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इन वरिष्ठ पत्रकारों के लिए उपलब्धियों भरा रहा ‘2019’, बनाई नई पहचान
इन वरिष्ठ पत्रकारों के लिए उपलब्धियों भरा रहा ‘2019’, बनाई नई पहचान
कुछ ने मीडिया में ही ऊंची छलांग लगाई, तो कुछ सियासत के गलियारों में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे
नीरज नैयर
4 years ago
कई पत्रकारों के लिए साल 2019 शानदार साबित हुआ। कुछ ने मीडिया में ही ऊंची छलांग लगाई, तो कुछ सियासत के गलियारों में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे। इनमें से एक हैं वरिष्ठ पत्रकार पंकज शर्मा, जिन्हें हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का मीडिया सलाहकार नियुक्त किया गया है। शर्मा के पास पत्रकारिता का लंबा अनुभव है, उन्होंने राजनीतिक पत्रकारिता के साथ ही अमेरिका सहित कई देशों में स्पेशल असाइनमेंट्स कवर किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ भी वह यात्राएं कर चुके हैं। इसके अलावा विभिन्न सरकारी समितियों में भी रहे हैं। पंकज शर्मा को संविदा के आधार पर आवासीय आयुक्त, मप्र भवन, नई दिल्ली में पदस्थ किया गया है।
इसी तरह वरिष्ठ पत्रकार अमित आर्या को भी यह साल तोहफा दे गया। हरियाणा सरकार ने उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मीडिया सलाहकर नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर के पहले कार्यकाल के दौरान भी वह उनके मीडिया सलाहकार की जिम्मेदारी निभा रहे थे। आर्या को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है। वह कई चैनलों और मीडिया हाउस की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘बीएजी फिल्म्स’ से की थी, फिर ‘दैनिक भास्कर’, शिमला के स्टाफ रिपोर्टर और ‘दैनिक भास्कर’, चंडीगढ़ में हिमाचल पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। इसके बाद वह दोबारा ‘बीएजी’ के साथ जुड़ गए और कई वर्षों तक वहां अपनी सेवाएं दीं थीं।
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अशोक मलिक ने इस साल बड़ी छलांग लगाई है। उन्हें विदेश मंत्रालय में बतौर पॉलिसी एडवाइजर नियुक्त किया गया है। वैसे, इससे पहले वह राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद के प्रेस सचिव रहे चुके हैं और उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2019 को खत्म हुआ था। उनके स्थान पर सीनियर जर्नलिस्ट अजय सिंह को नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति के प्रेस सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति से पहले अशोक मलिक नीति संबंधी थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में डिस्टिंगग्विश्ड फैलो (Distinguished Fellow) थे। पत्रकारिता में उन्हें दो दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। वे ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘इंडिया टुडे’, ‘द टेलिग्राफ’ और ‘इंडियन एक्सप्रेस’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं। उनकी विशेषज्ञता देश की राजनीति, घरेलू-विदेशी व्यापार नीति और सामाजिक क्षेत्रों में ज्यादा है।
लखनऊ के पत्रकार रहीस सिंह भी उन पत्रकारों में शुमार हैं, जिन्हें राज्य की सरकारों में अहम जिम्मेदारी मिली है। रहीस सिंह को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सूचना विभाग में सलाहकार के पद पर नियुक्त किया है। वह प्रिंट मीडिया की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रहीस सिंह लखनऊ की पत्रकारिता का जाना-माना नाम हैं और लेखन के क्षेत्र में भी काफी सक्रिय हैं। कुछ वक्त पहले वे ‘कर्मयोगी संन्यासी योगी आदित्यनाथ’ के नाम से एक किताब लिखकर भी चर्चा में आए थे।
वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता को भी इस साल मोदी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन का चेयरपर्सन बनाया गया है। ये फाउंडेशन भारत की तमाम पब्लिक लाइब्रेरीज को सपोर्ट करने के लिए केन्द्र सरकार की नोडल एजेंसी के तौर पर काम करती है और इसका मुख्यालय कोलकाता में है। बंगाली पत्रकार कंचन गुप्ता जमशेदपुर और पटना में पले-बढ़े हैं। कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने 'द टेलिग्राफ' अखबार से पत्रकारिता की पारी की शुरुआत की। वे एमजे अकबर और विनोद मेहता जैसे पत्रकारों के साथ काम कर चुके हैं।
वरिष्ठ पत्रकार टंकशाला अशोक (Tankashala Ashok) के लिए भी 2019 शानदार रहा। उन्हें तेलंगाना सरकार का स्पेशल एडवाइजर नियुक्त किया गया है। अशोक को अंतरराज्यीय मामलों की जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। अशोक कई अखबारों में रिपोर्टर से लेकर संपादक की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उन्हें सरदार वल्लभ भाई पटेल की ऑटोबायोग्राफी के अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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