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निशाने पर आया चीनी मीडिया, 'विदेशी मिशन' पर हैं ये संगठन
ट्रंप का मानना है कि दुनिया में घातक कोरोना वायरस के प्रसार का जिम्मेदार चीन है। लिहाजा वह चीन को क्षति पहुंचाने के लिए तरह-तरह की पैतरें अपना रहा है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका चीन से नाराज है। अमेरिका ने कोरोना वायरस को लेकर चीन पर सच्चाई छुपाने और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर दुनिया को भ्रम में रखने का आरोप लगाया है। ट्रंप का मानना है कि दुनिया में घातक कोरोना वायरस के प्रसार का जिम्मेदार चीन है। लिहाजा वह चीन को क्षति पहुंचाने के लिए तरह-तरह की पैतरें अपना रहा है। इस बीच अमेरिका ने चीन के चार शीर्ष सरकारी मीडिया संस्थानों पर अपनी नाराजगी जताई है। अमेरिका ने इन मीडिया संस्थानों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र करार देते हुए उन्हें ‘विदेशी मिशन’ का दर्जा दे दिया है।
अमेरिका ने इन चार मीडिया संगठनों पर ‘प्रोपेगंडा संगठन’ का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नियंत्रित करती है। बताया जा रहा है कि इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
अमेरिका ने सोमवार को जिन चार मीडिया संस्थानों को ‘विदेशी मिशन’ की श्रेणी में डाला है, उनमें ‘चाइना सेंट्रल टेलिविजन’, ‘चाइना न्यूज सर्विस’, ‘द पिपुल्स डेली’ और ‘ग्लोबल टाइम्स’ शामिल है।
वहीं यह भी बता दें कि इससे पहले फरवरी में अमेरिका ने चीन के पांच मीडिया संगठनों को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला था। इस तरह चीन के कुल नौ मीडिया संगठनों को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला गया है। इससे पहले 18 फरवरी को ‘शिन्हुआ समाचार एजेंसी’, ‘चाइना ग्लोबल टेलिविजन नेटवर्क’, ‘चाइना रेडियो इंटरनेशल’, ‘चाइना डेली डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन’ और ‘हाई तियान डेवलपमेंट यूएसए’ को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला गया था।
विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा कि ये सभी नौ संगठन विदेशी मिशन अधिनियम के तहत ‘विदेशी मिशन’ की परिभाषा में आते हैं। इनकी मिल्कियत या नियंत्रण विदेशी सरकार के पास है।
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