इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्नाव के पत्रकार शुभम मणि त्रिपाठी की हत्या के अरोपी कन्हैया अवस्थी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत की गई गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्नाव के पत्रकार शुभम मणि त्रिपाठी की हत्या के अरोपी कन्हैया अवस्थी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत की गई गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है। कोर्ट ने पाया कि रासुका की कार्रवाई के बाद याची द्वारा भेजे गए प्रत्यावेदन को केंद्र सरकार ने निर्णित करने में व जिलाधिकारी उन्नाव ने प्रत्यावेदन को अग्रसारित करने में देरी की, जिसके बाद उन्होंने एनएसए की नजरबंदी को खारिज कर दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने कन्हैया अवस्थी की ओर से उसकी भाभी शिवांगी अवस्थी द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पारित किया।
त्रिपाठी उन्नाव से प्रकाशित एक समाचार दैनिक 'कम्पुमली' के जिला संवाददाता थे और भू-माफियाओं से संबंधित कहानियों को कवर करते थे।
न्यायालय ने याचिका पर विस्तृत सुनवाई के बाद पारित अपने आदेश में कहा कि याची ने 22 सितम्बर 2020 को प्रत्यावेदन भेज दिया था, जिसे अग्रसारित करने में जिलाधिकारी ने नौ दिनों की देरी की। वहीं केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को 5 अक्टूबर 2020 को याची का प्रत्यावेदन प्राप्त हो गया था जिस पर 14 अक्टूबर को कार्रवाई शुरू की गई। कार्रवाई शुरू होने में हुई इस देरी का भी संतोषजनक उत्तर केंद्र सरकार की ओर से नहीं दिया गया है। इसके अलावा मंत्रालय के संयुक्त सचिव के समक्ष प्रत्यावेदन जाने के बाद भी 13 दिनों की देरी की गई।
न्यायालय ने कहा कि रासुका के मामलों में इस प्रकार की देरी के अकेले आधार पर निरुद्धि आदेश को खारिज किया जा सकता है। इस टिप्पणी के साथ न्यायालय ने कन्हैया अवस्थी के खिलाफ रासुका के तहत पारित निरुद्धि आदेश को खारिज कर दिया।
बता दें कि कथित तौर पर, 19 जून, 2020 को पत्रकार शुभम त्रिपाठी की अवस्थी और अन्य लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, और 302 के साथ धारा 34 और धारा 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके बाद, अवस्थी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रखा गया और जब वह जेल में था।
यह नियुक्ति एक जनवरी 2025 से प्रभावी होगी और पांच साल के लिए होगी। हाल ही में हुई कंपनी की बोर्ड मीटिंग में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के बोर्ड ने कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के पद पर पुनीत गोयनका की पुनर्नियुक्ति (re-appointment) को अपनी मंजूरी दे दी है। हाल ही में हुई बोर्ड मीटिंग में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। यह नियुक्ति एक जनवरी 2025 से प्रभावी होगी और पांच साल के लिए होगी।
दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करते हुए कंपनी ने कहा कि गोयनका के नेतृत्व में ZEE ने मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक मज़बूत प्लेयर के रूप में अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया है। कंपनी ने कहा कि गोयनका का 25 वर्षों से ज्यादा का अनुभव ZEE की पहुंच को वैश्विक स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण रहा है, जिससे यह नेटवर्क 190 से अधिक देशों में 1.3 बिलियन से अधिक दर्शकों तक अपनी सेवाएं पहुंचा रहा है।
कंपनी के अनुसार, ‘नामांकन और पारिश्रमिक समिति की सिफारिश के आधार पर और कंपनी के सदस्यों के अनुमोदन के अधीन, कंपनी के निदेशक मंडल ने आज आयोजित अपनी बैठक में अन्य बातों के साथ-साथ कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में पुनीत गोयनका की पुनर्नियुक्ति पर विचार किया और अपनी मंजूरी दे दी।’
'बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज' (BSE) को इस बारे में सूचित करते हुए कंपनी का यह भी कहना था, ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के रूप में पुनीत गोयनका कंपनी का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें ब्रॉडकास्ट, डिजिटल, मूवीज और म्यूजिक सब शामिल है। 25 वर्षों से अधिक के अपने विशाल अनुभव के साथ वह एशिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों और देश के अग्रणी बिजनेस लीडर्स में से एक हैं।
उन्होंने वैश्विक स्तर पर 190 से अधिक देशों में कंपनी के विस्तार का नेतृत्व करते हुए नए अवसरों की पहचान करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिससे कंपनी 1.3 बिलियन से अधिक दर्शकों तक पहुंचने में सफल रही है। इससे कंपनी को मीडिया और एंटरटेनमेंट के ईकोसिस्टम में अपनी मज़बूत पकड़ बनाए रखने में मदद मिली है।‘
आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) 28 नवंबर को आयोजित की जाएगी, जिसमें शेयरधारकों द्वारा कंपनी की भविष्य की रणनीतिक दिशा पर चर्चा की जाएगी।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्टिफिकेशन (IFABC) की हाल ही में आयोजित जनरल असेंबली में हॉर्मुज़द मसानी को सर्वसम्मति से पांचवीं बार APABC के अध्यक्ष चुना गया
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्टिफिकेशन (IFABC) की हाल ही में आयोजित जनरल असेंबली में हॉर्मुज़द मसानी को सर्वसम्मति से पांचवीं बार एशिया पैसिफिक ऑडिट ब्यूरोक्स ऑफ सर्टिफिकेशन (APABC) का अध्यक्ष चुना गया। साथ ही, उन्हें लगातार नौवीं बार IFABC के कार्यकारी बोर्ड सदस्य और मानद कोषाध्यक्ष के रूप में भी चुना गया। इस कार्यकारी बोर्ड में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, रोमानिया, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्य ब्यूरो के प्रतिनिधि शामिल हैं।
हॉर्मुज़द मसानी ने 2008 से लगातार भारत के ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC) का प्रतिनिधित्व IFABC के कार्यकारी बोर्ड में किया है। IFABC की जनरल असेंबली में वैश्विक स्तर पर ऑडिटिंग और मीडिया मापन में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं और नवाचारों को लागू करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
IFABC अपने सदस्यों को एक मंच प्रदान करता है जहां वे ज्ञान साझा कर सकते हैं और मीडिया में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सहयोगात्मक समाधान विकसित कर सकते हैं। हॉर्मुज़द मसानी दिसंबर 1998 से ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC), भारत के महासचिव हैं।
ABC इंडिया की स्थापना 1948 में हुई थी और यह IFABC का संस्थापक सदस्य है। ABC भारत हर छह महीने में 650 से अधिक सदस्य प्रकाशनों की सर्कुलेशन आंकड़ों का ऑडिट और प्रमाणन करता है।
मसानी की इस भूमिका में निरंतरता उनके अनुभव और नेतृत्व कौशल को दर्शाती है, जो वैश्विक स्तर पर मीडिया में विश्वास और पारदर्शिता को बनाए रखने में सहायक है।
पावेल चोपड़ा को जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों के लिए चीफ ह्यूमन रिसोर्सेस ऑफिसर (CHRO) के रूप में नियुक्त किया गया है।
पावेल चोपड़ा को जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों के लिए चीफ ह्यूमन रिसोर्सेस ऑफिसर (CHRO) के रूप में नियुक्त किया गया है। पावेल जी मीडिया के नोएडा स्थित कार्यालय से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
इस नई भूमिका में, पावेल चोपड़ा जी मीडिया की मानव संसाधन रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगे, ताकि कंपनी की नीतियां, संस्कृति और काम करने की प्रणाली उच्च प्रदर्शन और संगठनों की क्षमता को बढ़ावा दे सकें। वे संगठनात्मक विकास के प्रमुख होंगे, परिवर्तन के पहलुओं को लागू करेंगे, और कंपनी के दीर्घकालिक व्यावसायिक और मानव संसाधन लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देंगे।
पावेल के पास मानव संसाधन नेतृत्व का दो दशकों से अधिक का अनुभव है और उन्होंने कई प्रमुख उद्योगों जैसे लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज और मीडिया में काम किया है। उन्होंने Genpact, Sony Pictures और भारतीय समूहों जैसे- आदित्य बिड़ला कैपिटल और Allcargo के साथ भी काम किया है।
Zee में शामिल होने से पहले, पावेल ने एक टेक-लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप OxyZEN Express की सह-स्थापना की थी। उनका विशेषज्ञता क्षेत्र मानव संसाधन, प्रोक्योरमेंट, टेक्नोलॉजी डिवेलपमेंट, संगठनात्मक क्षमता निर्माण और परिवर्तन प्रबंधन में फैला हुआ है। इस व्यापक अनुभव ने उन्हें ग्रोथ और ट्रांसफॉर्मेशन को प्रभावी ढंग से लागू करने की गहरी समझ दी है।
पावेल की इस नियुक्ति से जी मीडिया के विकास और मानव संसाधन प्रबंधन में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद है, जिससे कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों को मजबूती मिलेगी।
सूचना और प्रसारण एवं संसदीय मामलों के राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने गुरुवार को 'प्रसारण क्षेत्र में उभरते रुझान और तकनीक' विषय पर आयोजित एक आधे दिन की संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
सूचना और प्रसारण एवं संसदीय मामलों के राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने गुरुवार को 'प्रसारण क्षेत्र में उभरते रुझान और तकनीक' विषय पर आयोजित एक आधे दिन की संगोष्ठी का उद्घाटन किया। यह संगोष्ठी ट्राई (TRAI) द्वारा 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2024' (IMC-2024) के साथ आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी, सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और ट्राई के सचिव अतुल कुमार चौधरी भी उपस्थित थे। यह आयोजन प्रसारण क्षेत्र में हालिया तकनीकी प्रगति और इसके बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में आयोजित किया गया।
तकनीकी प्रगति और प्रसारण क्षेत्र में परिवर्तन
उद्घाटन भाषण में डॉ. एल. मुरुगन ने बताया कि कैसे तकनीकी प्रगति ने भारत के प्रसारण क्षेत्र को बदल दिया है, जिसमें अब सामग्री (कॉन्टेंट) को दर्शकों का मुख्य केंद्र बिंदु बना दिया गया है। उन्होंने जोर दिया कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर तबकों तक प्रसारण सेवाओं की पहुंच को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि वे भी इन क्षेत्रों में समाहित हो सकें।
उन्होंने कहा, "आज हम एक सामग्री-आधारित अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं और भारत एक 'कॉन्टेंट हब' के रूप में उभर रहा है। सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से प्रसारण के क्षेत्र में नए अवसर खुले हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, सूचना-प्रसारण मंत्रालय 5-9 फरवरी, 2025 के बीच 'WAVESummit' का आयोजन कर रहा है, जिसमें सामग्री निर्माताओं को 27 चुनौतियों का सामना करने का अवसर मिलेगा। यह उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा, जिससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।"
AVGC (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स) क्षेत्र को बढ़ावा
डॉ. मुरुगन ने विशेष रूप से AVGC क्षेत्र पर ध्यान देने की बात की, जिससे भारत में सामग्री उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके लिए एक सिंगल-विंडो सिस्टम के माध्यम से व्यापार को आसान बनाने की प्रक्रिया को अपनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने 234 नए शहरों में FM रेडियो चैनलों की नीलामी को मंजूरी दी है, जिससे स्थानीय सामग्री का विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के '2047 तक विकसित भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें प्रसारण क्षेत्र को आर्थिक विकास और सांस्कृतिक प्रसार का एक प्रमुख माध्यम बनाया जा रहा है।
डिजिटल रेडियो, D2M प्रसारण और 5G की क्षमता
सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने अपने विशेष संबोधन में मंत्रालय की भूमिका और प्रसारण क्षेत्र में विकासोन्मुखी नीतियों को आकार देने पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल रेडियो की क्षमता को एक किफायती जनसंचार उपकरण के रूप में बताया, जो बेहतर साउंड क्वालिटी और स्पेक्ट्रम उपयोग को अनुकूलित करता है। इसके अलावा, उन्होंने डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) प्रसारण की चर्चा की, जो मोबाइल फोन पर सीधे कंटेंट डिलीवरी को सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रसार भारती IIT कानपुर और सांक्या लैब्स के साथ मिलकर उच्च और निम्न शक्ति के ट्रांसमीटरों का उपयोग करके D2M प्रसारण का परीक्षण कर रहा है।
उन्होंने 5G तकनीक के साथ ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी उभरती तकनीकों के संभावित लाभों पर भी बात की, जो प्रसारण अनुभव को और अधिक दिलचस्प और आकर्षक बना सकती हैं। इसके अलावा, उन्होंने AVGC-XR (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) क्षेत्र में संभावित वृद्धि पर भी प्रकाश डाला, जो स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा दे सकता है और सामग्री खपत के अनुभव को और बेहतर बना सकता है।
नियामक ढांचे को सुदृढ़ करना
संगोष्ठी की शुरुआत में ट्राई के सचिव अतुल कुमार चौधरी ने बताया कि यह संगोष्ठी ट्राई के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें हालिया प्रगति को ध्यान में रखते हुए प्रसारण क्षेत्र में बदलावों पर चर्चा की जा रही है और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार नियामक ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।
मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में वृद्धि
ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने अपने मुख्य भाषण में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की मजबूत वृद्धि का उल्लेख किया, जो 2026 तक ₹3.08 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने उभरती तकनीकों की शक्ति पर जोर दिया, जो दर्शकों को और अधिक इंटरैक्टिव और समृद्ध अनुभव प्रदान करती हैं।
उन्होंने बताया कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) प्रसारण एक वैकल्पिक कंटेंट डिलीवरी तकनीक के रूप में उभर रही है, जो इंटरनेट के बिना भी प्रसारण की सुविधा प्रदान करती है। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल रेडियो के लाभों पर जोर दिया, खासकर उन क्षेत्रों में जहां टेलीविजन कनेक्शन की कमी है। उन्होंने ट्राई की उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और सेवा प्रदाताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया।
भविष्य की प्रसारण नवाचारों की खोज
इस संगोष्ठी के माध्यम से प्रसारण क्षेत्र में नए नवाचारों की संभावनाओं पर चर्चा की गई, जो आने वाले समय में प्रसारण के क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाएंगी और भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेंगी।
दिग्विजय सिंह देव खेल पत्रकारिता में एक जाना-माना नाम हैं और उन्हें इस क्षेत्र में दो दशक से अधिक का अनुभव है। वह एक पुरस्कार विजेता पत्रकार और प्रड्यूसर हैं।
APL अपोलो ग्रुप की इकाई 'एसजी स्पोर्ट्स, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट' (SG Sports, Media & Entertainment) ने घोषणा की कि उन्होंने सीनियर स्पोर्ट्स एडिटर दिग्विजय सिंह देव को स्पोर्ट्स व मीडिया का वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया है।
दिग्विजय सिंह देव खेल पत्रकारिता में एक जाना-माना नाम हैं और उन्हें इस क्षेत्र में दो दशक से अधिक का अनुभव है। वह एक पुरस्कार विजेता पत्रकार और प्रड्यूसर हैं। इससे पहले, वह 'विऑन' (WION) में स्पोर्ट्स एडिटर के पद पर 7 साल तक काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने स्पोर्ट्स टीम की स्थापना की और नेटवर्क के प्रमुख स्पोर्ट्स शो को डिजाइन किया। WION से पहले, उन्होंने 11 साल तक 'सीएनएन-आईबीएन' (CNN IBN) में काम किया, जहां वह प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट के रूप में जुड़े और 2014 में उन्हें स्पोर्ट्स एडिटर बनाया गया। इसके अलावा, दिग्विजय 'दूरदर्शन' और 'स्टार न्यूज' में भी काम कर चुके हैं।
SGSE में अपने नए रोल में, दिग्विजय अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए कंपनी के खेल से जुड़े विभिन्न हितों के लिए रणनीति और दिशा प्रदान करेंगे। वह कंटेंट-बेस्ड आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) और साझेदारियों के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार होंगे और सीधा SG Sports, Media & Entertainment के सीईओ महेश भूपति को रिपोर्ट करेंगे।
अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए, दिग्विजय सिंह देव ने कहा, "21 साल से खेल को कवर करना एक लंबी यात्रा रही है और अब मुझे लगता है कि यह एक स्वाभाविक कदम है कि मैं व्यवसाय के दूसरे पहलू में आऊं। यह भूमिका दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण है क्योंकि भारत में खेलों का विकास हो रहा है और यह सही समय था इसमें जुड़ने का। मैं SGSE का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह अवसर दिया।"
SGSE के सीईओ महेश भूपति ने कहा, "दिग्गी के टीम में शामिल होने पर मुझे बहुत खुशी है। उनके पास खेल जगत में बहुत अनुभव और एक बड़ा नेटवर्क है, और मुझे विश्वास है कि वह SGSE में हमारे काम को और मूल्यवान बनाएंगे।"
इस नई नियुक्ति से SGSE को उम्मीद है कि वे भारतीय खेल उद्योग में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करेंगे और नए अवसरों को तलाशने में सफल होंगे।
आलोक कुमार इससे पहले एक साल से ज्यादा समय से 'प्लैनेटकास्ट मीडिया सर्विस' (Planetcast Media Service) में बतौर सीनियर ब्रॉडकास्ट असिस्टेंट के रूप में अपनी पारी खेल रहे थे।
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) ने आलोक कुमार को एसोसिएट मीडिया एडमिनिस्ट्रेटर के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने यहां पर 16 अक्टूबर को जॉइन भी कर लिया है।
आलोक कुमार इससे पहले एक साल से ज्यादा समय से 'प्लैनेटकास्ट मीडिया सर्विस' (Planetcast Media Service) में बतौर सीनियर ब्रॉडकास्ट असिस्टेंट के रूप में अपनी पारी खेल रहे थे।
उन्होंने यहां पर पिछले साल जुलाई में जॉइन किया था। 'प्लैनेटकास्ट मीडिया सर्विस' से पहले आलोक कुमार 'न्यूज नेशन' (News Nation) नेटवर्क में बतौर टेक्निकल MCR में 'मीडिया एडमिनिस्ट्रेटर' के रूप में काम कर रहे थे।
आलोक कुमार ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत 'संस्कार टीवी चैनल' के साथ वर्ष 2017 में की थी। वहां वह बतौर ट्रांसमिशन एग्जिक्यूटिव टेक्निकल MCR में कार्यरत थे।
आलोक कुमार की पढ़ाई-लिखाई नोएडा और दिल्ली से हुई है। समाचार4मीडिया की ओर से आलोक कुमार को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
मलयाला मनोरमा ने आशीष भाटिया को उत्तर व पूर्व क्षेत्र के लिए अपने नए चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया है।
मलयाला मनोरमा ने आशीष भाटिया को उत्तर व पूर्व क्षेत्र के लिए अपने नए चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया है। भाटिया ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर अपनी इस नई भूमिका की जानकारी दी है।
अपनी नई जिम्मेदारी के तहत, आशीष भाटिया मलयाला मनोरमा समूह के प्रिंट, ऑनलाइन, रेडियो व टीवी बिजनेस के लिए उत्तर व पूर्व मार्केट्स का नेतृत्व करेंगे। साथ ही, वह इन क्षेत्रों में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ और मार्केटिंग स्ट्रैटजीस का भी ध्यान रखेंगे।
इससे पहले, आशीष भाटिया लोकमत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में वाइस प्रेजिडेंट (नॉर्थ) के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा, उन्होंने एचटी मीडिया लिमिटेड और मेल टुडे न्यूज़पेपर प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रमुख मीडिया कंपनियों के साथ भी काम किया है।
आशीष भाटिया को मीडिया सेल्स व मार्केटिंग के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव है। उन्होंने अपने करियर के दौरान राजस्व बढ़ाने, मीडिया के विभिन्न माध्यमों को मॉनेटाइज करने, प्रॉफिट व लॉस मैनेज करने, क्लाइंट सॉल्यूशंस, की अकाउंट मैनेजमेंट, ATL व BTL एक्टिवेशंस, ब्रैंड टाईअप्स, गवर्नमेंट रिलेशंस व पीआर और टीम निर्माण जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम किया है। उनकी विशेषज्ञता मलयाला मनोरमा के विस्तार और बाजार में मजबूती बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उनकी इस नियुक्ति से मलयाला मनोरमा को उत्तरी और पूर्वी बाजारों में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने की उम्मीद है।
राज टेलीविजन नेटवर्क ने 14 अक्टूबर 2024 को आयोजित अपनी बोर्ड बैठक में सुब्रमण्यम शिवकुमार को कंपनी के गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक की हैसियत से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया है
राज टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड (Raj Television Network Ltd.) ने 14 अक्टूबर 2024 को आयोजित अपनी बोर्ड बैठक में सुब्रमण्यम शिवकुमार को कंपनी के गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक की हैसियत से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया है, जो पांच साल की अवधि के लिए अपने पद पर बने रहेंगे, लेकिन तब जब उनकी नियुक्ति को अगले तीन महीनों में पोस्टल बैलट के माध्यम से शेयरधारकों की स्वीकृति प्राप्त हो जाए।
कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के लिस्टिंग दायित्वों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं के नियम 30 के तहत यह जानकारी दी है। कंपनी ने यह भी पुष्टि की है कि सुब्रमण्यम शिवकुमार पर किसी भी प्राधिकरण या SEBI द्वारा निदेशक पद संभालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
शिवकुमार एम.एससी (कृषि) और बी.एससी (कृषि) की डिग्री के साथ एक उच्च-शिक्षित और अनुभवी प्रोफेशनल हैं। उनके पास फाइनेंस और मैनेजमेंट कंसल्टिंग, कैपिटल रेजिंग, मर्चेंट बैंकिंग और एडवाइजरी सर्विस में चालीस से अधिक वर्षों का अनुभव है।
इसके अलावा, वह प्रबंधकीय कौशल, नेतृत्व, योजना निर्माण, व्यापार रणनीति और निर्णय लेने में गहरी जानकारी और विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी यह विशेषज्ञता कंपनी के विकास और रणनीतिक निर्णयों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
जी मीडिया कॉरपोरेशन (ZMCL) में एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव की घोषणा की गई है।
जी मीडिया कॉरपोरेशन (ZMCL) में एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव की घोषणा की गई है। इस नए ढांचे के तहत, सभी डिजिटल हेड्स अब सीईओ करण अभिषेक सिंह को रिपोर्ट करेंगे। यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है।
इस संदर्भ में जी मीडिया ने सभी एम्प्लॉयीज को सूचित किया कि फैक्टशीट्स और अन्य संबंधित दस्तावेजों की सभी स्वीकृतियां अब करण अभिषेक सिंह के माध्यम से पास की जाएंगी। कंपनी ने यह भी कहा कि सभी संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा और स्वीकृति सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे इस प्रक्रिया में कोई देरी न हो।
यह कदम संगठन के अंदर एक समन्वित और सुचारु बदलाव को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस बदलाव के तहत, संगठनात्मक संरचना को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
कंपनी ने इस बदलाव में सभी एम्प्लॉयीज के सहयोग की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि यह बदलाव सुचारू रूप से लागू होगा।
असम ट्रिब्यून ग्रुप के डायरेक्टर सुरजीत गोविंदा बरुआ का मंगलवार को निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे।
असम ट्रिब्यून ग्रुप के डायरेक्टर सुरजीत गोविंदा बरुआ का मंगलवार को निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वह गुवाहाटी के एक अस्पताल में इलाज करवा रहे थे और उन्होंने सुबह 10:55 बजे अंतिम सांस ली।
सुरजीत गोविंदा बरुआ का जन्म 8 जुलाई 1972 को हुआ था। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी और दो बेटियां हैं। वह असम ट्रिब्यून ग्रुप के फाउंडर तुलसी गोविंदा बरुआ के पुत्र और महान शख्सियत राधा गोविंदा बरुआ के पोते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरजीत गोविंदा बरुआ ने संगठन में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। वह असम बानी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के रूप में भी कार्यरत थे। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
बरुआ ने अपने जीवनकाल में असम ट्रिब्यून ग्रुप की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनकी इस विरासत को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से असम ट्रिब्यून ग्रुप ने एक दूरदर्शी और प्रेरणादायक नेता खो दिया है।