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अब बिना इंटरनेट व सिम के देख सकेंगे मोबाइल में टीवी, IB सचिव ने कही ये बात
डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) में मल्टीमीडिया कंटेंट बिना डेटा के ब्रॉडकास्ट होता है और फ्री में आप अपने मोबाइल पर लाइव टीवी, मूवीज आदि देख सकते हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 months ago
भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक मीडिया व मनोरंजन क्षेत्र (Media & Entertainment Sector) हर साल तेजी से विकसित हो रहा है। नई दिल्ली में डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) तकनीक से जुड़े एक कार्यक्रम में सूचना व प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि 2025 तक इसका मूल्यांकन 2.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस M&E (Media & Entertainment) सेगमेंट में टीवी सबसे बड़ा सेक्टर है। कई लोग कह सकते हैं कि टीवी खत्म हो गया है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। चंद्रा ने कहा कि टीवी की ग्रोथ प्रति वर्ष 12 प्रतिशत है और इसके भीतर दूरदर्शन, प्रसार भारती और फ्री डिश सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में लगभग 480 मिलियन घर हैं, जिनमें से केवल 190 मिलियन घरों में ही टीवी है और लगभग आठ से नौ करोड़ घरों में आज भी टीवी नहीं है।
वहीं, हमारे देश में स्मार्टफोन की संख्या करीब 80 करोड़ है और इसके 100 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि लगभग हर किसी के पास स्मार्टफोन होगा। इसलिए, डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) प्रसारण क्षेत्र (ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर) के लिए लगभग सभी तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है।
सूचना-प्रसारण सचिव ने कहा कि यदि ऐसा होता है, तो यह कंटेंट और डेटा की खपत को जबरदस्त बढ़ावा देगा, क्योंकि कोई कल्पना कर सकता है कि 19 करोड़ टीवी घरों में कंटेंट की खपत (consumed) होती है और जब यह लगभग 80 करोड़ मोबाइल फोन तक पहुंच जाएगी और इससे कंटेंट की खपत कई गुना बढ़ जाएगी।
दरअसल, डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) में मल्टीमीडिया कंटेंट बिना डेटा के ब्रॉडकास्ट होता है और फ्री में आप अपने मोबाइल पर लाइव टीवी, मूवीज आदि देख सकते हैं।ये टेक्नोलॉजी ठीक वैसे ही काम करती है जिस तरह अभी आप फ्री में डिश टीवी का आनंद ले पाते हैं।
सचिव ने जो आंकड़े पेश किए उससे पता चलता है कि मोबाइल डेटा ट्रैफिक जो प्रति माह 14.4 हेक्साबाइट था, 2024 तक 43.7 हेक्साबाइट तक जाने की उम्मीद है। इसमें से 69 प्रतिशत डेटा की खपत वीडियो कंटेंट स्ट्रीमिंग के जरिए होती है ट्रैफिक वीडियो से है, जो एक बहुत बड़ी संख्या है। यदि इसका 25% से 30% भी D2M प्रसारण पर ऑफलोड किया जाए, तो इससे 4G और 5G नेटवर्क पर भारी मात्रा में लोड कम हो जाएगा और लोगों को बेहतर सर्विस मिलेगी।
दरअसल, एमआईबी सचिव ने कहा है कि शहरों में अभी भी डेटा की स्पीड बेहतर है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्पीड अब भी वीडियो कंटेंट को सपोर्ट नहीं कर पा रही है। उन्होंने कि यदि यह तकनीक सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जाती है, तो कंटेंट की खपत में ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
चंद्रा ने आगे कहा कि D2M के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक मोबाइल यूजर्स इसे इंटरनेट या सिम कार्ड के बिना भी उपयोग कर सकते हैं। आज यह अकल्पनीय लग सकता है, लेकिन यह पहले के समय के स्थलीय प्रसारण को दोहराएगा, जब एक एंटीना के जरिए टीवी पर कंटेंट का प्रसारण होता था।
सूचना-प्रसारण सचिव ने कहा कि 19 शहरों में पायलट डी2एम प्रसारण परियोजना की बातचीत शुरू हो गई है और प्रसार भारती के डिजिटल टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन नेटवर्क का उपयोग करके इसे पूरा किया जाएगा। यानि प्रसार भारती के इंफ्रास्ट्रक्चर पर डायरेक्ट-टू-मोबाइल कर टेस्ट किया जाएगा।
प्रसारण सचिव चंद्रा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में कई चुनौतियां हैं जिसमें टेलीकॉम कंपनियों का विरोध, मोबाइल फोन्स के लिए एक चिप, कंज्यूमर यूसेज पैटर्न आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे किसी भी मोबाइल कंपनी या टेलीकॉम कंपनी को कोई भी निर्देश नहीं दे रहे हैं क्योकि अभी ये पायलट प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट यदि सफल रहता है तो फिर मोबाइल कंपनियों को अपने स्मार्टफोन्स में एक चिप लगानी होगी जिसके जरिए मल्टी मिडिया कंटेंट ब्रॉडकास्ट हो पाएगा।
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