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आकाशवाणी में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी, PIB ने जारी की सफाई
छत्तीसगढ़ के रायपुर में नौकरी के फर्जीवाड़े की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
छत्तीसगढ़ के रायपुर में नौकरी के फर्जीवाड़े की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बता दें कि रायपुर में पिछले कुछ दिनों से प्रसार भारती की यूनिट बताकर एक फर्जी दफ्तर चलाया जा रहा था। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई कर मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपित अभिजीत शर्मा ने राजीव नगर इलाके में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) का ऑफिस खोल रखा था। इस ऑफिस में भारत सरकार के सील और चिन्ह वाले ऐसे लेटर्स मिले हैं, जिन्हें देखकर खुद सरकारी अफसर भी हैरान रह गए। ये इन चीजों का इस्तेमाल खुद को भारत सरकार से जुड़ा हुआ अफसर बताने में करता था। आरोपित अभिजीत शर्मा ने कुछ लोगों को नौकरी पर भी रखा हुआ था।
पुलिस से आकाशवाणी रायपुर के कुछ अफसरों ने शिकायत कर इस नकली ऑफिस की जानकारी दी थी। साथ ही पुलिस को न्यूज कलेक्शन के नाम से कई लोगों की फर्जी नियुक्ति की शिकायतें मिली थी। शिकायत के बाद पुलिस ने उक्त ऑफिस में दबिश देकर अभिजीत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अभिजीत के ऑफिस में मिले दस्तावेजों को खंगाल रही है। भारत सरकार के अधिकारियों की फर्जी सील भी ऑफिस से बरामद की गई है। जानकारी के मुताबिक अभिजीत शर्मा रायपुर की कई बड़ी होटलों में इंटरव्यू आयोजित करके लोगों की आकाशवाणी, प्रसार भारती में भर्ती करवाने का का नाटक करता था।
खम्हारडीह इलाके के CSP नसर सिद्दिकी ने बताया कि इसने तीन लड़कियों को अपने साथ काम पर रखा। प्रसार भारती का फर्जी जॉइनिंग लेटर जारी कर दिया। यह भी कह दिया कि फिलहाल मेरे साथ संविदा पर काम करो, बाद में मैं प्रसार भारती में परमानेंट जॉब दिला दूंगा।
अभिजीत शर्मा जब पुलिस की हिरासत में मीडिया से बात कर रहा था तो उसने कहा- मैंने कोई ठगी नहीं की है। मैं पत्रकार हूं, अपनी कंपनी के जरिए कई चैनल्स को खबरों से जुड़े वीडियो वगैरह देने का काम कर रहा था। यह पूछे जाने पर कि सरकारी विभाग के नाम का इस्तेमाल क्यों किया? तो उसने कहा कि मैंने प्रसार भारती से एसोसिएट (जुड़ने) का प्रयास किया मगर बात नहीं बनी। फिर मैंने अपने काम के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर लिया। मैंने नौकरी लगाने के नाम पर किसी से पैसे नहीं लिए। युवक ने बताया कि उसने पहले सरकारी विभाग के अफसरों से संपर्क किया जब बात नहीं बनी तो विभाग के नाम का इस्तेमाल किया।
आरोपी युवक ने पुलिस को पूछताछ में कुछ स्थानीय अफसरों के भी नाम बताए हैं। अब ये भी जांच का हिस्सा है कि कहीं स्थानीय स्तर पर तो कोई सरकारी कर्मचारी इसे सहयोग तो नहीं दे रहा था। हालांकि अब तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।
वहीं, इस संबंध में पीआईबी की ओर से सफाई जारी की गई है। पीआईबी ने ट्वीट कर लिखा कि, रायपुर में एक घटना सामने आई है जिसमें एक फर्जी संगठन ने आवेदकों को आकाशवाणी, पीआईबी के नाम से भर्ती किया है। पीआईबी ने कहा कि, जारी किए गए ऑफर लेटर नकली हैं। सरकारी संस्थानों को धोखा देने वाले धोखेबाजों के चंगुल में ना फंसें।
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