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#MeToo: पत्रकार प्रिया रमानी ने कोर्ट को बताया, क्यों किया सच्चाई का खुलासा
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम. जे. अकबर द्वारा दायर मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की अदालत में शनिवार को अपनी दलील पेश की
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम. जे. अकबर द्वारा दायर मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की अदालत में शनिवार को अपनी दलील पेश की। उन्होंने कहा कि एम. जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली उनकी टिप्पणी ‘उनकी (पीड़िता की) सच्चाई’ थी, जिसका खुलासा उन्होंने अच्छी भावना के साथ लोगों के भले के लिये किया था और इसलिए यह मानहानि जैसा नहीं है।
प्रिया ने अपने खिलाफ अकबर द्वारा दायर की गई एक निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत की अंतिम सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा के समक्ष अपनी वकील के मार्फत से यह दलील दी।
प्रिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने अदालत से शनिवार को कहा कि कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति के बारे में कोई चीज सच बोलना मानहानि नहीं हो सकती, बशर्ते कि वह बात लोगों के भले के लिए कही गई हो। उन्होंने कहा, ‘कथित मानहानि करने वाली प्रिया रमानी के ट्वीट और उनके आलेख उनकी सच्चाई है। मैं यह कह रही हूं कि यह मेरी (प्रिया की) सच्चाई है... यह सच्चाई है, अच्छी भावना से, लोगों के भले के लिये है।’
अदालत ने आठ सितंबर को आगे की दलील सुनेगी। अकबर ने इससे पहले अदालत से कहा था कि प्रिया ने उनके खिलाफ ‘मीडिया का सबसे बड़ा दरिंदा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उनकी मानहानि की और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। अकबर ने ‘मी टू’ अभियान के दौरान सामने आये महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के सारे आरोपों को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद 17 अक्टूबर 2018 को एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। रमानी के खिलाफ उन्होंने मानहानि का केस दायर कर रखा है। कोर्ट ने महिला पत्रकार को बतौर आरोपी तलब किया था।
पत्रकार प्रिया रमानी के 8 अक्टूबर, 2018 के एक ट्वीट के बाद से ही अकबर के खिलाफ आरोपों का सिलसिला शुरू हुआ था। सोशल मीडिया और विशेष रूप से ट्विटर पर चले ‘मी टू’ अभियान के दौरान, रमानी ने तब अकबर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने करीब 20 साल पहले उनके साथ गलत आचरण किया था जब वे एक पत्रकार थीं। इसके बाद, अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा था- हम सही साबित हो रहे हैं। अब उस दिन का इंतजार है, जब हमें अदालत में न्याय मिलेगा।
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