होम / इंडस्ट्री ब्रीफिंग / प्रसार भारती के पूर्व CEO जवाहर सरकार की इस टिप्पणी पर अनुराग ठाकुर ने जतायी आपत्ति
प्रसार भारती के पूर्व CEO जवाहर सरकार की इस टिप्पणी पर अनुराग ठाकुर ने जतायी आपत्ति
सूचना-प्रसारण मंत्री ने प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार की सार्वजनिक प्रसारक की अपने कार्यों के निर्वहन में ‘विफलता’ संबंधी टिप्पणी पर गुरुवार को कड़ी आपत्ति जताई
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रसार भारती के पूर्व सीईओ और राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार की सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती की अपने कार्यों के निर्वहन में ‘विफलता’ संबंधी टिप्पणी पर गुरुवार को कड़ी आपत्ति जताई।
सूचना-प्रसारण मंत्री ने राज्यसभा में कहा, ‘माननीय सदस्य प्रसार भारती के सीईओ रहे हैं। यह टिप्पणी करना उन्हें शोभा नहीं देता है कि सार्वजनिक प्रसारक विफल हो गया है।’
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य जवाहर सरकार ने टीवी चैनलों के लिए हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए अपनी प्रोग्रामिंग के हिस्से के रूप में सार्वजनिक सेवा से जुड़े कंटेंट के प्रसारण को अनिवार्य बनाने के सरकार के कदम पर सवाल उठाया था।
सरकार ने पूछा था कि जन सेवा कार्यक्रमों का प्रसारण भारत के सभी टीवी चैनलों के लिए अनिवार्य करने का क्या कारण हैं। क्या यह सार्वजनिक सेवा से जुड़े कंटेंट का प्रसारण प्रसार भारती का आदेश था। क्या प्रसार भारती विफल हो गई है?
ठाकुर ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के बजाय सरकार ने टेलीविजन चैनलों को अपने कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित किए हैं, ताकि टीवी चैनल्स अपनी खबर को जन-जन तक पहुंचा सकें। इसके बदले में सरकार ने टेलीविजन चैनलों को 30 मिनट के लिए जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों को प्रसारित करने के लिए कहा है। कई टेलीविजन चैनल पहले से ही इस तरह के कार्यक्रम चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नई गाइडलाइंस जो भारत सरकार ने बनायी है अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए, पहले दो अलग-अलग गाइडलाइंस थीं, लेकिन अब इसे एक कर दिया गया है। टेलीविजन चैनलों के लिए नए अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग की गाइडलाइंस बिजनेस करने में आसानी (Ease of Doing Business) और अनुपालन में आसानी (Ease of compliance) पर केंद्रित हैं। पहले किसी भी कार्यक्रमों के लाइव टेलिकास्ट को करने के लिए सरकार से अनुमित लेनी पड़ती थी, जिसे अब सरकार ने खत्म कर दिया है। अब केवल ऑनलाइन पोर्टल पर प्री-रजिस्ट्रेशन (पूर्व-पंजीकृत) ही कराना है, यानी केवल जानकारी ही देनी है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए भी एक नई गाइडलाइंस को लाया गया है।
उन्होंने कहा कि अपलिंकिंग की अनुमति पहले एक साल के लिए नवीनीकृत की जाती थी और संशोधित दिशानिर्देशों में उस समय सीमा को बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है।
जवाहर सरकार ने पूछा कि क्या ये जन सेवा कार्यक्रम नए कार्यक्रम होने चाहिए या 8 थीम की विषय वस्तु वाले पहले से चल रहे अथवा अन्य कार्यक्रमों को 30 मिनट की अवधि में समयोजित किया जा सकेगा और क्या रामायण व महाभारत जैसे कार्यक्रम इन गाइडलाइंस के अनुसार उपर्युक्त होंगे।
इसका जवाब देते हुए सूचना-प्रसारण मंत्री ने कहा कि इन गाइडलाइंस के तहत किसी चैनल को अपलिंक करने और भारत में इसकी डाउनलिंकिंग के लिए अनुमति प्राप्त कंपनी/एएलपी राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता के विषयों पर एक दिन में 30 मिनट की न्यूनतम अवधि के लिए लोक सेवा प्रसारण कर सकती है, जिसमें शिक्षा और साक्षरता का प्रसार, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं का कल्याण, समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण, पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता शामिल हैं।
सूचना-प्रसारण मंत्री ने कहा कि यह सूची व्यापक नहीं है और अन्य विषय जो राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता के हैं, वे भी लोक सेवा प्रसारण के दायित्व के तहत माने जाने के पात्र हो सकते हैं।
टैग्स प्रसार भारती जवाहर सरकार अनुराग ठाकुर