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वित्त मंत्रालय से पत्रकारों का झगड़ा बढ़ा, डिनर के बाद अब प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी बायकॉट!
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी पहुंचे, पर कुछ बताए बगैर वे वहां से चले गए
पंकज शर्मा 5 years ago
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले बजट के बाद से उनके मंत्रालय में पत्रकारों की एंट्री पर जो 'बैन' लगा था, उसका मामना अभी तक सुलझा नहीं है। पहले तो आधे से ज्यादा पत्रकारों ने उनके डिनर का बायकॉट किया था, लेकिन जब वित्त मंत्रालय ने डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस या ब्रीफिंग की व्यवस्था शुरू कर थोड़ा मामला सुलटाने की कोशिश की तो उसमें भी कुछ ऐसा हुआ कि पत्रकारों ने उसका भी बायकॉट कर दिया।
दो अगस्त को शुक्रवार के दिन ये पहला मौका था कि इस तरह की व्यवस्था की गई थी। वित्त मंत्रालय कवर करने वाले सारे पत्रकार वहां पहुंचे भी। हालांकि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस वित्त मंत्रालय में नहीं, बल्कि नेशनल मीडिया सेंटर में बुलाई गई थी। उस पर भी नई शर्त ये कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैमरा ले जाने की इजाजत नहीं थी, यानी ये प्रेस कॉन्फ्रेंस ऑफ कैमरा ऑन रिकॉर्ड थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए शाम 4:30 बजे का टाइम तय किया गया था। उससे पहले पत्रकार नेशनल मीडिया सेंटर पहुंच चुके थे। जब वे प्रेस कॉन्फ्रेंस वाले कमरे में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस को वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी संबोधित करेंगे और ये प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, बल्कि प्रेस ब्रीफिंग होगी यानी इसमें ये अधिकारी केवल एक बयान पढ़ेंगे, पत्रकार उनसे सवाल नहीं पूछ सकेंगे।
इससे पत्रकारों का पारा चरम पर चला गया, पहले ही बैन से वो नाराज थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जब वे सवाल ही नहीं पूछ सकते, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की जरूरत क्या थी? वित्त मंत्रालय केवल प्रेस रिलीज जारी कर देता। उसके बाद जब गहमा गहमी हुई तो वित्त मंत्रालय में उनकी एंट्री पर लगे बैन का मुद्दा भी उठाया गया। दिलचस्प बात ये है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी पहुंचे, पर कुछ बताए बगैर वे वहां से चले गए।
गहमागहमी बढ़ी तो पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कम ब्रीफिंग का बायकॉट करने का फैसला लिया। ऐसे में एक दो पत्रकारों को छोड़कर सभी पत्रकार प्रेस कॉन्फ्रेंस का बायकॉट करके प्रेस वार्ता वाले कमरे से बाहर निकल आए। आपको ध्यान होगा कि ऐसा ही डिनर के वक्त हुआ था, जब कुछ पत्रकारों को छोड़कर ज्यादातर पत्रकारों ने वित्त मंत्री के डिनर का बायकॉट कर दिया था।
पत्रकार जाकर बाहर खड़े हुए और आगे की रणनीति की चर्चा करने लगे तो वित्त मंत्रालय के लोगों ने पत्रकारों को बयान थमा दिया और वो मजमून सौंप दिया जिसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस का बॉयकॉट होने से वित्त मंत्रालय के अधिकारी, कर्मचारी भी थोड़ा असहज महसूस कर रहे थे।
आपको बता दें कि समाचार4मीडिया ने पहले की रिपोर्ट्स में आपको बताया था कि किस तरह नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के दफ्तर में पत्रकारों की एंट्री पर कुछ शर्तें लगा दी थीं। इनके तहत कोई अधिकारी अपॉइंटमेंट देगा तभी वो एंट्री कर सकेंगे, जबकि सारे बड़े पत्रकार पीआईबी मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। एक तरह से इस व्यवस्था से अधिकारी को मंत्रालय को ये बताना जरूरी होगा कि वो पत्रकार उनसे क्यों मिलने आ रहा है? ऐसे में पत्रकारों को सोर्सेज के जरिए जो खबर मिलती थीं, वो मिलनी बंद हो गईं हैं। तभी से तमाम मीडिया संगठन और पत्रकारों का एक बड़ा तबका इस अघोषित बैन के खिलाफ आवाज उठा रहा है।
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