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नेशनल हेराल्ड मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इन आरोपों को बताया गलत, उठाई ये मांग
अंग्रेजी अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाली कंपनी ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने दायर की थी याचिका
पंकज शर्मा 5 years ago
अंग्रेजी अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाली कंपनी ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इस जवाब में सरकार का कहना है कि एजेएल की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। ऐसे में अदालत को हस्तक्षेप न करते हुए याचिका को खारिज कर देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने इस हलफनामे में केंद्रीय शहरी एवं आवास मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने के अपने आदेश को सही बताया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने एजेएल की याचिका में दिए गए आधारों को गलत बताया है। मंत्रालय का कहना है कि पिछले दस साल से हेराल्ड हाउस में कोई प्रेस नहीं चल रही है। ऐसे में यह सार्वजनिक परिसर अधिनियम के उल्लंघन के साथ ही लीज पर मुहैया करायी गई संपत्ति का दुरुपयोग है।
अपने इस जवाब में सरकार ने कहा है कि सोनिया गांधी,राहुल गांधी, मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडिस द्वारा सौ फीसद शेयर को स्थानांतरित किया जाना भी एजेएल द्वारा किया गया उल्लंघन है। सरकार ने अपने जवाब में राजनीतिक पार्टी का बैकग्राउंड होने की वजह से भवन को खाली कराने का आदेश जारी किए जाने के आरोप को भी गलत बताया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रैल को नेशनल हेराल्ड केस में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उसे हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हेराल्ड हाउस खाली करने के आदेश को चुनौती देने वाली एजेएल की याचिका पर केन्द्र को नोटिस भी जारी किया था। इसके बाद सरकार ने यह जवाब दाखिल किया है।
इससे पहले, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हेराल्ड हाउस को खाली करने के आदेश को बरकरार रखा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 28 फरवरी को लीज की शर्तें तोड़ने का दोषी पाते हुए एजेएल को दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था। एजेएल ने यह आरोप लगाया था कि यह फैसला राजनीतिक विद्वेष का एक हिस्सा है, जिसके चलते ये निर्देश दिए गए। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1938 में ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार की स्थापना की थी।
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