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2026 तक ₹3.08 ट्रिलियन का होगा मीडिया-मनोरंजन क्षेत्र : अनिल कुमार लाहोटी
सूचना और प्रसारण एवं संसदीय मामलों के राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने गुरुवार को 'प्रसारण क्षेत्र में उभरते रुझान और तकनीक' विषय पर आयोजित एक आधे दिन की संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 hours from now
सूचना और प्रसारण एवं संसदीय मामलों के राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने गुरुवार को 'प्रसारण क्षेत्र में उभरते रुझान और तकनीक' विषय पर आयोजित एक आधे दिन की संगोष्ठी का उद्घाटन किया। यह संगोष्ठी ट्राई (TRAI) द्वारा 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2024' (IMC-2024) के साथ आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी, सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और ट्राई के सचिव अतुल कुमार चौधरी भी उपस्थित थे। यह आयोजन प्रसारण क्षेत्र में हालिया तकनीकी प्रगति और इसके बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में आयोजित किया गया।
तकनीकी प्रगति और प्रसारण क्षेत्र में परिवर्तन
उद्घाटन भाषण में डॉ. एल. मुरुगन ने बताया कि कैसे तकनीकी प्रगति ने भारत के प्रसारण क्षेत्र को बदल दिया है, जिसमें अब सामग्री (कॉन्टेंट) को दर्शकों का मुख्य केंद्र बिंदु बना दिया गया है। उन्होंने जोर दिया कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर तबकों तक प्रसारण सेवाओं की पहुंच को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि वे भी इन क्षेत्रों में समाहित हो सकें।
उन्होंने कहा, "आज हम एक सामग्री-आधारित अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं और भारत एक 'कॉन्टेंट हब' के रूप में उभर रहा है। सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से प्रसारण के क्षेत्र में नए अवसर खुले हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, सूचना-प्रसारण मंत्रालय 5-9 फरवरी, 2025 के बीच 'WAVESummit' का आयोजन कर रहा है, जिसमें सामग्री निर्माताओं को 27 चुनौतियों का सामना करने का अवसर मिलेगा। यह उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा, जिससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।"
AVGC (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स) क्षेत्र को बढ़ावा
डॉ. मुरुगन ने विशेष रूप से AVGC क्षेत्र पर ध्यान देने की बात की, जिससे भारत में सामग्री उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके लिए एक सिंगल-विंडो सिस्टम के माध्यम से व्यापार को आसान बनाने की प्रक्रिया को अपनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने 234 नए शहरों में FM रेडियो चैनलों की नीलामी को मंजूरी दी है, जिससे स्थानीय सामग्री का विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के '2047 तक विकसित भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें प्रसारण क्षेत्र को आर्थिक विकास और सांस्कृतिक प्रसार का एक प्रमुख माध्यम बनाया जा रहा है।
डिजिटल रेडियो, D2M प्रसारण और 5G की क्षमता
सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने अपने विशेष संबोधन में मंत्रालय की भूमिका और प्रसारण क्षेत्र में विकासोन्मुखी नीतियों को आकार देने पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल रेडियो की क्षमता को एक किफायती जनसंचार उपकरण के रूप में बताया, जो बेहतर साउंड क्वालिटी और स्पेक्ट्रम उपयोग को अनुकूलित करता है। इसके अलावा, उन्होंने डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) प्रसारण की चर्चा की, जो मोबाइल फोन पर सीधे कंटेंट डिलीवरी को सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रसार भारती IIT कानपुर और सांक्या लैब्स के साथ मिलकर उच्च और निम्न शक्ति के ट्रांसमीटरों का उपयोग करके D2M प्रसारण का परीक्षण कर रहा है।
उन्होंने 5G तकनीक के साथ ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी उभरती तकनीकों के संभावित लाभों पर भी बात की, जो प्रसारण अनुभव को और अधिक दिलचस्प और आकर्षक बना सकती हैं। इसके अलावा, उन्होंने AVGC-XR (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) क्षेत्र में संभावित वृद्धि पर भी प्रकाश डाला, जो स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा दे सकता है और सामग्री खपत के अनुभव को और बेहतर बना सकता है।
नियामक ढांचे को सुदृढ़ करना
संगोष्ठी की शुरुआत में ट्राई के सचिव अतुल कुमार चौधरी ने बताया कि यह संगोष्ठी ट्राई के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें हालिया प्रगति को ध्यान में रखते हुए प्रसारण क्षेत्र में बदलावों पर चर्चा की जा रही है और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार नियामक ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।
मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में वृद्धि
ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने अपने मुख्य भाषण में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की मजबूत वृद्धि का उल्लेख किया, जो 2026 तक ₹3.08 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने उभरती तकनीकों की शक्ति पर जोर दिया, जो दर्शकों को और अधिक इंटरैक्टिव और समृद्ध अनुभव प्रदान करती हैं।
उन्होंने बताया कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) प्रसारण एक वैकल्पिक कंटेंट डिलीवरी तकनीक के रूप में उभर रही है, जो इंटरनेट के बिना भी प्रसारण की सुविधा प्रदान करती है। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल रेडियो के लाभों पर जोर दिया, खासकर उन क्षेत्रों में जहां टेलीविजन कनेक्शन की कमी है। उन्होंने ट्राई की उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और सेवा प्रदाताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया।
भविष्य की प्रसारण नवाचारों की खोज
इस संगोष्ठी के माध्यम से प्रसारण क्षेत्र में नए नवाचारों की संभावनाओं पर चर्चा की गई, जो आने वाले समय में प्रसारण के क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाएंगी और भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेंगी।
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