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जानें, इन तीन महीनों में जागरण प्रकाशन का कैसा रहा हाल
‘जागरण प्रकाशन’ समूह ने इस साल जून में समाप्त हुई पहली तिमाही (Q1FY21) के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
‘जागरण प्रकाशन’ (Jagran Prakashan) समूह ने इस साल जून में समाप्त हुई पहली तिमाही (Q1FY21) के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए हैं। इन नतीजों के अनुसार इसका समेकित कुल राजस्व (Consolidated net revenue) पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY20) में 584.28 करोड़ रुपये से साल दर साल (yoy) 67.3 प्रतिशत घटकर 191.09 करोड़ रुपये हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोटे तौर पर कोविड-19 के कारण देश में हुए लॉकडाउन के कारण कुल रेवेन्यू प्रभावित हुआ है।
‘Earnings before interest, tax, depreciation and amortization’ (EBITDA) की बात करें तो इसमें बहुत ज्यादा यानी निगेटिव में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY20) में जहां यह 141.1 करोड़ रुपये था, वहीं इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY21) में साल दर साल (yoy) 124.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 34.23 करोड़ रुपये रह गया।
इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY21) में कंपनी को समेकित कुल नुकसान (consolidated net loss) 44.31 करोड़ रुपये का हुआ जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY20) में कंपनी ने 65.75 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। ऐसे में कुल लाभ का अंतर (net profit margin) इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में निगेटिव पर आ गया और यह साल दर साल (yoy) घटकर 23.19 दर्ज किया गया। पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में कुल लाभ का अंतर (net profit margin) 11.25 प्रतिशत था।
कंपनी के विज्ञापन राजस्व (print, radio & digital) की बात करें तो इस तिमाही में साल दर साल (YoY) 74.8 प्रतिशत की कमी आई है और यह घटकर 108.7 करोड़ रुपये रह गया है। अन्य परिचालन राजस्व में भी साल दर साल 81.3 प्रतिशत की कमी आई है और यह 8.27 करोड़ रुपये रह गया है। प्रिंट के विज्ञापन राजस्व में साल दर साल 75.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 86.0 करोड़ रुपये रह गया है, जबकि सर्कुलेशन रेवेन्यू में साल दर साल (YoY) 32.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 74 करोड़ रुपये रह गया है।
हालांकि, प्रिंट के सर्कुलेशन और ऐड रेवेन्यू में पहली तिमाही में महीना दर महीना (month on month) क्रमिक सुधार देखा गया है। जून में कोविड-19 से पहले के मुकाबले ऐड रेवेन्यू 35 प्रतिशत और सर्कुलेशन रेवेन्यू 80 प्रतिशत वापस आ गया। सर्कुलेशन रेवेन्यू में साल दर साल (YoY) 31.8 प्रतिशत की कमी आई और यह 108.6 करोड़ के मुकाबले घटकर 74 करोड़ रुपये रह गया।
इस तिमाही के दौरान डिजिटल रेवेन्यू तुलनात्मक रूप से लचीला बना रहा और इसमें साल दर साल 15.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 9.2 करोड़ रुपये रहा। तमाम डिजिटल पहल जैसे- दैनिक जागरण और मिड-डे के ई-पेपर फॉर्मेट को सबस्क्रिप्शन के तहत लाया गया। इसके अलावा यूनिक यूजर बेस में 107 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 108 मिलियन हो गया, जिसने परिचालन घाटे (operating losses) को पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में दो करोड़ रुपये से इस तिमाही में एक करोड़ रुपये तक लाने में कम करने में मदद की।
म्यूजिक ब्रॉडकास्ट की बात करें तो इस तिमाही में रेवेन्यू में साल दर साल (YoY) 79.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 14.3 करोड़ रुपए रहा और पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 22.4 रुपये EBITDA के मुकाबले 15.3 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस दर्ज किया गया।
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