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दिल्ली HC ने Twitter को लगाई फटकार, कहा- इस गलतफहमी में न रहें आप...
केंद्र सरकार द्वारा जारी नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का पालन नहीं करने और गलत तथ्य पेश करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर (Twitter) की खिंचाई की।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
केंद्र सरकार द्वारा जारी नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का पालन नहीं करने और गलत तथ्य पेश करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर (Twitter) की खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि ट्विटर ने खुद अदालत में कहा था कि उसने शिकायत निवारण अधिकारी (Grievance Officer) नियुक्त किया है। वहीं अब कहा जा रहा है कि वह अस्थाई अधिकारी था, जो फौरी तौर पर नियुक्त किया गया और अब वह स्थायी अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया में है।
कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश को भी दो हफ्ते हो चुके है और ट्विटर कह रहा है कि वह अभी सिर्फ प्रक्रिया में है। जबकि, कोर्ट की कार्यवाही की तारीख को ध्यान में रखते हुए उसे अधिकारी की नियुक्ति कर देना चाहिए था।
वहीं, इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या ट्विटर नियमों की अवहेलना कर रहा है तो इस पर केंद्र ने ‘हां’ में जवाब दिया। इसके बाद ट्विटर की ओर से पेश वकील सज्जन पुवैया ने भी माना कि ट्विटर ने अभी तक भारत सरकार के नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया है। उन्होंने बताया कि अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। ट्विटर को निश्चित तौर पर नियमों का पालन करना चाहिए और वह करेगा भी। उसने अदालत को भ्रमित नहीं किया है, लेकिन सभी तथ्यों को पेश करने के लिए उसे कुछ वक्त दिया जाना चाहिए।
ट्विटर द्वारा नए IT रूल्स का पालन न करने पर हाई कोर्ट ने साफ कह दिया कि अब हम ट्विटर को कोई प्रोटेक्शन नहीं दे सकते। सरकार ट्विटर के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र है।
जस्टिस रेखा पल्ली ने ट्विटर की खिंचाई की कि 31 मई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह नहीं बताया गया था कि पहले आरजीओ की नियुक्ति सिर्फ अंतरिम आधार पर थी, जो इस्तीफा दे चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि ट्विटर ने इस बारे में न्यायालय को भ्रम में रखा।
जस्टिस पल्ली ने कहा कि यदि अंतरिम आरजीओ ने 21 जून को इस्तीफा दे दिया, तो आप (ट्विटर) 15 दिन में किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर सकते थे। आपको पता था कि 6 जुलाई को मामले की सुनवाई होने वाली है। हाई कोर्ट ने ट्विटर से कहा कि आरजीओ नियुक्त करने में आपको कितना वक्त लगेगा, दो दिन में विस्तृत जानकारी दें।
कोर्ट ने ट्विटर से कहा कि ‘यदि आपको ऐसा लगता है कि आप जितना चाहें, उतना समय ले सकते हैं, तो मैं आपको इसकी अनुमति नहीं दूंगी। आपको देश के कानून का पूरी तरह से पालन करना होगा।
कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए ट्विटर को दो दिन के भीतर यह बताने को कहा है कि वह नए आईटी नियमों के तहत कब तक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) नियुक्त करेगा। पिछली सुनवाई में माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने न्यायालय को बताया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा ने नए आईटी निययों का पालन नहीं करने को लेकर न्यायालय से कहा कि ट्विटर का यह रवैया देश की डिजिटल संप्रभुता के लिए अलाभकारी है। इस पर जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि ‘मैंने पहले ही ट्विटर को साफ कर दिया है कि उन्हें नियमों का पालन करना होगा और मैं उन्हें कोई संरक्षण नहीं दे रही।’ उन्होंने सरकार से कहा कि यदि ट्विटर कानून का पालन नहीं करता है तो आप किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। न्यायालय ने कहा कि यदि ट्विटर देश में काम करना चाहता है तो उन्हें नियमों का पालन करना होगा।
बता दें कि IT रूल्स लागू होने के बाद भी अब तक शिकायत अधिकारी (Grievance Officer) की नियुक्ति नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि समय सीमा समाप्त होने के बाद भी ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया।
हाई कोर्ट ने कुछ देर के लिए सुनवाई स्थगित करते हुए ट्विटर के वकील से इस बारे में निर्देश प्राप्त करने को कहा कि आरजीओ की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने में कितना वक्त लगेगा। मामले की दोबारा सुनवाई शुरू होने पर वरिष्ठ अधिवक्ता पूवैया ने न्यायालय को बताया कि दिल्ली और सैन फ्रांसिस्को (जहां ट्विटर का मुख्यालय है) में समय अलग-अलग होने के चलते वह निर्देश नहीं ले सके। इसके लिए समय दिया जाए। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
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