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एमजे अकबर से जुड़े इस मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को कोर्ट ने किया बरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत का कहना था कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
दिल्ली की एक अदालत ने वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बुधवार को बरी कर दिया है। कोर्ट में यह मामला दो साल से अधिक समय तक चला।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत ने माना कि किसी महिला को अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर दंडित नहीं किया जाना चाहिए। अदालत का यह भी कहना था कि किसी भी महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रिया रमानी को इस मामले में बरी कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट का यह भी कहना था कि यौन शोषण से गरिमा और आत्मविश्वास का काफी ठेस पहुंचती है। प्रतिष्ठा के अधिकार को गरिमा के अधिकार की कीमत पर सुरक्षित नहीं किया जा सकता है। समाज को यह समझना चाहिए कि शारीरिक उत्पीड़न और शोषण का पीड़िता पर कितना गहरा असर पड़ता है।
बता दें कि #MeToo कैंपेन के तहत प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर तकरीबन 20 साल पहले उनके साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। हालांकि, अकबर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में 15 अक्टूबर 2018 को मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इसके बाद 17 अक्टूबर 2018 को एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने अकबर और रमानी के वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद इस साल एक फरवरी को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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