मुंबई में आयोजित ‘सुभाष घोषाल मेमोरियल लेक्चर’ को संबोधित कर रहे थे ‘इंडिया टुडे’ समूह के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी का कहना है कि मीडिया को संतुलनकारी कार्य करना होगा। एक तो उसे वित्तीय व्यावहार्यता हासिल करनी होगी और उसी दौरान सरकार और विज्ञापनदाताओं के दबाव को भी संभालना होगा।
अरुण पुरी शुक्रवार को मुंबई में ‘सुभाष घोषाल मेमोरियल लेक्चर’ (Subhas Ghosal Memorial Lecture) को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) और 'सुभाष घोषाल फाउंडेशन' (SGF) ने मिलकर किया था। कार्यक्रम में विज्ञापन जगत से जुड़ी देश की टॉप हस्तियां शामिल रहीं।
इस मौके पर अरुण पुरी का कहना था, ‘पत्रकारिता नेक पेशा है और विश्वसनीयता ही न्यूज मीडिया की सबसे बड़ी पूंजी है। तमाम मीडिया संस्थान अभी भी समाज की सेवा में जुटे हैं। वे सच को केंद्र में रखते हैं यानी उनके लिए सच सर्वोपरि है और वे अपनी विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, दूसरे देशों की तुलना में भारत में मीडिया काफी सस्ता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए सबस्क्रिप्शन मॉडल की बात करें तो विदेश में यह मॉडल काफी सफल है, जबकि हमारे देश में उतना नहीं।’
उन्होंने कहा, ‘भारत में केबल कनेक्शन भी काफी सस्ते हैं और यही कारण है कि न्यूज चैनल्स बहुत हद तक एडवर्टाइजर्स पर निर्भर हैं और टीआरपी के पीछे भाग रहे हैं।’ अरुण पुरी का कहना था कि बार्क रेटिंग को लेकर भी वह चिंतित थे। उन्हें लगा कि सिस्टम में सुधार की जरूरत है, लेकिन बाद में इस संबंध में काम शुरू हो गया था।
‘इंडिया टुडे’ समूह की सफलता के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया उनके पहले पब्लिकेशन ‘इंडिया टुडे मैगजीन’ के लिए 1977 और 1980 के चुनाव किस तरह दो निर्णायक मोड़ साबित हुए। अरुण पुरी ने कहा, ‘हमने इस मैगजीन को दिसंबर 1975 में लॉन्च किया, तब आपातकाल का दौर था। दो साल बाद 1977 के आम चुनावों के दौरान कांग्रेस को हराकर एक गठबंधन सरकार अस्तित्व में आई। उस समय भारतीय राजनीति और समाज में भारी उथल-पुथल देखी जा रही थी लेकिन तब अखबारों की कवरेज उतनी प्रखर नहीं थी और छपाई की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी। उस समय अच्छे कंटेंट और बेहतरीन प्रिंटिंग की वजह से हमारी मैगजीन को काफी रफ्तार मिली और इसका सर्कुलेशन 15000 से एक लाख तक पहुंच गया। इसके बाद से इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।’
1980 के चुनावों से पहले मैगजीन ने ‘दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के दो प्रोफेसरों प्रणय रॉय और अशोक लाहिड़ी के सुझाव और मदद से देश का पहला मत सर्वेक्षण (poll survey) किया। अरुण पुरी का कहना था, ‘इस चुनाव में कई लोगों का मानना था कि जनता पार्टी की सरकार वापस आएगी, हमारे सर्वेक्षण ने सही भविष्यवाणी की थी कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस बहुमत के साथ वापस आएगी। इस सर्वेक्षण ने हमारी विश्वसनीयता को इतना बढ़ा दिया कि शीर्ष उद्योगपति जीडी बिड़ला ने मुझे लंच पर आमंत्रित किया, तब मैं सिर्फ 36 साल का था।’
अपने निजी और व्यावसायिक अनुभवों के बारे में पुरी ने कई अहम बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मुझे सफलता कैसे मिली। यह घटनाओं, संयोगों, मेरी शिक्षा और कई अन्य चीजों की श्रंखला हो सकती है। मेरा मानना है कि इन चार चीजों ने मेरी काफी मदद की। पहली मेरा सीए होना, जिससे मुझे पता चला कि जब तक स्थिति स्पष्ट न हो, चीजें कैसे पूछनी हैं। दूसरा, एक गैर-पत्रकार होने के नाते मुझे यह पता लगाने में मदद मिली कि एक औसत पाठक को क्या पसंद आएगा। तीसरा,काम के प्रति मेरा जुनून और चौथा, कोई पूर्वकल्पित विचार (preconceived idea) का न होना।’
इस दौरान अरुण पुरी ने बताया, ‘मैं लाहौर में पैदा हुआ और विभाजन के बाद मेरा परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया। मेरे पिता ने फिल्मों में फाइनेंसिंग शुरू की। ‘आग‘ और ‘मदर इंडिया‘ से इसकी शुरुआत हुई, जिसने महबूब स्टूडियो की स्थापना की और फिर ‘आवारा‘, जिसने राज कपूर के प्रोडक्शन की स्थापना की। फिर बीआर चोपड़ा की ‘नया दौर‘, उन दिनों में उन्होंने जो भी निवेश किया, वे सभी फिल्में सफल रहीं।’
परिवार में हुई एक त्रासदी के कारण उनका परिवार बाद में दिल्ली शिफ्ट हो गया। अरुण पुरी उस समय किशोर थे और अपने करियर के बारे में उन्हें कुछ भी तय नहीं था। अरुण पुरी के अनुसार, ‘मेरे पिता ने मुझे सीए की पढ़ाई करने के लिए कहा। ऐसा कोर्स जो उनके बिजनेस में मददगार साबित हो सकता था।’ 1970 में जब पुरी सीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद लंदन में ऑडिटर के रूप में काम कर रहे थे, तो उनके पिता ने उन्हें फरीदाबाद में अपनी प्रिंटिंग प्रेस ‘थॉमसन प्रेस’ का दौरा करने के लिए कहा, जिसे उन्होंने ब्रिटिश मीडिया मुगल पॉल रॉयटर के सहयोग से स्थापित किया था।
अरुण पुरी ने बताया, ‘प्रेस को देखने के बाद मैंने यहीं रहने और प्रॉडक्शन कंट्रोलर के रूप में बिजनेस को संभालने का फैसला किया। हमने गुणवत्तापूर्ण छपाई के लिए धीरे-धीरे बेहतर तकनीक लागू की लेकिन हम दूसरों के लिए कंटेंट छाप रहे थे। फिर, हमने सोचा कि क्यों न हमारा अपना पब्लिकेशन हो। हमने कई चीजों की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।’ फिर उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान एक मैगजीन के साथ इंडिया टुडे ग्रुप की स्थापना की।
अरुण पुरी के अनुसार, ‘इंडिया टुडे मैगजीन शुरू करने की कल्पना आपातकाल से पहले की गई थी लेकिन इसे दिसंबर 1975 में अमलीजामा पहनाया गया था। इन 47 वर्षों में हमने 56 पब्लिकेशंस और चैनल लॉन्च किए, जिनमें से कुछ बंद भी हो गए।’
इस मौकै पर अरुण पुरी ने यह भी बताया कि कैसे इस ग्रुप ने एक घंटे के वीडियो कैसेट के साथ वर्ष 1988 में वीडियो जर्नलिज्म के क्षेत्र में कदम रखा था। इसके बाद 1995 में ‘दूरदर्शन’ पर ‘आजतक’ शो के लिए 20 मिनट का स्लॉट मिला और फिर कैसे यह 24/7 न्यूज चैनल में बदल गया।
इस कार्यक्रम में अपने संबोधन के अंत में पुरी ने कहा, ‘प्रेस की स्वतंत्रता अच्छी बात है। यह भारत के अस्तित्व और विकास के लिए आवश्यक है। अगली बार जब आप प्रेस की निंदा करें, तो सोचें कि क्या इसके बिना भारत की स्थिति बेहतर हो सकती है।’
ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री ने पिछले चार सालों से डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) द्वारा ऑडिट न किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री ने पिछले चार सालों से डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) द्वारा ऑडिट न किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। यह आपत्तियां भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा जारी इंटरकनेक्शन रेगुलेशंस, 2017 और डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम्स ऑडिट मैनुअल पर मिले 55 सुझावों का हिस्सा हैं।
ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि DPOs द्वारा सब्सक्राइबर संख्या की गलत रिपोर्टिंग से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए, उन्होंने ऑडिट करने का प्राथमिक अधिकार अपने पास रखने की मांग की है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रॉडकास्टर्स ने डीपीओ द्वारा ऑडिट रिपोर्ट न मिलने और नियमों के अनुपालन में कमी की भी शिकायत की है। उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अनुरोध किया है कि वह TRAI से उस धारा को हटाने के लिए कहे, जिससे नियमों के दुरुपयोग की संभावना बढ़ सकती है।
ब्रॉडकास्ट संस्थाएं जैसे इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) और ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) ने इस परामर्श पत्र का जवाब दिया है।
अनिल जयराज ने जून में वायकॉम18 स्पोर्ट्स के सीईओ पद से इस्तीफा दिया था।
अनिल जयराज ने जियो होम डिजिटल सर्विसेज में बतौर अध्यक्ष (प्रेजिडेंट) पदभार संभाल लिया है। वह रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज पवार को रिपोर्ट करेंगे।
अनिल जयराज ने जून में वायकॉम18 स्पोर्ट्स के सीईओ पद से इस्तीफा दिया था। वायकॉम18 में उन्होंने स्पोर्ट्स संपत्तियों के अधिग्रहण, प्रसारण और मोनेटाइजेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जयराज इससे पहले स्टार स्पोर्ट्स में कार्यरत थे, जहां वे एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट के पद पर थे। इसके अलावा, उन्होंने पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड में चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के रूप में भी काम किया है। पिडिलाइट से पहले, जयराज ने बीपी/कैस्ट्रॉल (BP/Castrol) में 16 साल तक यूके और भारत में सेल्स और मार्केटिंग के विभिन्न पदों पर सेवाएं दी थीं।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा गठित स्वतंत्र जांच समिति (IIC) ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा गठित स्वतंत्र जांच समिति (IIC) ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी है। इस समिति की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज, जस्टिस डॉ. सतीश चंद्र कर रहे थे। उनके साथ जी के दो स्वतंत्र निदेशक - ऑडिट कमेटी के चेयरमैन और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल और नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति के चेयरमैन पी.वी. रामना मूर्ति शामिल थे। पी.वी. मूर्ति को मानव संसाधन और संगठन विकास में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
कंपनी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, समिति ने नियामक एजेंसियों द्वारा उठाए गए सभी आरोपों की गहन समीक्षा की। समिति ने कंपनी द्वारा SEBI को दी गई सभी जानकारी और दस्तावेजों की विस्तृत जांच की।
जांच समिति ने आरोपों के तथ्यों की गहराई से जांच करने के लिए बाहरी ऑडिट फर्म्स और टैक्स एक्सपर्ट्स से सलाह ली। समिति की रिपोर्ट में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया:
1. कंपनी के रिकॉर्ड और SEBI को दी गई प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद, समिति ने पाया कि कंपनी ने पूरी तरह सहयोग किया और नियामक प्राधिकरण के साथ विस्तृत उत्तर साझा किए।
2. पिछले मुद्दों पर SEBI द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, कंपनी ने आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए।
3. SEBI द्वारा उठाए गई दिक्कतों को दूर करने के लिए कंपनी और बोर्ड ने समय पर उचित कार्रवाई की है।
4. जांच के तहत लेन-देन कंपनी या उसके शेयरधारकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते पाए गए। ये लेन-देन सामान्य व्यवसाय का हिस्सा थे और इनमें कोई गंभीर अनियमितता नहीं पाई गई।
5. समिति ने यह भी कहा कि इस मामले में और कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, और कंपनी को कोई अतिरिक्त कानूनी या नीति बदलाव की जरूरत नहीं है।
रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, समिति के अध्यक्ष डॉ. सतीश चंद्र ने कहा, "हमने सभी आरोपों की विस्तृत समीक्षा की है और बोर्ड को आवश्यक रिपोर्ट सौंप दी है। कंपनी के प्रबंधन और प्रमोटरों से मांगे गए दस्तावेजों और जानकारी को सत्यापित करने के बाद, हमने पाया कि कंपनी के संचालन में कोई नकारात्मक या अनुचित गतिविधि नहीं है।"
बोर्ड ने कंपनी को सलाह दी है कि SEBI के साथ लंबित सभी मुद्दों को समयबद्ध तरीके से निपटाया जाए ताकि कंपनी के शेयरधारकों और हितधारकों के हितों की सुरक्षा हो सके। इसके साथ ही, कंपनी से कहा गया है कि वह अपनी रणनीतिक विकास योजना के तहत प्रदर्शन और लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित करे।
RP संजीव गोयनका समूह की कंपनी 'सारेगामा' करण जौहर की 'धर्मा प्रोडक्शंस' में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के करीब है।
RP संजीव गोयनका समूह की कंपनी 'सारेगामा' करण जौहर की 'धर्मा प्रोडक्शंस' में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के करीब है। सूत्रों के अनुसार, इस डील में धर्मा प्रोडक्शंस का मूल्यांकन लगभग 600 करोड़ रुपये किया जा रहा है।
हालांकि, इस अधिग्रहण से जुड़ी विस्तृत जानकारी फिलहाल नहीं है, लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि भविष्य में सारेगामा धर्मा प्रोडक्शंस में और हिस्सेदारी खरीद सकता है। यह अधिग्रहण सारेगामा की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे कंपनी अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर सके और मनोरंजन क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सके।
इस संभावित अधिग्रहण पर सारेगामा और धर्मा प्रोडक्शंस दोनों से हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने संपर्क किया, लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।
7 अक्टूबर को 'एक्सचेंज4मीडिया' ने रिपोर्ट दी थी कि धर्मा प्रोडक्शंस नए निवेशकों की तलाश कर रहा है और इस संदर्भ में सारेगामा से संपर्क किया है। इसी दिन, करण जौहर ने घोषणा की कि धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्मों की प्री-रिलीज स्क्रीनिंग बंद की जाएगी, जो इस अधिग्रहण की चर्चाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इससे पहले, 10 अगस्त को एक्सचेंज4मीडिया ने ही सबसे पहले यह रिपोर्ट दी थी कि धर्मा प्रोडक्शंस निवेशकों की तलाश कर रहा है।
वैसे यह डील सारेगामा के लिए दूसरी बड़ी डील हो सकती है। इसके पहले FY24 में कंपनी ने डिजिटल एंटरटेनमेंट स्टार्टअप 'Pocket Aces' का अधिग्रहण किया था। नवंबर 2023 में, सारेगामा ने Pocket Aces में 51.8% हिस्सेदारी 175 करोड़ रुपये में खरीदी थी और फिर अगस्त 2024 में शेष 48.2% हिस्सेदारी 209 करोड़ रुपये से अधिक में खरीदी, जिससे कुल अधिग्रहण लागत लगभग 385 करोड़ रुपये हो गई।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि सारेगामा की धर्मा प्रोडक्शंस में रुचि इस फिल्म प्रोडक्शन हाउस के मजबूत ब्रैंड और बॉलीवुड में इसकी समृद्ध विरासत के कारण है। धर्मा प्रोडक्शंस ने हाल के वर्षों में डिजिटल कंटेंट और टैलेंट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में भी कदम रखा है। यह अधिग्रहण सारेगामा को धर्मा के अनुभव और प्रतिष्ठा का लाभ उठाने का अवसर देगा, जिससे म्यूजिक और फिल्म प्रोडक्शन के बीच तालमेल स्थापित कर दर्शकों के लिए नया और रोमांचक कंटेंट तैयार किया जा सकेगा।
यह खबर तब सामने आई है जब FY23 में धर्मा प्रोडक्शंस का टैक्स के बाद मुनाफा घटकर 10.7 करोड़ रुपये हो गया, जो FY22 में 27.1 करोड़ रुपये था।
दूसरी ओर, FY24 में सारेगामा ने 866 करोड़ रुपये का राजस्व और 197 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। कंपनी के बेहतर प्रदर्शन का मुख्य कारण संगीत लाइसेंसिंग में वृद्धि है, जो विज्ञापन राजस्व और नए संगीत में किए गए निवेश से प्रेरित है। इसके अलावा, आर्टिस्ट मैनेजमेंट वर्टिकल से होने वाली कमाई ने भी योगदान दिया है।
गौरतलब है कि 1976 में करण जौहर के दिवंगत पिता यश जौहर द्वारा स्थापित धर्मा प्रोडक्शंस भारत के प्रमुख फिल्म प्रोडक्शन हाउस में से एक है। इसने अपनी यात्रा की शुरुआत अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'दोस्ताना' से की थी। 2004 में, यश जौहर के निधन के बाद, करण जौहर ने कंपनी की बागडोर संभाली और इसे विज्ञापन, टैलेंट मैनेजमेंट, कंटेंट प्रोडक्शन और लाइव एंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों में विस्तारित किया। धर्मा 2.0, कॉर्नरस्टोन एजेंसी, धर्मेटिक एंटरटेनमेंट और धर्मा शो लाइव टीवी एवं मूवीज जैसी पहलों के जरिए धर्मा ने अपनी पहुंच बढ़ाई।
टाइम्स नेटवर्क के नेटवर्क ब्रैंड स्ट्रैटेजी के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट अनूप विश्वनाथन ने तीन साल के कार्यकाल के बाद ऑर्गनाइजेशन से विदाई ले ली है
टाइम्स नेटवर्क के नेटवर्क ब्रैंड स्ट्रैटेजी के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट अनूप विश्वनाथन ने तीन साल के कार्यकाल के बाद ऑर्गनाइजेशन से विदाई ले ली है। वह अक्टूबर 2021 में इस ऑर्गनाइजेशन में शामिल हुए थे।
हालांकि उनकी अगली भूमिका की जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह जल्द ही एक बड़े ऑर्गनाइजेशन में रणनीतिक और नेतृत्वकारी भूमिका निभाने वाले हैं।
इसके पहले, अनूप क्रिएटिवलैंड एशिया से जुड़े थे, जहां वह दो साल से ज्यादा समय तक सीईओ रहे। उन्होंने वहां फाउंडर और क्रिएटिव चेयरमैन सजन राज कुरुप के साथ मिलकर काम किया।
2015 में उन्होंने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया में मार्केटिंग हेड के रूप में शामिल होकर सोनी के प्रमुख जनरल एंटरटेनमेंट चैनल (GEC) की मार्केटिंग का नेतृत्व किया था। इससे पहले, 2014 में वह टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क के इंग्लिश एंटरटेनमेंट क्लस्टर के मार्केटिंग हेड भी रह चुके हैं।
2006 में अनूप ने लियो बर्नेट के साथ भी काम किया, जहां उन्होंने एचडीएफसी लाइफ, टाटा कैपिटल, मैकडॉनल्ड्स और सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन जैसे प्रमुख ब्रैंड्स को संभाला।
अनूप से इस बारे में हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' की ओर से संपर्क किया गया, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
'न्यूज18 इंडिया' के एसोसिएट एडिटर यतेन्द्र शर्मा ने एक बार फिर अपनी सटीक राजनीतिक समझ का सबूत दिया है।
'न्यूज18 इंडिया' के एसोसिएट एडिटर यतेन्द्र शर्मा ने एक बार फिर अपनी सटीक राजनीतिक समझ का सबूत दिया है। उन्हें पॉलिटिकल खबरों में बीजेपी और सरकार की बड़ी खबरें ब्रेक करने के लिए जाना जाता है। इस बार उन्होंने हरियाणा चुनाव के रिजल्ट से दो दिन पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि बीजेपी को 35 से 47 सीटों पर जीत मिल सकती है, जबकि कुछ अन्य पत्रकारों का दावा था कि कांग्रेस के पक्ष में लहर चलेगी।
यतेन्द्र शर्मा की यह भविष्यवाणी आज हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद सच साबित हुई और 'न्यूज18 इंडिया' की वरिष्ठ एंकर रुबिका लियाकत को उनके साथ हुई उस बातचीत की याद आई, जिसमें उन्होंने इस संभावना का जिक्र किया था।
न्यूज18 इंडिया की वरिष्ठ एंकर @RubikaLiyaquat जी के साथ कुछ दिन पहले हरियाणा चुनाव पर बातचीत हुई थी और आज रिज़ल्ट वाले दिन वो बात उनको याद आई @News18India pic.twitter.com/XksPiMgEVg
— यतेन्द्र शर्मा @YatendraMedia (@YatendraMedia) October 8, 2024
इस बार हरियाणा चुनाव कवर नहीं कर पाया…
— यतेन्द्र शर्मा @YatendraMedia (@YatendraMedia) October 7, 2024
लेकिन बीजेपी और उनके शुभचिंतकों से बातचीत के आधार पर उनका दावा है कि कम से कम 35 सीटें और ज़्यादा से ज़्यादा 47 सीट बीजेपी की आ सकती है वहीं ज़्यादातर हरियाणा कवर करने वाले पत्रकारों का दावा है कि कांग्रेस के पक्ष में आँधी चलेगी
पहले भी साबित की है सटीकता
यतेन्द्र शर्मा सिर्फ हरियाणा चुनाव ही नहीं, बल्कि बीजेपी, आरएसएस और कई मंत्रालयों पर अपनी गहरी पकड़ के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने पहले भी कई बड़ी खबरें ब्रेक की हैं। 31 अगस्त 2023 को संसद के विशेष सत्र के दौरान जब ज्यादातर न्यूज चैनल्स वन नेशन, वन इलेक्शन और इंडिया-भारत पर चर्चा की उम्मीद जता रहे थे, तब यतेन्द्र ने सही जानकारी दी थी कि यह सत्र मुख्य रूप से पुरानी से नई संसद में शिफ्ट होने के लिए आयोजित किया जा रहा है और जी-20 सम्मेलन की सफलता पर चर्चा होगी। उनका हर एक पॉइंट सही साबित हुआ।
ब्रेक की कई बड़ी खबरें
यतेन्द्र शर्मा ने नेता विपक्ष लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफे की तारीख से लेकर उमा भारती की बीजेपी में वापसी की खबर सबसे पहले ब्रेक की थी। इसके अलावा जब बाकी मीडिया नितिन गडकरी के दूसरे कार्यकाल की खबर चला रहे थे, तब यतेन्द्र ने राजनाथ सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की खबर ब्रेक की और सही साबित हुए। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की नियुक्ति की भविष्यवाणी भी सबसे पहले की थी।
2022 यूपी चुनाव और अनुच्छेद 370 पर सही दावे
यतेन्द्र शर्मा ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी भी बहुत पहले ही कर दी थी, जो पूरी तरह सही साबित हुई। इसके अलावा, 2019 में भी उन्होंने सबसे पहले यह बताया था कि मोदी सरकार अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद में बिल ला सकती है, और यह बात भी सही निकली।
हरियाणा चुनाव को लेकर उनकी ताजा भविष्यवाणी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यतेन्द्र शर्मा की राजनीतिक खबरों पर पकड़ और विश्लेषण अद्वितीय है। उनकी सटीक जानकारी और सही समय पर ब्रेक की गई खबरें उन्हें मीडिया के सबसे भरोसेमंद और सटीक पत्रकारों में से एक बनाती हैं।
सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (SUN TV Network Ltd.) ने 7 अक्टूबर 2024 को अपनी बोर्ड बैठक के दौरान तीन नए स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति की घोषणा की है।
सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (SUN TV Network Ltd.) ने 7 अक्टूबर 2024 को अपनी बोर्ड बैठक के दौरान तीन नए स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति की घोषणा की है। इन नियुक्तियों का कार्यकाल 5 साल का होगा, जो शेयरधारकों की मंजूरी पर आधारित है।
नए निदेशकों की नियुक्ति :
1. मंडलापु हरिनारायणन हर्षवर्धन - मंडलापु हर्षवर्धन को 7 अक्टूबर 2024 से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी उम्र 34 वर्ष है और उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की कैंटरबरी क्राइस्ट चर्च यूनिवर्सिटी (Canterbury Christ Church University) से फिल्म, रेडियो, टेलीविजन और मीडिया स्टडीज में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की है। वह अपने पारिवारिक व्यवसाय में निर्माण सामग्री, जैसे रेडी मिक्स कंक्रीट और वैकल्पिक ईंटों का उत्पादन करते हैं और साथ ही कॉर्पोरेट हॉस्पिटैलिटी बिजनेस को भी मैनेज करते हैं।
2. रविवेंकटेश प्रगदीश कार्तिक - रविवेंकटेश कार्तिक को भी 7 अक्टूबर 2024 से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। 30 वर्षीय कार्तिक ने भारत के SSN कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री और यूएसए की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग (University of Pittsburgh, USA) से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है। वह पहले 'प्रोटेरा इंक', 'टेस्ला इंक' और अमेरिका की 'यूएसए एंड लूसिड मोटर्स' जैसी प्रमुख कंपनियों में काम कर चुके हैं। वर्तमान में वे 'Premier Polymers & Pipes Private Limited' में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
3. जगदीशन गायत्री - 50 वर्षीय जगदीशन गायत्री को 7 अक्टूबर 2024 से अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। वह पेशे से एक वकील हैं और उनके पास बैचलर ऑफ आर्ट्स एंड बैचलर ऑफ लॉ (BABL) की डिग्री है।
बोर्ड समितियों का पुनर्गठन:
इन नए निदेशकों की नियुक्ति के साथ, बोर्ड ने अपनी विभिन्न समितियों का पुनर्गठन भी किया है। इस पुनर्गठन के बाद, समितियों की नई संरचना को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इन समितियों की विस्तृत जानकारी आप नीचे देख सकते हैं।
सन ग्रुप ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन तीनों निदेशकों को SEBI या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा निदेशक पद पर रहने से रोका नहीं गया है, जिससे उनकी नियुक्ति कानूनी रूप से सही है।
इस नियुक्ति से ग्रुप को नई दृष्टिकोण और विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा, जिससे कंपनी के संचालन में सुधार होगा और इसकी विकास यात्रा को और गति मिलेगी।
ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी 'एमेजॉन' ने आखिरकार सोमवार को पुष्टि की कि उसने 'MX प्लेयर' के कुछ चुनिंदा एसेट्स का अधिग्रहण कर लिया है
ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी 'एमेजॉन' ने आखिरकार सोमवार को पुष्टि की कि उसने 'MX प्लेयर' के कुछ चुनिंदा एसेट्स का अधिग्रहण कर लिया है और इसे अपनी मौजूदा सर्विस 'एमेजॉन मिनी टीवी' (Amazon miniTV) के साथ मर्ज करने की योजना बनाई है। यह नया प्लेटफॉर्म अब 'एमेजॉन MX प्लेयर' के रूप में सामने आएगा।
'एमेजॉन' ने एक बयान में कहा, “यह स्ट्रैटजी भारत के दो सबसे लोकप्रिय मुफ्त विज्ञापन-समर्थित वीडियो-ऑन-डिमांड (AVOD) सेवाओं को एक एकीकृत ब्रैंड के तहत लाती है।”
भारत में सबसे बड़ा मुफ्त स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म
नए ऐप के लॉन्च के साथ ही एमेजॉन अब भारत में सबसे बड़े मुफ्त स्ट्रीमिंग सेवाओं में से एक बन गया है। एमेजॉन के अनुसार, 'सितंबर में 25 करोड़ से अधिक यूजर्स ने इस कम्बाइंड सर्विस पर हजारों ओरिजिनल शो, लोकप्रिय फिल्मों और स्थानीय भाषाओं में डब किए गए अंतरराष्ट्रीय कंटेंट का आनंद लिया।'
हालांकि यह डील कितने की हुई, इसकी सटीक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह डील $30-40 मिलियन के बीच हो सकती है। यह मूल्य 2018 में टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड द्वारा 'MX प्लेयर' की खरीद के एक चौथाई के करीब है।
एमेजॉन और MX प्लेयर की डील का सफर
गौरतलब है कि 20 मार्च, 2023 को सबसे पहले 'एक्सचेंज4मीडिया' ने यह रिपोर्ट दी थी कि 'एमेजॉन MX प्लेयर' को खरीदने की योजना बना रहा है, ताकि वह भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार में अपने एंटरटेनमेंट बिजनेस का विस्तार कर सके।
MX प्लेयर और एमेजॉन ने तब इस डील की पुष्टि नहीं की थी, लेकिन कई दौर की बातचीत और चर्चाओं के बाद भी यह डील सफल नहीं हुई थी। इस चर्चा को मई 2023 में फिर से पुनर्जीवित किया गया और 29 मई को 'एक्सचेंज4मीडिया' ने रिपोर्ट किया कि एमेजॉन और MX प्लेयर के बीच बातचीत एक महत्वपूर्ण चरण में है।
एमेजॉन के अधिकारियों ने जून 2023 में 'एक्सचेंज4मीडिया' से बात की और कहा, 'एमेजॉन ने MX प्लेयर से कुछ एसेट्स खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।'
उपभोक्ता और विज्ञापनदाता को होगा फायदा
एमेजॉन ऐडवरटाइजिंग इंडिया के प्रमुख गिरीश प्रभु ने कहा कि इस मर्जर से MX प्लेयर की व्यापक पहुंच और एमेजॉन की उन्नत विज्ञापन तकनीक, जो अरबों ग्राहक सिग्नल्स पर आधारित है, एक साथ आएंगे।
गिरीश प्रभु ने कहा, 'यह मर्जर सभी ब्रैंड्स को बड़े पैमाने पर भारत भर में एक बहुत ही संलग्नक बेस तक पहुंचने और प्रासंगिक विज्ञापन देने का अवसर प्रदान करेगा।'
दर्शकों को मिलेगा बेहतर अनुभव
एमेजॉन MX प्लेयर के प्रमुख करन बेदी ने कहा, 'एमेजॉन का हिस्सा बनकर हम पूरे देश में लाखों दर्शकों को शानदार अनुभव प्रदान कर सकते हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाली मनोरंजन सामग्री को पहले से कहीं तेजी से उपलब्ध करवा पाएंगे और सेवा को मुफ्त रखना जारी रखेंगे।'
इस मर्जर से MX प्लेयर के दर्शकों, विज्ञापनदाताओं और कंटेंट पार्टनर्स को बड़ा फायदा होगा और इससे सेवा को और भी अधिक लोगों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा।
एमेजॉन ने यह भी कहा कि वह ओरिजिनल्स और लोकप्रिय शो के नए सीजन में निवेश जारी रखेगा, जिससे विज्ञापनदाताओं को दर्शकों के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने का मौका मिलेगा।
इस मर्जर के बाद, एमेजॉन ने भारत के मुफ्त स्ट्रीमिंग मार्केट में एक मजबूत उपस्थिति स्थापित कर ली है और आगे भी इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना बनाई है।
इससे पहले, आंचल जौहर 'जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड' में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थीं।
आंचल जौहर को 'टाइम्स नेटवर्क' में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने इस करियर अपडेट की जानकारी लिंक्डइन पर दी है, जहां उन्होंने बताया कि इस नई भूमिका में वह पूरे भारत में ब्रैंड्स के साथ कंटेंट पार्टनरशिप, नेटवर्क IPs (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) और विशेष प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभालेंगी। यह आंचल का 'टाइम्स नेटवर्क' में दूसरा कार्यकाल है।
लिंक्डइन पोस्ट में जौहर ने कहा, "मैं यह बताते हुए बेहद उत्साहित हूं कि मैंने 'टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क' में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में जॉइन किया है, जहां मैं पूरे भारत में ब्रैंड्स के साथ कंटेंट पार्टनरशिप, नेटवर्क IPs और विशेष प्रोजेक्ट्स को लीड करूंगी। आइए मिलकर 'टाइम्स नेटवर्क' पर ब्रैंडेड कंटेंट के असीमित अवसरों की खोज करें।"
इससे पहले, आंचल जौहर 'जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड' में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थीं, जहां उन्होंने 'जी न्यूज', 'जी बिजनेस' और 'वियॉन' के लिए स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और ब्रैंडेड कंटेंट को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आंचल जौहर के पास मीडिया इंडस्ट्री में 17 वर्षों का अनुभव है, जिसमें उन्होंने सेल्स, ब्रैंडेड कंटेंट और IPs, मार्केटिंग, ऑपरेशंस और बिजनेस डेवलपमेंट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है।
अपने पिछले कार्यकालों में आंचल ने 'इंडिया टुडे', '9X मीडिया' और 'द वॉल्ट डिज़्नी' जैसी प्रमुख कंपनियों में भी काम किया है।
नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित किया कि कंपनी के तीन महत्वपूर्ण नियुक्ति प्रस्तावों को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है।
नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित किया कि कंपनी के तीन महत्वपूर्ण नियुक्ति प्रस्तावों को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी ई-वोटिंग के जरिए प्राप्त की गई थी।
नियुक्ति और पुनर्नियुक्ति के फैसले:
1. आदिल जैनुलभाई को नॉन-एग्जिक्यूटिव नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।
2. रेणुका रामनाथ को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।
3. राहुल जोशी को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में पुनर्नियुक्त किया गया है।
ये तीनों प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित किए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी के शेयरधारक इन नियुक्तियों को लेकर काफी सकारात्मक हैं।
ई-वोटिंग और परिणाम:
ई-वोटिंग का आखिरी दिन 2 अक्टूबर 2024 था और यह सभी प्रस्ताव आवश्यक बहुमत के साथ पारित हो गए। वोटिंग परिणामों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियम 44(3) के तहत तय प्रारूप में जारी किया गया है।