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दुनिया को 'अलविदा' कह गए लोकमत के पूर्व समूह संपादक दिनकर रायकर
वयोवृद्ध पत्रकार और लोकमत के पूर्व समूह संपादक दिनकर रायकर का आज शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
वयोवृद्ध पत्रकार और लोकमत के पूर्व समूह संपादक (ग्रुप एडिटर) दिनकर रायकर का आज शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे।
बताया जा रहा है कि उन्हें कोरोना के साथ-साथ डेंगू भी हो गया था। उनका इलाज मुंबई के नानावती अस्पताल में चल रहा था, जहां डेंगू से तो वह पूरी तरह से ठीक हो गए थे, लेकिन महामारी से वह जिंदगी की जंग हार गए। उनके फेफड़ों का संक्रमण 80 प्रतिशत था। गुरुवार रात उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आया था। हालांकि, सुबह उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी और सुबह तीन बजे उनकी मौत हो गई। उनके परिवार में पत्नी, बेटा और बेटी हैं।
रायकर पांच दशकों से भी अधिक समय से पत्रकारिता जगत में सक्रिय थे। उन्होंने पत्रकारिता का सफर ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से शुरू किया था। चूंकि उनके पास मुंबई में रहने के लिए घर नहीं था, इसलिए वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के कार्यालय में रहते थे और वहां काम करते थे। उन्होंने एक्सप्रेस ग्रुप में टीपी ऑपरेटर, रिपोर्टर से डिप्टी एडिटर तक का सफल सफर तय किया। लोकसत्ता से सेवानिवृत्त होने के बाद वे लोकमत समूह के संपादक बने। प्रारंभ में, वे औरंगाबाद के संपादक थे। वह पिछले कुछ सालों से लोकमत के ग्रुप एडिटर थे।
दिनकर अपने मुखर जनसंपर्क, राज्य भर के पत्रकारों के साथ घनिष्ठ संबंध और किसी भी मदद के लिए जाने जाते थे। मंत्रालय और विधायी समाचार एजेंसी से उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें महाराष्ट्र सरकार से लाइफटाइम अचीवमेंट पत्रकारिता पुरस्कार भी मिला। रायकर को विभिन्न पुरस्कारों जैसे लीडर जीजी जाधव पुरस्कार, सुशीलादेवी देशमुख पत्रकारिता पुरस्कार, रोटर अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार, कृषिवलकर प्रभाकर पाटिल पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह मंत्रालय के मुंबई प्रेस क्लब और विधायी समाचार दल के पूर्व अध्यक्ष थे।
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