कपिल सेठी को ‘एनडीटीवी कंवर्जेंस’ (NDTV Convergence) में टेक्नोलॉजी और ऑपरेशंस के क्षेत्र में लीडरशिप भूमिकाएं संभालने का लंबा अनुभव है।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह ने कपिल सेठी को अपना नया टेक्नोलॉजी हेड (Head of Technology) नियुक्त किया है। कपिल सेठी ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर खुद यह जानकारी शेयर की है।
कपिल सेठी को ‘एनडीटीवी कंवर्जेंस’ (NDTV Convergence) में टेक्नोलॉजी और ऑपरेशंस के क्षेत्र में लीडरशिप भूमिकाएं संभालने का लंबा अनुभव है। डिजिटल स्ट्रैटेजी को आगे बढ़ाने और अहम प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक संभालने में उनकी खास विशेषज्ञता है। यहां उनका मुख्य काम वेब मानकों की गहरी समझ के साथ एनडीटीवी की ऑनलाइन मीडिया मौजूदगी को बेहतर बनाना था।
सेठी ने अप्रैल 2013 में ‘एनडीटीवी’ में बतौर डिलीवरी हेड काम शुरू किया। बाद के वर्षों में उन्होंने टेक्नोलॉजी और ऑपरेशंस के क्षेत्र में इस मीडिया समूह में विभिन्न लीडरशिप भूमिकाएं निभाईं। अपने करियर के शुरुआती दिनों में करीब चार साल वह ‘Cybage Software’ में भी काम कर चुके हैं।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत सेबी ने सभी पंजीकृत संस्थाओं, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरीज को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों में सभी बिना पंजीकृत वित्तीय सलाहकारों के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव समाप्त कर दें। सेबी का यह कदम निवेशकों को उन जोखिमों से बचाने के लिए उठाया गया है जो बिना पंजीकरण वाले फिनफ्लुएंसर्स द्वारा शेयर बाजार की सलाह देने के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। इन सलाहों में अक्सर भ्रामक दावे किए जाते हैं और पारदर्शिता का अभाव होता है।
सेबी के ताजा सर्कुलर में यह साफ किया गया है कि उसके द्वारा पंजीकृत सभी संस्थाओं और उनके एजेंट्स को ऐसे किसी व्यक्ति के साथ अनुबंध खत्म करना होगा, जो शेयर से संबंधित सलाह दे रहे हैं या निवेश रिटर्न का दावा कर रहे हैं। कई फिनफ्लुएंसर्स बिना सेबी की अनुमति के बड़े फॉलोअर बेस को प्रभावित कर रहे हैं और अपने वित्तीय संबंधों का खुलासा किए बिना मुनाफा कमा रहे हैं।
इससे पहले, जून 2024 में सेबी ने इन फिनफ्लुएंसर्स को नियामक दायरे में लाने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि, कई फिनफ्लुएंसर्स ने इन नियमों का पालन करने से बचते हुए सेबी-पंजीकृत संस्थाओं के साथ अप्रत्यक्ष संबंधों के माध्यम से काम करना जारी रखा, जिससे निवेशकों के निर्णय पर इसका असर पड़ा है।
सर्कुलर में सेबी ने स्पष्ट किया है कि उसके पंजीकृत संस्थानों को बिना सेबी की मंजूरी के ऐसे व्यक्तियों के साथ किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन, तकनीकी संपर्क, या ग्राहक रेफरल नहीं करना चाहिए जो बिना पंजीकरण के निवेश सलाह दे रहे हैं। यह प्रतिबंध उन संस्थानों पर लागू नहीं होगा जो केवल निवेश शिक्षा में लगे हैं और जो रिटर्न या प्रदर्शन का दावा नहीं करते।
भारत में फिनफ्लुएंसर्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। शीर्ष नाम जैसे शरण हेगड़े (2.6 मिलियन फॉलोअर्स), दिनेश किरौला (879K फॉलोअर्स) और केतन माली (572K फॉलोअर्स) करोड़ों लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सेबी का यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय सलाह में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे गलत सलाह से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।
फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने फैंटम स्टूडियोज इंडिया द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जो जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी ग्रुप की कंपनियों, बंगला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (BEPL) और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (CMEPL) के बीच प्रस्तावित विलय को लागू करने के लिए दायर की गई थी।
फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है। मुंबई बेंच ने निर्णय दिया कि यह याचिका अब अप्रासंगिक हो गई है क्योंकि दोनों कंपनियों के बोर्ड ने पहले ही विलय की योजना को वापस ले लिया है।
सितंबर में, NCLT ने ZEEL को CMEPL और BEPL के साथ अपने संयुक्त विलय योजना को वापस लेने की अनुमति दी थी, क्योंकि कंपनियों ने आपसी समझौता कर लिया था। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने 10 अगस्त 2023 को दी गई अपनी मंजूरी को भी रद्द कर दिया।
अगस्त 2024 में ZEEL और सोनी ने विवादों को सुलझाते हुए एक गैर-नकद समझौते की घोषणा की, जिसमें उन्होंने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में चल रहे मध्यस्थता और अन्य कानूनी मामलों को वापस लेने पर सहमति जताई।
गुजरात में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे के आरोप में दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारिता जगत में रोष है।
गुजरात में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे के आरोप में दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारिता जगत में रोष है। 'द हिंदू' के संपादक सुरेश नंबथ ने इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए गुजरात पुलिस से एफआईआर वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का काम उन्हें गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंचने की मांग करता है, ताकि वे जनहित में जानकारी प्रकाशित कर सकें।
लांगा के खिलाफ पहली एफआईआर GST धोखाधड़ी मामले से जुड़ी थी, जिसमें उन्हें पहले ही हिरासत में रखा गया है। वहीं, दूसरी एफआईआर 22 अक्टूबर को गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने में दर्ज की गई, जिसमें गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के गोपनीय दस्तावेजों के कब्जे का आरोप लगाया गया है।
संपादक नंबथ ने सोशल मीडिया पर कहा कि "पत्रकारों का दायित्व है कि वे व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर अपने काम में ऐसे दस्तावेजों का विश्लेषण करें। यदि उन्हें इस तरह के दस्तावेज रखने के लिए दंडित किया जाएगा, तो खोजी पत्रकारिता खत्म हो जाएगी।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस एफआईआर को ऑनलाइन "संवेदनशील" श्रेणी में रखा गया है, जो कि एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के खिलाफ है।
To file charges against them for possession of such documents is to undermine their journalistic work and their fundamental rights and to subvert the public interest. We urge the Gujarat police to drop the charges relating to the possession of classified documents against Mahesh
— Suresh Nambath (@nambath) October 26, 2024
गांधीनगर के एसपी रवि तेजा वसमसेट्टी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यह शिकायत गुजरात मैरीटाइम बोर्ड द्वारा दर्ज कराई गई है और पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक लांगा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है और मामले की जांच जारी है।
वहीं इस मामले में द हिंदू पब्लिशिंग ग्रुप के डायरेक्टर व वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने भी इस कार्रवाई की आलोचना की। साथ ही गोपनीय दस्तावेज हासिल करने के “पत्रकार के अधिकार” के लिए समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि “यदि पत्रकारों को ऐसे दस्तावेजों को हासिल करने और उनका विश्लेषण करने के लिए जेल में डाल दिया जाता है या अन्यथा दंडित किया जाता है, तो खोजी रिपोर्टिंग का अधिकांश हिस्सा खत्म हो जाएगा!
Support a journalist’s right to obtain and process a confidential or ‘sensitive’ official document in the line of his or her work. Condemn the Gujarat police’s charges on this count against The Hindu’s Gujarat-based senior journalist, Mahesh Langa. If journalists are imprisoned… https://t.co/SS7VZSMJwk
— N. Ram (@nramind) October 26, 2024
वहीं कई पत्रकार संगठनों ने भी इस मामले में लांगा के समर्थन में आवाज उठाई है और कहा कि पत्रकारों का काम जनहित में सच्चाई सामने लाना है, जिसके लिए गोपनीय दस्तावेजों का अध्ययन भी आवश्यक होता है।
इस मुद्दे पर पत्रकारों के अधिकार और जनहित को ध्यान में रखते हुए पत्रकार संगठन और अन्य लोग गुजरात पुलिस से इस एफआईआर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
ZMCL ने बोर्ड मीटिंग के दौरान डॉ. विकास गर्ग को स्वतंत्र निदेशक की कैटेगरी में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है।
ZMCL ने बोर्ड मीटिंग के दौरान डॉ. विकास गर्ग को स्वतंत्र निदेशक की कैटेगरी में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति का कार्यकाल 26 अक्टूबर 2024 से 25 अक्टूबर 2029 तक रहेगा।
डॉ. विकास गर्ग एक अनुभवी उद्यमी हैं और उनके पास केमिकल, प्लास्टिक, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, एग्रीबिजनेस, वेस्ट मैनेजमेंट, फिनटेक, हॉस्पिटैलिटी और एंटरटेनमेंट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कई संघर्षरत व्यवसायों को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है और स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कई कंपनियों की ग्रोथ में योगदान दिया है।
ZMCL की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "डॉ. गर्ग ने Ebix Inc. का अधिग्रहण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे समूह की क्षमताओं में सॉफ्टवेयर और ई-कॉमर्स समाधान में वृद्धि हुई।" इसके अलावा, डॉ. गर्ग के पास वेस्ट प्लास्टिक मैनेजमेंट और बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक्स में तीन भारतीय पेटेंट हैं, जो उनके सतत विकास और नवाचार के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं।
डॉ. गर्ग के पास ब्रिटिश नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन मैरी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मानद डॉक्टरेट और दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री है।
जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) ने 30 सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे जारी किए।
जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) ने 30 सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे जारी किए। इस तिमाही में कंपनी की आय 133 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.43% कम है। पिछले साल इसी अवधि में कंपनी की आय 153.7 करोड़ रुपये थी।
वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की कुल आय 310.4 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 297.9 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार, सालाना आधार पर इसमें 4.19% की वृद्धि हुई है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले उन्होंने पत्रकारों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले उन्होंने पत्रकारों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को कवर करने वाले पत्रकारों के लिए कानून की डिग्री होना जरूरी नहीं होगा। CJI चंद्रचूड़ ने यह सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि पहले संवाददाताओं के लिए सुप्रीम कोर्ट कवर करने के लिए लॉ की डिग्री की आवश्यकता क्यों थी।
पत्रकारों के लिए राहत भरा कदम
CJI चंद्रचूड़ के इस निर्णय से सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले पत्रकारों को बड़ी राहत मिलेगी। अब बिना कानून की डिग्री के भी पत्रकार सुप्रीम कोर्ट को कवर करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही पत्रकारों को कोर्ट परिसर में पार्किंग की सुविधा भी दी जाएगी। यह घोषणा 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित ‘प्री दिवाली समारोह’ के दौरान की गई।
10 नवंबर को रिटायर होंगे CJI चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कानूनी संवाददाताओं की मान्यता के लिए नियम लागू किया था, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट को कवर करने वाले पत्रकारों के पास कानून की डिग्री होनी चाहिए। लेकिन CJI चंद्रचूड़ ने इस शर्त को अब पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। 9 नवंबर 2022 को पदभार संभालने वाले CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए आराम करने की इच्छा जताई है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में हिन्दी ख़बर न्यूज चैनल के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल पर कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में हिन्दी ख़बर न्यूज चैनल के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल पर कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया। इस हमले में आरोपियों ने उनके साथ हाथापाई की और डंडों से उनकी कार को भी नुकसान पहुंचाया। घटना के बाद अतुल अग्रवाल ने पुलिस को शिकायत दी, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चारों आरोपियों को उनकी कार सहित गिरफ्तार कर लिया है।
बीच सड़क पर कार हटाने की बात पर हुआ विवाद
गुरुवार सुबह जब अतुल अग्रवाल अपने घर से ऑफिस के लिए निकले तो परथला फ्लाईओवर के पास कुछ लोगों ने बीच सड़क पर अपनी कार खड़ी कर रखी थी। जब उन्होंने रास्ता साफ करने को कहा, तो चारों आरोपी अभद्रता पर उतर आए और अचानक उन पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपियों के पास लाठी-डंडे थे, जिससे उन्होंने अतुल अग्रवाल की कार पर भी वार किया, जिससे कार क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान अतुल अग्रवाल ने किसी तरह हमलावरों की तस्वीरें अपने मोबाइल में कैद कर लीं।
नोएडा : हिन्दी ख़बर के प्रधान संपादक पर हमला
— हिन्दी ख़बर | Hindi Khabar ?? (@HindiKhabar) October 24, 2024
⏩अतुल अग्रवाल पर दबंगों ने किया जानलेवा हमला
⏩परथला फ्लाईओवर के पास गुंडों ने किया हमला
⏩बदमाशों ने बीच सड़क पर खड़ी कर रखी थी गाड़ी
⏩लाठी और डंडों के साथ लैस थे चारों बदमाश
⏩बीच सड़क रास्ता रोककर किया जानलेवा हमला
⏩नोएडा पुलिस… pic.twitter.com/cGDfJut4i6
आरोपियों की कार पर बीजेपी का लगा था झंडा
मामले की जानकारी मिलते ही नोएडा सेक्टर 113 पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चारों आरोपियों को उनकी कार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की कार पर बीजेपी का झंडा लगा हुआ था, जिससे इस मामले में और सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, जबकि बीजेपी से भी अपेक्षा है कि वह इस पर ध्यान दें। हालांकि, अभी तक आरोपियों का बीजेपी से कोई सीधा संबंध सामने नहीं आया है।
भरत गुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान MCA के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। उन्होंने जनवरी 2022 में यह पदभार संभाला था।
जागरण न्यू मीडिया के सीईओ भरत गुप्ता ने मिसइन्फॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (MCA) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जनवरी 2022 में यह पदभार संभाला था और अपने डेढ़ साल से अधिक के कार्यकाल में MCA को एक मजबूत संगठन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। MCA में 12 फैक्ट-चेकिंग ऑर्गेनाइजेशन, तीन मीडिया कंपनियां और सिविल टेक ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं।
भरत गुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान MCA के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। इस्तीफा देते समय उन्होंने कहा, "गलत और भ्रामक सूचनाओं से समाज को बचाने के लिए हमने तीन साल तक लगातार प्रयास किए। अब समय आ गया है कि संगठन का नेतृत्व किसी नए व्यक्ति के हाथों में सौंपा जाए। मैं अपने सभी साथियों और फैक्ट-चेकर्स के समर्थन के लिए आभारी हूं, जिन्होंने फेक न्यूज की महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, जिसके लिए वह अंतरराष्ट्रीय फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क एडवाइजरी बोर्ड के आभारी हैं। उनके अनुसार, "सच्ची जानकारी के महत्व को बढ़ावा देना और दुनिया भर के पेशेवरों के साथ काम करना मेरे लिए एक सम्मान की बात रही है।"
भरत गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही उन्होंने MCA के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन गलत सूचनाओं से लड़ने की उनकी प्रतिबद्धता उतनी ही मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि वह संगठन के मिशन और विजन पर पूरा विश्वास रखते हैं और MCA के प्रयासों का समर्थन जारी रखेंगे।
भरत गुप्ता के नेतृत्व में MCA ने कई अहम पहल की, जिनमें गूगल के साथ चुनावी गलत सूचनाओं से लड़ने के लिए सहयोग और मेटा की डीपफेक एनालिसिस यूनिट के साथ साझेदारी शामिल है। MCA ने वॉट्सऐप पर कई भाषाओं में फैक्ट-चेकिंग सहायता प्रदान करने वाली हेल्पलाइन भी शुरू की, जिससे संगठन का प्रभाव और व्यापक हुआ। उनके नेतृत्व ने डिजिटल साक्षरता और सही सूचनाओं के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई।
2022 में MCA की स्थापना का उद्देश्य प्रमुख मीडिया संस्थानों और टेक्नोलॉजी पार्टनर्स को एक साथ लाकर फेक न्यूज के प्रसार को रोकना था, जिसमें भरत गुप्ता की अहम भूमिका रही।
इससे पहले वह 12 साल से ज्यादा समय से ‘Postman Pictures’ में बतौर फाउंडर, डायरेक्टर और प्रड्यूसर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
देश के प्रमुख प्रॉडक्शन हाउस में शामिल ‘यश राज फिल्म्स’ (Yash Raj Films) ने केतन-ओ-राणा को सीनियर मैनेजर (Production, Post Production Supervisor, VFX Producer) के पद पर नियुक्त किया है।
इससे पहले वह 12 साल से ज्यादा समय से ‘पोस्टमैन पिक्चर्स’ (Postman Pictures) में बतौर फाउंडर, डायरेक्टर और प्रड्यूसर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। ‘पोस्टमैन पिक्चर्स’ के तहत, उन्होंने कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर काम किया, जिनमें 10PL (10 प्रीमियर लीग) के लिए एक कैंपेन भी शामिल था, जिसमें वीरेंद्र सहवाग ब्रैंड एंबेसडर थे। यह प्रीमियर गली क्रिकेट इवेंट काफी चर्चित रहा।
इसके अलावा, उन्होंने एक्सेल इंडस्ट्रीज के विकेंद्रीकृत कचरा प्रबंधन के लिए 3D एनिमेशन और कॉरपोरेट फिल्में भी बनाई। उन्होंने ‘फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया’ (एफडीसीआई) के लैक्मे फैशन शो के लिए फिल्मांकन और एडिटिंग का काम भी संभाला। पूर्व में केतन-ओ-राणा ने मुक्ता आर्ट्स, B62 स्टूडियोज, बम्बई ड्रीम्स और बालाजी टेलीफिल्म्स जैसी कंपनियों के साथ भी काम किया है।
अपनी लिंक्डइन पोस्ट में राणा ने लिखा है, ‘मैंने वर्षों तक सेट पर काम किया है, जहां रचनात्मकता और वास्तविकता के बीच संतुलन बनाना होता है। अब यश राज फिल्म्स में VFX प्रड्यूसर और पोस्ट-प्रॉडक्शन सुपरवाइजर के रूप में मैं अपने एसोसिएट डायरेक्टर, प्रड्यूसर और स्क्रीनराइटर के अनुभव का लाभ उठाऊंगा। मुझे उन बारीकियों और खास पलों को आकार देना पसंद है जो स्टोरी को नई ऊंचाई पर ले जाते हैं, चाहे वह एक धमाकेदार एक्शन सीन हो या परफेक्ट कट।’
आईपीजी मीडिया ब्रैंड्स (IPG MediaBrands) इंडिया के सीईओ (CEO) शशि सिन्हा को 'e4m मीडिया ACE अवॉर्ड्स 2024' में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।
आईपीजी मीडिया ब्रैंड्स (IPG MediaBrands) इंडिया के सीईओ (CEO) शशि सिन्हा को 'e4m मीडिया ACE अवॉर्ड्स 2024' में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह भव्य पुरस्कार समारोह 11 नवंबर को मुंबई में आयोजित होगा, जिसमें विज्ञापन और मार्केटिंग जगत के प्रतिष्ठित प्रोफेशनल और एक्सपर्ट्स शामिल होंगे। यह e4m मीडिया ACE अवॉर्ड्स का आठवां संस्करण है, जो भारतीय मीडिया एजेंसियों और उनके प्रोफेशनल्स को उनके असाधारण योगदान और काम के लिए पहचान देता है।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड उन दूरदर्शी लीडर्स को दिया जाता है, जिन्होंने अपने नेतृत्व और उल्लेखनीय उपलब्धियों के माध्यम से इंडस्ट्री को नया आकार दिया है। शशि सिन्हा की चार दशक लंबी शानदार करियर यात्रा ने उन्हें भारतीय मीडिया व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री के सबसे प्रभावशाली लीडर्स में से एक बना दिया है। IPG में अपनी भूमिका से परे, सिन्हा ने मीडिया क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता के लिए कई प्रोफेशनल्स को प्रेरित किया है। उनकी दृष्टि और समर्पण ने भारतीय मीडिया के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शशि सिन्हा की यात्रा की शुरुआत FCB Ulka में लीडरशिप की भूमिका से हुई, जिसके बाद 2013 में वह IPG Mediabrands की सभी मीडिया इकाइयों के CEO बने। वह कई प्रमुख इंडस्ट्री संस्थाओं में भी सक्रिय रहे हैं, जिनमें वर्तमान में BARC के चेयरमैन की भूमिका शामिल है। इसके अलावा, वह एड क्लब के पूर्व अध्यक्ष, ABC और MRUC के पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं।
शशि सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत पार्ले में प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में की थी और 1990 में लोडस्टार की स्थापना की, जो भारत की पहली विशेष मीडिया प्लानिंग और बाइंग एजेंसी थी। बाद में, जब IPG ने भारत में अपने कारोबार का एकीकरण किया, तो सिन्हा को IPG Mediabrands इंडिया का CEO नियुक्त किया गया।
शशि सिन्हा एक दूरदर्शी लीडर और मीडिया क्षेत्र के एक्सपर्ट हैं, जिन्होंने अपने अभिनव रणनीतियों के माध्यम से भारतीय मीडिया के परिदृश्य को बदला है। उनके नेतृत्व में, IPG Mediabrands इंडिया एक शक्तिशाली कंपनी बनकर उभरी है, जिसने देश के कुछ सबसे बड़े ब्रांडों की प्रगति में अहम भूमिका निभाई है।