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फोटो जर्नलिस्ट के इस जज्बे को सलाम
लोगों की संवेदनहीनता ने फोटो पत्रकार को किया काफी दुखी
नीरज नैयर 5 years ago
पत्रकारों पर अक्सर यह आरोप लगते रहते हैं कि वो खबरों को सनसनीखेज बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्हें दूसरों की जान की कोई परवाह नहीं। इंदौर के फोटो जर्नलिस्ट प्रवीण बरनाले ने इन आरोपों को गलत साबित कर दिखाया है। बरनाले की तत्परता और सूझबूझ के चलते कई लोगों की जान बच गई। घटना चंद रोज पहले की है, जब बल्लाकांड में विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आकाश की गिरफ्तारी से उनके समर्थकों में नाराजगी थी। इसी नाराजगी को प्रकट करने के लिए इंदौर में भाजपा कार्यकर्ता धरना दे रहे थे। इस दौरान वरिष्ठ नेता माइक थामे यह बताने में लगे थे कि उनके प्रिय विधायक आकाश ने कुछ गलत नहीं किया।
इस पूरे दृश्य को अपने कैमरे में कैद करने के लिए ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के फोटो जर्नलिस्ट प्रवीण बरनाले कुछ फोटोग्राफरों के साथ मौके पर मौजूद थे। भाषण समाप्ति की ओर था, तभी बरनाले को महसूस हुआ कि उनके हाथ पर कुछ गिरा है, उन्होंने सूंघकर देखा तो वह पेट्रोल था। इस बीच, पीछे से जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। बरनाले मुड़े तो पाया कि एक शख्स अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क रहा है और उसके हाथ में माचिस भी है। वैसे तो घटनास्थल पर भीड़ मौजूद थी, लेकिन जैसा कि अक्सर होता है, लोग आकाश के समर्थक को आग लगाने से रोकने के बजाय विडियो बनाने में मशगूल थे।
जान देने को उतारू समर्थक को एक व्यक्ति पीछे से पकड़ा जरूर हुआ था, मगर स्थिति उसके नियंत्रण से बाहर थी। बरनाले को समझते देर नहीं लगी कि यदि उक्त समर्थक ने आग लगा ली तो कई जानें जा सकती हैं। लिहाजा, उन्होंने इस संभावित एक्सक्लूसिव दृश्य को कैद करने के बजाय अपने कैमरे को साइड किया और उग्र समर्थक के हाथों से माचिस छीनने के लिए कूद पड़े। लोग बरनाले की मदद करने के बजाय इसे भी अपने कैमरे में उतारते रहे। कुछ देर की मशक्कत के बाद आरोपी से माचिस छीनने में बरनाले सफल रहे। इसके बाद लोगों ने उसे पकड़ लिया।
प्रवीण बरनाले यदि चाहते तो अन्य लोगों की तरह पूरी घटना को कैमरे की नजरों से देख सकते थे, संभव है उनकी किसी फोटो को अवॉर्ड भी मिल जाता, लेकिन उस स्थिति में मानवता की हार होती। इसलिए उन्होंने मानवता को जीवित रखने के लिए कुछ देर के लिए पत्रकारिता को किनारे कर दिया।
समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रवीण बरनाले ने कहा ‘मेरे पास समय बहुत कम था। या तो मैं उसे आग लगाने देता और खुद फोटो खींचता जो कि मेरा काम है। या फिर मैं इंसान होने के नाते इंसानियत को प्राथमिकता देता। मैंने दूसरा विकल्प चुना। मैंने सोचा कि यदि वो व्यक्ति मेरी आंखों के सामने मर गया तो मैं पूरी जिंदगी खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा। अगर वो आग लगा लेता तो कई और लोग भी उसकी चपेट में आ जाते। लिहाजा, मैंने तुरंत उससे माचिस छीन ली।’ बरनाले इस बात से दुखी हैं कि मौके पर मौजूद लोग आकाश समर्थक को रोकने के बजाय केवल विडियो बनाने में मशगूल रहे।
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