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पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में दोषियों की सजा पर सुनवाई टली
अब सात नवंबर को होगी मामले की सुनवाई। कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना लगाने के लिए उनकी संपत्ति का आकलन करने का निर्देश भी दिया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 11 months ago
टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 26 अक्टूबर को दोषियों की सजा को लेकर होने वाली सुनवाई टाल दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत ने अब इस मामले में सुनवाई के लिए सात नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। बताया जाता है कि दिल्ली कोर्ट में पहले दोनों पक्षों के वकील सजा पर जिरह करेंगे और उसके बाद जज सजा का ऐलान करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोषियों की संपत्ति और जेल में उनके बर्ताव को लेकर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इसकी कॉपी दोषियों के वकील को दी गई है। दोषियों के वकील ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मान लिया। इसके अलावा कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना लगाने के लिए उनकी संपत्ति का आकलन करने का निर्देश भी दिया है।
बता दें कि कोर्ट ने करीब 15 साल पहले हुई टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में 18 अक्टूबर को पांचों आरोपितों को दोषी करार दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें चार आरोपितों को हत्या-मकोका और एक आरोपित को मकोका के तहत दोषी ठहराया गया है।
इससे पहले कोर्ट ने तमाम पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके साथ ही फैसले के लिए 18 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की थी। 18 अक्टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपितों को दोषी ठहराया था।
साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) रविंद्र कुमार पांडेय ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपितों को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। इसके बाद 18 अक्टूबर को कोर्ट ने इस मामले के पांचों आरोपितों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को दोषी करार दिया था। इनमें रवि कपूर, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अमित शुक्ला को हत्या के लिए दोषी करार दिया गया, वहीं अजय सेठी को 411 मकोका के तहत दोषी पाया गया है।
इस मामले में दोषियों की सजा पर 26 अक्टूबर को बहस होनी थी। माना जा रहा था कि अदालत 26 अक्टूबर को ही इस मामले के सभी आरोपितों को सजा सुना सकती है। लेकिन 26 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई टल गई है और अब अदालत इस मामले में सात नवंबर को अपना फैसला सुना सकती है।
गौरतलब है कि 30 सितंबर 2008 को उस वक्त गोली मारकर सौम्या की हत्या कर दी गई थी, जब वह कार्यालय से अपनी कार से घर लौट रही थी। इस मामले में दिल्ली के वसंत कुंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के आधार पर रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को सौम्या की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ सख्त ‘महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम’ (मकोका) भी लगाया था।
सौम्या केस में आरोपितों ने खुलासा किया था कि उन्होंने हत्या इसलिए की, क्योंकि सौम्या की सेंट्रो उनकी कार से आगे निकल गई थी। हत्यारों ने सौम्या के सिर में गोली मारी थी, जिसकी वजह से कार डिवाइडर पर चढ़ गई। शुरू में पुलिस ने इसे एक्सीडेंट का केस समझा, लेकिन जब सौम्या के सिर से गोली निकली तो मामला सुलझा।
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