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LEADING FROM THE FRONT: अरुण पुरी ने लिखी ‘इंडिया टुडे’ समूह की सफलता की इबारत
‘Leading From The Front’ कॉलम की सीरीज के तहत आज हम ‘इंडिया टुडे’ समूह (मीडिया व एंटरटेनमेंट) के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के बारे में बात करने जा रहे हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
'समाचार4मीडिया' की सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) द्वारा शुरू किए गए ‘Leading From The Front’ कॉलम की सीरीज के तहत आज हम ‘इंडिया टुडे’ समूह (मीडिया व एंटरटेनमेंट) के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के बारे में बात करने जा रहे हैं।
बता दें कि इस सीरीज में देश के उन टॉप बिजनेस लीडर्स को शामिल किया गया है, जिन्होंने देश की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में खास मुकाम हासिल किया है और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं।
यह 1975 का वह दौर था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल (Emergency) की घोषणा कर दी थी और मीडिया पर तमाम तरह के अंकुश लगा दिए थे। यह प्रेस की आजादी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण समय था। इसी दौरान पूर्व फिल्म फाइनेंसर और ‘थॉम्पसन प्रेस’ (Thompson Press) के मालिक विद्या विलास पुरी ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) नाम से एक पाक्षिक (fortnightly) मैगजीन शुरू की। उन्होंने अपनी बेटी मधु त्रेहान को इस मैगजीन का एडिटर और ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के पूर्व छात्र व चार्टर्ड अकाउंटेंट बेटे अरुण पुरी को इसका पब्लिशर नियुक्त कर दिया।
नई चुनौतियों की तलाश करने वाले अरुण पुरी ने अकाउंटिंग और ऑडिटिंग से हटकर एक नई चुनौती ली और उनका अनूठा कौशल बिजनेस के लिए वरदान के रूप में सामने आया, जो लाभ कमाने के लिए संघर्ष कर रहा था। अरुण के अनुसार, इस मैगजीन का उद्देश्य विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए भारत में विकास के बारे में इंफॉर्मेशन का जो गैप था, उसे भरना था। वर्ष 1977 में अरुण पुरी ने उस समय इसकी संपादकीय बागडोर संभाली, जब उनकी बहन को व्यक्तिगत कारणों से अस्थायी रूप से अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटना पड़ा।
संयोग से, उस साल आपातकाल भी हटा लिया गया था और प्रेस की स्वतंत्रता बहाल कर दी गई थी। ऐसे में ‘इंडिया टुडे’ ने पांच भाषाओं में मैगजीन का विस्तार कर लाखों की संख्या में पाठकों के साथ नंबर एक का स्थान हासिल किया। मैगजीन की सफलता ने कंपनी को इंडिया टुडे ग्रुप की दिशा में आगे बढ़ाया, जिसमें टीवी, रेडियो और डिजिटल आदि शामिल हैं और इन सबका नेतृत्व करने वाले अरुण पुरी ही थे।
देश में केबल टीवी के आने से पहले अरुण पुरी ने एक मासिक न्यूज वीडियो जर्नल ‘न्यूज ट्रैक’ (News Track) को काफी लोकप्रिय बना दिया था। इसमें खोजी कहानियों (investigative stories) पर न्यूज वीडियो के कैसेट शामिल होते थे औऱ इसने न्यूज के प्रसार के विचार को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था। लेकिन, वर्ष 1991 में जब देश में केबल टीवी का आगमन हुआ, तो ‘न्यूज ट्रैक’ जल्दी ही ‘दूरदर्शन’ पर एक वीकली न्यूज शो बन गया। वर्ष 1995 में ‘आजतक’ (AajTak) का उदय ‘दूरदर्शन’ पर हिंदी न्यूज शो के रूप में हुआ था।
इसके पांच साल बाद ही ‘आजतक’ ने 24 घंटे के फॉर्मेट में एक स्वतंत्र न्यूज चैनल बनकर इतिहास रच दिया। चैनल ने ओबी वैन (OB vans) के इस्तेमाल में भी अग्रणी भूमिका निभाई, जो अब तक भारतीय मीडिया में नहीं सुनी गई थी
अरुण पुरी के नेतृत्व में इंडिया टुडे समूह एक मैगजीन से एक बड़े और विविधता वाले मीडिया समूह के रूप में विकसित हुआ, जिमें 12 मैगजींस, चार टीवी चैनल्स, एक अखबार, विभिन्न वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स शामिल हैं। इस समूह ने अपने व्यावसायिक हितों को ई-कॉमर्स, बुक्स, रिटेल, शिक्षा और म्यूजिक में भी आगे बढ़ाया है।
कॉमर्स पृष्ठभूमि (चार्टर्ड अकाउंटेंट) से आने के बावजूद अरुण के पास न्यूज की बहुत अच्छी समझ थी। एडिटर-इन-चीफ के रूप में उन्होंने इंडिया टुडे को वैसा आकार दिया, जैसा कि आज हम इसे देखते और इसके बारे में जानते हैं।
‘हार्वर्ड बिजनेस स्कूल’ को दिए एक इंटरव्यू में अरुण पुरी ने बताया था कि कैसे उन्होंने पत्रकारों को हमेशा स्पष्टता पर जोर देने के साथ आम भारतीय के लिए लिखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने न्यूज को उस तरह से लिया, जिस तरह से कोई अकाउंटेंट कड़ी मेहनत से ऑडिट करता है और इसमें किसी अन्य विवरण की गुंजाइश नहीं छोड़ता है। संपादन प्रक्रिया के लिए निर्धारित उच्च मानकों की इसी खूबी के कारण स्टाफ के लिए उन्हें ‘Purification’ भी कहने लगे।
अरुण पुरी ने एक बार कहा था, ‘मैंने एक पत्रकार के रूप में अपना काम काफी बेहतर तरीके से किया है। सौभाग्य से, मुझे न्यूज से प्यार है और मुझे पत्रकारिता से प्यार है।’ वर्ष 2011 में अरुण पुरी को ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) के तहत लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा वर्ष 2001 में उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार ‘पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अरुण पुरी ‘Federation of International Periodicals and Publications’ (FIPP) के चेयरमैन के रूप में चुने गए पहले भारतीय भी हैं। इसके अलावा वह ‘ग्लोबल एडिटर्स नेटवर्क’ (Global Editors Network) के बोर्ड मेंबर भी हैं। अपनी अकाउंटेंट पृष्ठभूमि के कारण वह ‘इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स’ (इंग्लैंड एंड वेल्स) के फेलो भी हैं।
आज ग्रुप के पास 36 मैगजींस हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय टाइटल्स (international titles) भी शामिल हैं। समूह की फ्लैगशिप मैगजीन ‘इंडिया टुडे’ समान रूप से लोकप्रिय हिंदी एडिशन के साथ मार्केट में अग्रणी बनी हुई है। 24 घंटे के टॉप न्यूज चैनल्स की लिस्ट में शुमार ‘आजतक’ के पास बेहद सफल यूट्यूब चैनल भी है और इस प्लेटफॉर्म पर 50 मिलियन सबस्क्राइबर्स के आंकड़े को पार करने वाला यह विश्व स्तर पर पहला न्यूज चैनल बन गया है।
अरुण पुरी वर्ष 1967 में स्थापित प्रिंटिंग वेंचर थॉम्पसन प्रेस (इंडिया) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। यह पूरे भारत में पांच सुविधा केंद्रों (facilities) के साथ दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा कॉमर्शियल प्रिंटर है। यह सब 1975 में एक शानदार न्यूज मैगजीन और उच्च पत्रकारिता मानकों को बरकरार रखने वाले एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के नेतृत्व और विजन का ही परिणाम है कि आज समूह के 500 मिलियन व्युअर्स और सोशल मीडिया पर 250 मिलियन फॉलोअर्स हैं।
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