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जानें, क्यों SC से राहत मिलने के बाद भी फिलहाल जेल में रहेंगे मोहम्मद जुबैर
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। जुबैर को सीतापुर मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक जारी रहेगी।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। जुबैर को सीतापुर मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सीतापुर मामले में अंतरिम जमानत बढ़ाई है। यूपी पुलिस चार हफ्ते में जवाब दाखिल करेगी और अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी। ये राहत केवल सीतापुर मामले में है, बाकी की कार्यवाही निचली अदालतों मे है इसलिए लखीमपुर और दिल्ली के केस पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उधर, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा दर्ज मामले में मोहम्मद जुबैर ने दिल्ली के पटियाला हाउस की सेशन्स कोर्ट में जमानत के लिए गुहार लगाई है, इस मामले में मंगलवार यानी आज सुनवाई होनी थी, जिसे अब टाल दी गई है। इस मामले में अब गुरुवार को सुनवाई होगी। यहां वैमनस्यता फैलाने के आरोप में उनके खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज है।
दिल्ली पुलिस के वकील ने इस मामले में बहस के लिए और ज्यादा समय की मांग की थी और अदालत से अनुरोध किया कि वे इस मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए लिया जाए। हालांकि, मोहम्मद जुबैर की ओर से पेश हुए वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि दो दिनों के लिए इस मामले को टालना अनुचित होगा। उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो इस मामले पर कल सुनवाई की जाए।
गौरतलब है कि चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से जमानत अर्जी खारिज होने के आदेश को जुबैर ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी है। साल 2018 में किये एक ट्वीट के चलते जुबैर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने और वैमनस्य फैलाने का आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसके खिलाफ FCRA एक्ट के सेक्शन 35 और सबूतों के साथ छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज कर लिया गया था।
जुबैर की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने दलील देते हुए कहा कि जिस ट्वीट के चलते जुबैर की गिरफ्तारी हुई है, वो 2018 में किया गया था। ये 1983 में आई ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म किसी से न कहना का सीन है। ये फिल्म सबने देखी है। इस पर कोई रोक नहीं है। कोर्ट चाहे तो उस सीन के वीडियो को कोर्ट रूम में भी दिखाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जुबैर ने ट्वीट किया, वैसा बहुत सारे लोगो ने किया है। यहां तक कि एक अखबार में भी ये छपा लेकिन कार्रवाई सिर्फ जुबैर के खिलाफ हुई।
वहीं इससे पहले, फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को लखीमपुर खीरी की कोर्ट ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है। उन्हें अब 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा। पिछले साल जुबैर के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में 295ए और आईटी एक्ट का केस मोहम्मदी थाने में दर्ज किया गया था। इसी मामले में सोमवार को मोहम्मद जुबैर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेशी हुई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।
मोहम्मद जुबैर पर मोहम्मदी पुलिस द्वारा धारा 153बी, 505(2), 505(1)(बी) बढ़ाई गई है।
लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी थाना क्षेत्र के रहने वाले आशीष कटियार ने सितंबर 2021 में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने को लेकर 295ए और आईटी एक्ट का केस दर्ज कराया था। जुबैर के खिलाफ लखीमपुर खीरी की मोहम्मदी कोर्ट ने वारंट जारी किया था।रें
मोहम्मद जुबैर को 27 जून को धार्मिक भावनओं के आहत करने वाले एक ट्वीट के मामले में गिरफ्तार किया था। आपको बता दें कि हिंदू शेर सेना के सीतापुर के जिलाध्यक्ष भगवान शरण द्वारा बीते एक जून को धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर जुबैर के शिकायत दर्ज कराई गई थी। जुबैर ने बजरंगमुनि, यति नरसिंहानंद और आनंद स्वरूप को ट्वीटर पर लिखा था ‘घृणा फैलाने वाले’ हिन्दू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरण की तहरीर पर जुबैर के खिलाफ ये मुकदमा हुआ था।
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