होम / डिजिटल / डिजिटल पत्रकारिता के चुनौतीपूर्ण दौर में The Print छह साल से कुछ यूं दिखा रहा ‘दम’
डिजिटल पत्रकारिता के चुनौतीपूर्ण दौर में The Print छह साल से कुछ यूं दिखा रहा ‘दम’
जाने-माने पत्रकार शेखर गुप्ता द्वारा स्थापित ‘द प्रिंट’ की कवरेज अपने अब तक के सफर के दौरान राजनीति से लेकर कल्चर तक और इकनॉमी से लेकर टेक्नोलॉजी तक काफी व्यापक रही है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
डिजिटल पत्रकारिता के तेजी से बदलते इस दौर में जाने-माने पत्रकार शेखर गुप्ता द्वारा स्थापित ‘द प्रिंट’ (The Print) लगातार प्रामाणिक और प्रभावशाली पत्रकारिता में उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में मजबूती से खड़ा हुआ है। ‘द प्रिंट’ ने अपनी छह साल की उल्लेखनीय यात्रा पूरी कर ली है, ऐसे में यह ‘द प्रिंट’ के लिए सिर्फ एक मील का पत्थर नहीं है, बल्कि ऑनलाइन क्षेत्र में विश्वसनीय पत्रकारिता की शक्ति का प्रमाण है।
छह साल पहले शेखर गुप्ता ने एक ऐसे प्लेटफॉर्म की परिकल्पना की थी जो पारंपरिक पत्रकारिता मूल्यों और डिजिटल युग की तीव्र गति के बीच की खाई को पाट सके। इन वर्षों में ‘द प्रिंट’ ने सिर्फ न्यूज ही नहीं दी है, बल्कि जटिलताओं को समझते हुए मानदंडों को चुनौती देने के साथ ही गहन विश्लेषण प्रदान किया है, जो आज इसकी पहचान बन गई है।
शेखर गुप्ता के नेतृत्व में ‘द प्रिंट’ न सिर्फ गहन पत्रकारिता में सबसे आगे रहा है बल्कि उन महत्वपूर्ण स्टोरीज को सामने लाया है, जिन्होंने लोगों की राय को आकार दिया है और नीतियों को प्रभावित किया है। प्रभावशाली रिपोर्टिंग के प्रति इसकी प्रतिबद्धता ने न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में पाठकों का विश्वास अर्जित किया है।
‘द प्रिंट’ के गहन राजनीतिक विश्लेषण, सामाजिक-आर्थिक टिप्पणियों और दृष्टिकोणों ने इसे विचारशील चर्चा चाहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सूचना का आसान स्रोत बना दिया है।
जो चीज ‘द प्रिंट’ को दूसरों से अलग बनाती है, वह न केवल इसका कंटेंट है, बल्कि डिजिटल पत्रकारिता के लिए इसका अभिनव दृष्टिकोण भी है। मल्टीमीडिया की शक्ति को अपनाते हुए इसमें न्यूज स्टोरीज को बेहतर और आसानी से समझने में आने योग्य बनाने के लिए टेक्स्ट, इमेज और वीडियो के प्रभावशाली संयोजन का सहारा लिया जाता है। इसकी यही विशेषताओं पाठकों को इसके प्रति आकर्षित करती हैं और वे अपनी बात सामने रख पाते हैं।
वर्तमान दौर में जहां डिजिटल स्पेस में तमाम फेक न्यूज और सनसनीखेज समाचारों का बोलबाला है, ‘द प्रिंट’ पत्रकारिता की नैतिकता को बरकरार रखते हुए मजबूती से खड़ा हुआ है। आज के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान जब विश्वसनीय जानकारी सर्वोपरि है। सच्चाई और प्रामाणिकता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता इसे दूसरों से खास बनाती है।
यानी कह सकते हैं कि ‘द प्रिंट’ का प्रभाव अब किसी दायरे में नहीं रहा है, बल्कि वैश्विक घटनाओं की इसकी व्यावहारिक कवरेज और जटिल मुद्दों को प्रासंगिक बनाने की इसकी क्षमता ने इसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाया है। छह साल के अपने अब तक के सफर के दौरान राजनीति से लेकर कल्चर तक और इकनॉमी से लेकर टेक्नोलॉजी तक ‘द प्रिंट’ की कवरेज काफी व्यापक रही है और इसने किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी है।
अब जब ‘द प्रिंट’ अपनी छठी वर्षगांठ मना रहा है, यह सिर्फ एक न्यूज पोर्टल के रूप में नहीं बल्कि एक विचारशील लीडर के रूप में आमजन की बातचीत को आकार देने और राय को प्रभावित करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसकी अब तक की यात्रा पत्रकारिता के उच्चतम मानकों के प्रति इसके समर्पण का प्रमाण है। एक आशाजनक भविष्य के साथ, ‘द प्रिंट’ डिजिटल दौर में प्रामाणिक पत्रकारिता की ताकत की याद दिलाते हुए लोगों को प्रेरित करने, सूचित करने और उनकी बात को सामने लाने का काम जारी रखे हुए है।
टैग्स पत्रकारिता शेखर गुप्ता द प्रिंट जर्नलिज्म छह साल