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रिपोर्टिंग से नाराज सरकार ने मीडिया संस्थानों से मांगे 'सबूत'
जांच में सुरक्षा बलों को पता चला कि इस रिपोर्ट को सबसे पहले अल जजीरा ने अपलोड किया था। इसके तीन घंटे बाद बीबीसी ने उसे चलाया। इसे बीबीसी के सभी रीजनल चैनल्स पर प्रसारित किया गया
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर बारीकी से नजर रख रही केंद्र की मोदी सरकार ने अब अल जजीरा और बीबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय न्यूज संस्थानों से संपर्क किया है। दरअसल, सरकार ने इन मीडिया संस्थानों से उनकी उस रिपोर्ट की रॉ फुटेज मांगी है, जिसमें कश्मीर में हजारों लोगों के विरोध-प्रदर्शन करने का दावा किया गया था। एक बयान में इन चैनल्स की रिपोर्ट का खंडन करते हुए भारतीय गृह मंत्रालय का कहना है कि ये रिपोर्ट्स झूठी और भ्रामक हैं। केवल श्रीनगर और बारामूला में विरोध प्रदर्शन हुआ था, जहां पर भी 20 से अधिक लोग मौजूद नहीं थे।
बता दें कि शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक वर्ग ने दावा किया था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले के विरोध में श्रीनगर में 10,000 से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। उसके बाद अल जजीरा और बीबीसी ने दावा किया था कि भारतीय सेना ने प्रदर्शन को रोकने के लिए हिंसा का सहारा लिया। जांच में सुरक्षा बलों को पता चला कि इस रिपोर्ट को सबसे पहले अल जजीरा ने अपलोड किया था। इसके तीन घंटे बाद बीबीसी ने उसे चलाया। इसे बीबीसी के सभी रीजनल चैनल्स पर प्रसारित किया गया। बाद में इस रिपोर्ट को कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय चैनलों द्वारा भी उठाया गया।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे अधिकारियों का कहना है कि विरोध-प्रदर्शन बड़े स्तर पर नहीं हुआ था। केवल कुछ लोग शांतिपूर्ण रूप से एकत्रित हुए थे। पिछले हफ्ते के दौरान एक भी गोली नहीं चली है। वहीं, इस तरह की रिपोर्ट्स को फर्जी और आधारहीन बताते हुए सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है और इन मीडिया चैनल्स से घटना की रॉ फुटेज मांगी है।
‘इकनॉमिक टाइम्स’ (ईटी) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने इस बारे में अल जजीरा और बीबीसी चैनल से संपर्क कर घटना की रॉ फुटेज मांगी है। सरकार ने इन चैनल्स से यह भी पूछा है कि क्या इस तरह के आरोप लगाने वाली रिपोर्ट्स में किए गए दावे को लेकर उनके पास कोई सबूत है, यदि है तो वे उपलब्ध कराएं, जिससे वास्तवकिता पर जमी धूल हटे और सच्चाई लोगों के सामने आए।
‘ईटी की’ रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को लेकर नेशनल-इंटरनेशनल मीडिया द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग पर आईएंडबी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो कड़ी नजर रख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी रिपोर्ट में चार विडियो और सात रिपोर्ट्स को 'भ्रामक और फेक' के रूप में चिह्नित किया है। हालांकि, गृह मंत्रालय को अभी रॉ फुटेज अथवा सबूत नहीं मिले हैं, जिससे विडियो की सत्यता के बारे में पता लगाया जा सके। ‘ईटी’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि सत्यापित किए बिना अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा अपलोड की गई जम्मू-कश्मीर से जुड़ी किसी भी फुटेज को नहीं चलाया जाए।
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