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जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार को SC से राहत
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पत्रकार का उद्देश्य अपराधियों को बेनकाब करना हो सकता है, लेकिन जेल परिसर में कैदियों का इंटरव्यू लेना जेल नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 month ago
जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 30 अगस्त को राहत दी है। कोर्ट ने अगले आदेश तक पत्रकार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया, जिसमें न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस की तीन सदस्यीय एसआईटी मामले की जांच करने में जुटी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार और एसआईटी के प्रमुख प्रबोध कुमार को भी नोटिस जारी किया है।
जेल में रहते हुए लॉरेंस बिश्नोई ने मोबाइल फोन के जरिए एक न्यूज चैनल के पत्रकार को वीडियो इंटरव्यू दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पत्रकार का उद्देश्य अपराधियों को बेनकाब करना हो सकता है, लेकिन जेल परिसर में कैदियों का इंटरव्यू लेना जेल नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार और आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार को नोटिस जारी किया है, जो पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे हैं।
पत्रकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और आरएस चीमा ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि स्टिंग ऑपरेशन करने के लिए पत्रकार ने जान का खतरा उठाया है और उनकी गिरफ्तारी न की जाए। कोर्ट ने आदेश दिया कि एसआईटी जांच में सहयोग किया जाएगा और अगले आदेश तक पत्रकार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हाई कोर्ट ने जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए बिश्नोई के इंटरव्यू के संबंध में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी से जांच कराने का आदेश दिया था। न्यूज चैनल और पत्रकार ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के इसी आदेश को चुनौती दी थी।
अधिवक्ता रोहतगी ने कहा कि इंटरव्यू ने सड़ांध को उजागर करने में मदद की। पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना संदेशवाहक को गोली मारने के समान है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और जेल के नियमों का पालन अनिवार्य है। मामले की अगली सुनवाई में केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों से जवाब मांगा गया है।
टैग्स पत्रकार सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू डी.वाई. चंद्रचूड़