आलोक मेहता 2 months ago

नई शिक्षा नीति में हिंदी और भारतीय भाषाओँ को सर्वाधिक प्राथमिकता दिए जाने से हिंदी के उपयोग के विस्तार में महत्वपूर्ण सहायता मिलने वाली है।

आलोक मेहता 2 months ago

भारत विरोधी लॉबी के कुछ नेताओं ने तथ्यों को जाने समझे बिना यूरोपीय संसद में मणिपुर हिंसा से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा दिया।

आलोक मेहता 4 months ago

राहुल गांधी और उनकी समर्थक देशी-विदशी टोलियों ने पिछले महीनों के दौरान भारत में लोकतंत्र खत्म होने, मीडिया के दमन, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की मातमी धुन के कुप्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी।

आलोक मेहता 5 months ago

आप कृपया इस शीर्षक से चौंकिए नहीं और न ही इसे प्रशंसा की अतिशयोक्ति समझें। मैं तथ्य के आधार पर भारतीयों का ध्यान दिलाना चाहता हूं।

आलोक मेहता 5 months ago

मीडिया की आजादी और उसकी आत्म अनुशासन-आचार संहिता, संवैधानिक संरक्षण पर निरंतर जागरूकता निश्चित रूप से आवश्यक है। लेकिन भारत के सुरक्षा तंत्र की जासूसी पर नजर तथा कठोर कानून भी बहुत जरूरी हैं।

आलोक मेहता 5 months ago

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्र का राजनीतिक वातावरण बदलता रहा है। 2014 में पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश में 11 सीटें जीतने के साथ ही अपना वोट 6 गुना बढ़ा लिया।

आलोक मेहता 6 months ago

ताजा उदाहरण पिछले दिनों कुख्यात अपराधी अतीक अहमद और उसके भाई की प्रयागराज में तीन अपराधियों द्वारा हत्या की खबरों को पूर्वाग्रह और गलत तथ्य तथा सांप्रदायिक रंग देकर पेश करना है।

आलोक मेहता 7 months ago

मानहानि के कानून की आपराधिक धारा को हटाने के लिए मैं वर्ष 2006 से कुछ वर्षों तक एडिटर्स गिल्ड के माध्यम से आवाज उठाता रहा हूं।

आलोक मेहता 8 months ago

गुजरात दंगों पर बनाई गई ‘बीबीसी’ की प्रॉपगेंडा डॉक्यूमेंट्री की आलोचना ब्रिटेन में भी हो रही है।

आलोक मेहता 9 months ago

एक बार फिर हंगामा। मीडिया में कारपोरेट समूह और सत्ता की राजनीति के प्रभाव को लेकर सोशल मीडिया तथा अन्य मंचों पर विवाद जारी है।

आलोक मेहता 11 months ago

वह आकाश से हुई कोई देव वाणी नहीं है। आजादी के 75 साल बाद भारतीय समाज और मीडिया अधिक जागरूक, सक्रिय और शक्ति संपन्न हो चुका है।

आलोक मेहता 1 year ago

अत्याधुनिक संचार साधनों के दौर में लोकतांत्रिक देशों के लिए नई समस्याएं सामने आ रही हैं।

आलोक मेहता 1 year ago

आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दौर पर कुछ भी लिखने के लिए अपने अनुभवों को ही आधार बनाना जरूरी है।

आलोक मेहता 1 year ago

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से देशभर के पत्रकारों को बड़ी राहत महसूस हुई है, लेकिन राज्य सरकारों, उनकी पुलिस को भी अपनी सीमाओं को समझकर मनमानी की प्रवृत्ति को बदलना होगा।

आलोक मेहता 2 years ago

दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में मीडिया के लिए मार्गदर्शी नियम कानून हैं और उनका पालन बहुत हद तक होता है।

आलोक मेहता 2 years ago

अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार को लेकर कांग्रेस नेता नाना भाऊ फाल्गुन राव पटोले के ऐलान पर वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने रखी अपनी बात

आलोक मेहता 2 years ago

एक बार फिर गंभीर विवाद। प्रिंट, टीवी चैनल, सीरियल, फिल्म, सोशल मीडिया को कितनी आजादी और कितना नियंत्रण? सरकार, प्रतिपक्ष और समाज कभी खुश, कभी नाराज।

आलोक मेहता 2 years ago

टीवी चैनल्स के बीच टीआरपी की ‘जंग’ के साथ अब उसके भंडाफोड़ की नौबत आ गई है |

आलोक मेहता 3 years ago