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देश की GDP में 1% से भी कम है मीडिया-मनोरंजन उद्योग की हिस्सेदारी: अपूर्व चंद्र
केंद्रीय सूचना-प्रसारण के सचिव अपूर्व चंद्रा ने देश की जीडीपी में मीडिया और मनोरंजन उद्योग की हिस्सेदारी पर चिंता जतायी है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
केंद्रीय सूचना-प्रसारण के सचिव अपूर्व चंद्रा ने देश की जीडीपी में मीडिया और मनोरंजन उद्योग की हिस्सेदारी पर चिंता जतायी है। मुंबई में फिक्की फ्रेम्स 2022 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र ने कहा की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारत में कुल 23 बिलियन डॉलर की है, जो कि हमारी GDP का एक प्रतिशत से भी कम है और इस आकड़े को जल्द सुधारने की जरूरत है।
इस दौरान उन्होंने कहा की इस इंडस्ट्री को 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के आकड़े तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है।
मुंबई में मंगलवार को फिक्की फ्रेम्स फास्ट ट्रैक के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि भारत एक दशक में 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस दौरान मीडिया और मनोरंजन उद्योग को भी तय करना चाहिए कि यह क्षेत्र 2030 तक 100 अरब डॉलर से ज्यादा का हो जाए। सूचना-प्रसारण मंत्रालय लक्ष्य हासिल करने में मदद देगा।
एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) उद्योग को अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी क्रांति की संभावनाओं वाला बताते हुए उन्होंने कहा, काफी चर्चाओं के बाद भी एवीजीसी उद्योग के उत्कृष्टता केंद्रों को लेकर प्रगति नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, मंत्रालय की 48% हिस्सेदारी के साथ एवीजीसी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए वह 15 दिन में केंद्र को रिपोर्ट सौंपने जा रहे हैं।
वहीं, दूसरी तरफ इन-दिनों बॉलीवुड फिल्मों पर भारी संकट गहराया हुआ है और ऐसा इसलिए क्योंकि यहां जो भी फिल्में रिलीज हो रही है, वह बुरी तरह फ्लॉप कर रही है। बड़ी बजट वाली फिल्में भी अपना कमाल नहीं दिखा पा रही हैं, जबकि यही फिल्में चीन में ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। इस पर सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि हमें इस प्रवृत्ति को उलटने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि स्थानीय फिल्में देश के भीतर अधिक कारोबार करें।
उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में देश में थियेटरों की संख्या 12,000 से 66 फीसदी घटकर 8,000 रह गई है, जबकि इसी अवधि में चीन में संख्या 10,000 से बढ़कर 70,000 पहुंच गई है। उन्होंने कहा इसलिए कुछ भारतीय फिल्में भारत की तुलना में चीन में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, जो एक ऐसा चलन है, जिसे हमें उलटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हल स्थानीय तौर पर अधिक थिएटर खोलना है।
चंद्रा ने कहा कि सरकार नव-निर्मित फिल्म सुविधा कार्यालय (फिल्म फैसिलेशन ऑफिस) को यह कार्य सौंप रही है, जो अनुमति को आसान बनाने के लिए 'इन्वेस्ट इंडिया' और नेशनल सिंगल विंडो पोर्टल के साथ मिलकर काम करेगा, साथ ही साथ इस क्षेत्र में विदेशी निवेश लाने का प्रयास भी करेगा।
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