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जानें, काबुल में रह रहे भारतीयों के बारे में क्या बोलीं वहां से लौंटी महिला पत्रकार
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद फंसे भारतीय नागरिकों को मंगलवार शाम सी-17 ग्लोब मास्टर से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद फंसे भारतीय नागरिकों को मंगलवार शाम सी-17 ग्लोब मास्टर से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया। विमान शाम चार बजे जामनगर होते हुए यहां पहुंचा। यात्रियों के विमान से बाहर आते ही भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे से एयरबेस गूंज उठा। इन 150 लोगों में फ्रीलांस जर्नलिस्ट कनिका गुप्ता भी शामिल थीं। गाजियाबाद के वैशाली की रहने वाली कनिका पिछले 2 महीने से अफगानिस्तान के काबुल में थीं और वहां के हालातों पर रिपोर्टिंग कर रहीं थीं। कनिका लगातार वहां के हालात पर अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट भी कर रहीं थीं। कल जब एयरफोर्स का विमान जामनगर पर लैंड किया तब भी उन्होंने अपनी तस्वीर ट्वीट की और लिखा 'और मैं घर पर हूं।'
वतन वापस पहुंचने पर कनिका ने एबीपी न्यूज से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मैं बहुत मुश्किल हालातों में रिपोर्टिंग कर रही थी और बतौर माता पिता मेरे पेरेंट्स के लिए ये बहुत मुश्किल था। कई बार मैं बहुत दिक्कत वाली परिस्थिति में भी फंस गई थी। सोमवार को भी एम्बेसी तक पहुंचने के लिए हमें तालिबान से बात करनी पड़ी।
उन्होंने एबीपी न्यूज से बताया कि मैं शुक्रगुजार हूं कि मेरे माता पिता ने मेरा बहुत सपोर्ट किया और पैनिक नहीं किया। जब वहां थे तो डर बिल्कुल लगता था कि फंस जाएंगे तो क्या होगा। लेकिन मेरे साथ वहां भारतीयों का मजबूत समुदाय था। जो एक दूसरे की मदद कर रहे थे और लगातार एक दूसरे के सम्पर्क में थे। एक दूसरे का हौंसला बढ़ा रहे थे कि हम साथ हैं और कुछ न कुछ करके भारत सरकार हमें यहां से निकाल लेगी।
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर कनिका ने बताया कि काबुल में तालिबान ने पूरी तरह से टेकओवर कर लिया है और अभी वहां की शांति और सुरक्षा वो बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सड़कों पर कोई हिंसा, क्लैश या हरासमेंट नहीं है। लेकिन आगे आने वाले समय में पता चलेगा कि सब कैसा रहने वाला है। जब उनकी अंतरिम सरकार बन जाएगी तब पता चलेगा कि सब कुछ कैसा रहेगा।
तालिबान के काबुल में आने के बाद वहां रह रहे भारतीयों की स्तिथि के बारे में बात करते हुए कनिका ने कहा कि जो भारतीय वहां रह रहे हैं, जिन्हें मैं जानती हूं उन्होंने कोई पैनिक नहीं किया। उनका कहना है कि अब ये लोग जीत गये हैं और आ गए हैं तो अब ये लोग सरकार भी बनाएंगे ही। वो इतना पैनिक नहीं कर रहे थे, लेकिन मैं थोड़ा घबरा गई थी क्योंकि मेरे लिए ये सब नया था और मैं रिपोर्टिंग के लिए सड़कों पर थी। एकदम अफरा तफरी मच गई तो मैं डर गई थी, लेकिन वहां के लोगों में 40 सालों में बहुत फ्लेक्सिबिलिटी आ गई है अब इन चीजों को लेकर। लोगों ने मुझे सुरक्षित तरीके से निकाला घर पहुंचाया और कहा कि चिंता मत करो। एक समय के बाद हमने देखा कि चीजें सामान्य हो रही हैं, लोग काम पर जा रहे हैं। सोमवार को जब मैं सड़क पर निकली भी तो मुझे कुछ ऐसा अलार्मिंग नहीं लगा।
काबुल एयरपोर्ट पर मची अफरातफरी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक हम एयरपोर्ट पहुंचे तब तक वहां सुरक्षा व्यवस्था काफी कंट्रोल में आ चुकी थी। सुरक्षा कारणों की वजह से मैं बहुत ज्यादा विस्तार से नहीं बता सकती, लेकिन हम ठीक थे, हमारे साथ एम्बेसी के लोग थे। आराम से हम एयरपोर्ट पहुंचे और सुबह हमें ईवैक्यूएट कर लिया गया।
बीते कुछ दिनों में कनिका के लिए जो चुनौतियां रहीं उसे लेकर उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मेरी मां बहुत खौफ में थीं वहां से रोज परेशान करने वाली खबरें आ रहीं थीं। मुझे ये घबराहट हो रही थी कि मेरे चलते कहीं माता पिता न बीमार पड़ें। एक फ्रीलांस जर्नलिस्ट होने के चलते मेरे पास किसी बड़े न्यूज ब्यूरो का सिक्योरिटी कवर नहीं था। अपनी सुरक्षा खुद करनी थी और अपनी गट फीलिंग पर विश्वास करना था। खबरें देखकर घर पर भी सब परेशान थे। लेकिन आखिर में सब ठीक से हो गया और आखिरकार हम वापस आ गए।
तालिबान की महिलाओं के प्रति कट्टरता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि तालिबान बार बार ये विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहा है कि हम बदल गए हैं और अब पहले जैसी स्तिथि नहीं होगी और हम महिलाओं को आजादी देना चाहते हैं। लेकिन लोगों को इस पर विश्वास नहीं है, क्योंकि जितने साल वो सत्ता में रहे उन्होंने बहुत खून खराबा किया था और बहुत सख्त इस्लाम का रूप उन्होंने तालिबान में लागू किया था इसलिए किसी को विश्वास नहीं है। लेकिन अभी वो जैसे मैनेज कर रहे हैं शहर में जाम नहीं है, चोरी नहीं हो रही है। मुझे पता नहीं कि वो बतौर सरकार देश को कैसे चलाएंगे ये तो समय के साथ ही पता चल पाएगा।
(साभार: एबीपी न्यूज )
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