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बेटी को इंसाफ दिलाने के दो हफ्ते बाद ही पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के पिता का निधन
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की वर्ष 2008 में हत्या कर दी गई थी। सौम्या की हत्या के बाद उनके माता-पिता एमके विश्वनाथन और माधवी विश्वनाथन ने बेटी को न्याय दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 10 months ago
बेटी के हत्यारों को उम्रकैद की सजा दिलाने के कुछ दिनों बाद ही पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के पिता एमके विश्वनाथन का नौ दिसंबर को निधन हो गया है। बता दें कि सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 25 नवंबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके करीब दो हफ्ते बाद ही एमके विश्वनाथन का निधन हो गया है।
सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में जब अदालत का फैसला आया, उस समय करीब 82 वर्षीय एमके विश्वनाथन आईसीयू में थे, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब 26 वर्षीय सौम्या विश्वनाथन की वर्ष 2008 में हत्या कर दी गई थी।
सौम्या की हत्या के बाद उनके माता-पिता एमके विश्वनाथन और माधवी विश्वनाथन ने बेटी को न्याय दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। 14 साल से ज्यादा लंबी चली सुनवाई के दौरान माता-पिता दोनों हर बार अदालत में उपस्थित रहे, हर सुनवाई में भाग लेते रहे और अदालती कार्यवाही को करीब से देखते रहे।
गौरतलब है कि सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में दिल्ली की कोर्ट ने पांच आरोपितों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को दोषी करार दिया था। इनमें रवि कपूर, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अमित शुक्ला को हत्या के लिए दोषी करार दिया गया, वहीं अजय सेठी को 411 मकोका के तहत दोषी पाया गया था।
इस मामले में कोर्ट ने 25 नवंबर को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और चारों में प्रत्येक पर एक लाख 25 हजार का जुर्माना भी लगाया था। वहीं, अजय सेठी को तीन साल की कैद के साथ ही आईपीसी की धारा 411 और मकोका के तहत 7.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
गौरतलब है कि 30 सितंबर 2008 को उस वक्त गोली मारकर सौम्या की हत्या कर दी गई थी, जब वह कार्यालय से अपनी कार से घर लौट रही थी। इस मामले में दिल्ली के वसंत कुंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के आधार पर रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को सौम्या की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ सख्त ‘महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम’ (मकोका) भी लगाया था।
सौम्या केस में आरोपितों ने खुलासा किया था कि उन्होंने हत्या इसलिए की, क्योंकि सौम्या की सेंट्रो उनकी कार से आगे निकल गई थी। हत्यारों ने सौम्या के सिर में गोली मारी थी, जिसकी वजह से कार डिवाइडर पर चढ़ गई। शुरू में पुलिस ने इसे एक्सीडेंट का केस समझा, लेकिन जब सौम्या के सिर से गोली निकली तो मामला सुलझा।
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