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वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ FIR से एडिटर्स गिल्ड नाराज, कही ये बात
सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली में दंगा भड़काने के आरोप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सीनियर न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई समेत आठ लोगों के खिलाफ केस
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली में दंगा भड़काने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सीनियर न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें 6 वरिष्ठ पत्रकारों के नाम हैं, जिनमें ‘इंडिया टुडे’ समूह के सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई, ‘नेशनल हेराल्ड’ की वरिष्ठ संपादकीय सलाहकार मृणाल पाण्डेय, उर्दू अखबार 'कौमी आवाज' के मुख्य संपादक जफर आगा, कारवां मैगजीन के मुख्य संपादक-प्रकाशक परेशनाथ, एडिटर विनोद के जोस और इसके कार्यकारी संपादक अनंतनाथ शामिल हैं।
इस मामले में, संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने राजदीप सरदेसाई, मृणाल पाण्डेय और जफर आगा जैसे वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की एफआईआर पर निंदा की है। एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में कहा है, ‘हम धमकी भरे तरीके की निंदा करते हैं जिसमें 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन की रिपोर्टिंग के लिए यूपी और एमपी पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गिल्ड ने इन एफआईआर को धमकाने, परेशान करने और फ्री मीडिया पर हमले के रूप में देखता है।’
The Editors Guild of India condemns the intimidating manner in which UP and MP police have registered FIRs against senior journalists, for reporting on farmers’ protests in Delhi on Jan 26. EGI finds these FIRs as an attempt to intimidate, harass, and stifle free media. pic.twitter.com/Mf3albnYvs
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) January 29, 2021
शुक्रवार को जारी एक बयान में, गिल्ड ने कहा कि पत्रकारों को विशेष रूप से उनके व्यक्तिगत सोशल मीडिया हैंडल पर प्रदर्शनकारियों में से एक की मौत से जुड़ी रिपोर्टिंग के लिए टारगेट किया गया है। गिल्ड ने यूपी सरकार से तुरंत एफआईआर वापस लेने की अपील की है। साथ ही ये भी कहा है कि इस मामले में न्यायालय को देखना चाहिए, क्योंकि हर बार पत्रकारों पर इस तरह से देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं का इस्तेमाल कर उनकी बोलने और लिखने की आजादी पर पहरा लगाने की कोशिश होती है।
दरअसल, गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली, जिसमें किसानों के आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना की रिपोर्टिंग को लेकर पत्रकारों पर आरोप लगा है कि इन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हिंसा फैलाने का काम किया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत छह पत्रकारों पर उत्तर प्रदेश में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें एक अज्ञात भी शामिल है।
दरअसल, गणतंत्र दिवस वाले दिन किसानों के प्रदर्शन में एक शख्स की मौत हो गई थी। वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने मृतक की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारी की मौत कथित पुलिस की गोली से हुई है, लेकिन बाद में ये बात सामने आई कि उस व्यक्ति की ट्रैक्टर पलटने की वजह से मौत हुई थी।
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