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BARC India के नवनियुक्त CEO नकुल चोपड़ा से ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री को हैं ये उम्मीदें
सुनील लुल्ला की जगह पिछले दिनों ही नकुल चोपड़ा को नियुक्त किया गया है BARC इंडिया का नया CEO
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) इंडिया ने पिछले हफ्ते नकुल चोपड़ा को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है। उन्होंने सुनील लुल्ला से यह बागडोर संभाली है, जो बतौर एंटरप्रिन्योर अपना नया सफर शुरू करने जा रहे हैं।
बता दें कि चोपड़ा इस रेटिंग एजेंसी से पहले से जुड़े हुए हैं। वह वर्ष 2016 में बार्क इंडिया बोर्ड में शामिल हुए थे। इस निकाय के चेयरमैन के रूप में (2018-19) चुने जाने वाले एडवर्टाइजिंग जगत के वह पहले व्यक्ति थे। इससे पहले 'वायकॉम18' के पूर्व ग्रुप सीईओ सुधांशु वत्स और 'जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड' (ZEEL) के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका इस पद पर रह चुके हैं। जनवरी 2020 में नकुल चोपड़ा को बार्क इंडिया की निगरानी समिति (Oversight Committee) का सदस्य नियुक्त किया गया था।
चूंकि चोपड़ा चार साल से अधिक समय से बार्क से जुड़े हुए हैं, ऐसे में इंडस्ट्री को उम्मीद है कि उन्हें कंपनी के सामने आने वाले मुद्दों की काफी समझ होगी। इंडस्ट्री को यह भी लगता है कि नए सीईओ की नियुक्ति से बार्क को अपनी छवि के पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी और टीआरपी घोटाले से संबंधित चल रहे मुद्दों को हल करने और न्यूज जॉनर की रेटिंग की बहाली में मदद मिलेगी। हालांकि, ऐसे समय में जब बार्क विवादों में उलझा हुआ है, लुल्ला के बार्क सीईओ के पद से हटने से भी हितधारकों के बीच चिंता बढ़ गई है।
इंडस्ट्री से जुड़े एक पर्यवेक्षक का कहना है,‘बार्क में स्थिरीकरण एक समस्या रही है। केवल ढाई वर्षों में वरिष्ठ नेतृत्व में कई बदलाव हुए हैं जो इंडस्ट्री के लिए काफी चिंताजनक बात है। हमें नहीं पता कि बार्क में क्या हो रहा है और वरिष्ठ नेतृत्व स्तर पर इतनी नौकरी क्यों छोड़ी जा रही हैं। शुरुआत में बार्क काफी अच्छा था, लेकिन टीआरपी घोटाले से इसकी छवि खराब हुई है। हमें नहीं पता कि कैसे यह अपना खोया हुआ विश्वास फिर हासिल करेगा।’
एक प्रमुख ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव का कहना है कि नए सीईओ की नियुक्ति का मतलब यह भी हो सकता है कि बोर्ड मौजूदा मुद्दों को हल करने और सिस्टम में अधिक पारदर्शिता लाने की कोशिश कर रहा है।
उनका कहना है, ‘मुख्य रूप से टीआरपी घोटाले के कारण रेटिंग एजेंसी के लिए पिछला साल काफी कठिन रहा है। भले ही सुनील लुल्ला इंडस्ट्री में काफी अनुभवी हैं, लेकिन सरकार, प्रसारकों और अन्य हितधारकों की जांच के कारण उनका काम आसान नहीं था। अच्छी बात यह है कि चोपड़ा चेयरमैन के रूप में बार्क का हिस्सा रहे हैं और यहां तक कि तकनीकी समिति का भी हिस्सा रहे हैं। इसलिए, यह बदलाव उनके लिए कोई समस्या नहीं होगी। हम उनके नेतृत्व में कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम की उम्मीद कर सकते हैं।’
इन एग्जिक्यूटिव का कहना है कि इंडस्ट्री के लिए बार्क डाटा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि मार्केटर्स इसका उपयोग विज्ञापन पर खर्च किए जाने वाले रुपये का मूल्यांकन करने के लिए करते हैं। 25 अगस्त को पदभार ग्रहण करने जा रहे चोपड़ा के एजेंडे में भले ही काफी कुछ हो लेकिन न्यूज ब्रॉडकास्टिंग जगत की मांगों की सूची में सबसे ऊपर न्यूज जॉनर के साप्ताहिक आंकड़े जारी करना है।
एक प्रमुख रीजनल न्यूज चैनल के बिजनेस हेड ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘एक साल के विवादों के बाद हमें उम्मीद है कि बार्क के नए सीईओ की नियुक्ति से अधिक पारदर्शिता आएगी। इससे यह भी संकेत मिलता है कि बार्क अब जल्द ही समाचार चैनलों की रेटिंग फिर से शुरू करेगा। हमें विश्वास है कि कम से कम न्यूज ब्रॉडकास्टर्स के लिए बार्क में नए नेतृत्व के साथ मामलों को सुलझाया जाएगा।’
बता दें कि पिछले साल बार्क इंडिया को तमाम विवादों का सामना करना पड़ा, लेकिन सबसे बड़ा विवाद टीआरपी घोटाला था, जिसने टीवी रेटिंग एजेंसी की छवि को धूमिल किया। टीआरपी घोटाले के अलावा बार्क के कामकाज पर भी सवाल उठाया गया था, जब पिछले साल अप्रैल में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इसके गठन, शासन, संचालन, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए तमाम सिफारिशें जारी की थीं।
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