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दैनिक जागरण से हुई बड़ी गलती, अब हो रही किरकिरी!
जरा सी सजगता बरतकर इस तरह की गलती से बचा जा सकता है
नीरज नैयर 5 years ago
कहते हैं कि गलती उसी से होती है, जो काम करता है, लेकिन कभी-कभी ऐसी गलतियां हो जाती हैं कि फिर कोई कहावत काम नहीं आती। आज के दैनिक जागरण के दिल्ली एडिशन में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। अखबार के पृष्ठ 13 पर इशरत जहां से जुड़ी एक खबर है। खबर यह है कि हनुमान चालीसा पाठ में भाग लेने के चलते इशरत जहां को धमकियां मिल रही हैं। इस समाचार को तीन कॉलम में दो लाइन की हेडलाइन के साथ लगाया गया है। यहां तक तो सबकुछ ठीक है, लेकिन खबर में इशरत जहां की जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है, वो चर्चा का विषय है।
दरअसल, खबर है तीन तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर सुर्खियों में आईं इशरत जहां की और फोटो लगा है उस इशरत जहां का, जिसे काफी सालों पहले गुजरात पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इस तरह की गलती वही कर सकता है, जिसे अपने ज्ञान से ज्यादा गूगल के ज्ञान पर भरोसा हो। संभवतः पेज लगवाने वाले ने गूगल में इशरत जहां सर्च किया होगा और जो फोटो पसंद आई, उसे निकालकर लगा लिया होगा। वैसे, गूगल करने पर भी दोनों इशरत जहां की फोटो सामने आती हैं, ऐसे में पत्रकार के नाते यह सवाल तो मन में उठाना ही चाहिए था कि एक नाम के दो व्यक्ति कैसे? यदि यह सवाल उठता तो उसके जवाब से भ्रम की गुंजाइश ही नहीं बचती।
खबर में हुई गलती तो एकबारगी छुप सकती है और लगातार लिखने वाले से गलती होना स्वाभाविक भी है, लेकिन फोटो गलत लगा देना न केवल संबंधित व्यक्ति के कम ज्ञान को दर्शाता है बल्कि अखबार की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है। वैसे भी आजकल मीडिया खासकर हिंदी अखबारों की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। इसलिए यह जरूरी है कि इस तरह की गलती दोबारा न होने पाए। इसमें अकेले गलती पेज लगवाने वाले की ही नहीं है, बल्कि पेज को चेक करने वाला बराबर का जिम्मेदार है। उम्मीद है कि जागरण प्रबंधन ने इस गलती को गंभीरता से लिया होगा।
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