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Zee-सोनी की विलय प्रक्रिया पर जल्द मुहर लगने की संभावना: इंडस्ट्री
डॉ. सुभाष चंद्रा व पुनीत गोयनका अब सेबी मामले में SAT द्वारा उनकी अपील खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
सिक्योरिटीज एंड एपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने सोमवार को एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा और ZEE के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ पुनीत गोयनका की वो याचिकाएं खारिज कर दीं, जिनमें सेबी (SEBI) के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें उन्हें किसी भी लिस्टेड कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिया गया था।
खबर है कि डॉ. सुभाष चंद्रा व पुनीत गोयनका अब सेबी मामले में SAT द्वारा उनकी अपील खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
इस बीच, इंडस्ट्री विशेषज्ञों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' को बताया कि जी-सोनी विलय पर मुहर लगने की संभावना है।
एलारा कैपिटल के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट करण तौरानी के अनुसार, ZEE और Sony के बीच विलय की काफी संभावना है। उन्होंने कहा कि SEBI और SAT के साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह व्यक्तिगत स्तर पर हो रहा है और इससे चीजों में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा।
इंडस्ट्री रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि इस सौदे पर जल्द अमल होने की संभावना है।
सोमवार को जारी किए नोट में डोलट कैपिटल ने कहा कि हमारा मानना है कि NCLT का आदेश पॉजिटिव होगा, क्योंकि मामला NCLT में ऋणदाताओं से संबंधित था। वैसे भी जी मैनेजमेंट के मुताबिक, कंपनी ने या तो ऋणदाताओं के साथ समझौता कर लिया, या मामले का निपटारा कर दिया, जहां भी दूर-दूर तक Zee का नाम जुड़ा हुआ था।
बता दें कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ ने सोमवार को जी-सोनी विलय पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। खंडपीठ ने दोनों पक्षों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने की अनुमति दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जी के वकील ने कहा कि इस मामले में गैर-लेनदार आपत्तिकर्ता, जो कंपनी के लेनदार भी नहीं हैं, विलय को रैनसम के लिए रुकावट पैदा कर रहे हैं।
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