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NBA ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया एफिडेविट, उठाई ये मांग
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि उनके संगठन को आधिकारिक तौर पर कुछ खास अधिकार दिए जाएं
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
टेलिविजन प्रसारण कंपनियों के संगठन ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (एनबीए) ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि उनके संगठन को आधिकारिक तौर पर एक अलग मान्यता दी जाए, ताकि सभी न्यूज चैनल्स (चाहे वह इसके सदस्य हों अथवा नहीं) इसके दिशा-निर्देशों का पालन करने और न मानने पर पेनाल्टी का सामना करने के लिए बाध्य हों।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनबीए की ओर से यह भी कहा गया है कि सरकार द्वारा किसी भी न्यूज चैनल को ब्रॉडकास्टिंग की अनुमति देते समय उसके स्व-नियामक तंत्र (self-regulatory mechanism) के लिए उत्तरदायी होने की शर्त भी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में अपना एफिडेविट जमा करते हुए एनबीए ने उन तरीकों की सिफारिश की है, जिससे ‘न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड एसोसिएशन (एनबीएसए)’ के स्व-नियामक तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।
बता दें कि एनबीएसए स्वत्रंत निकाय है, जिसका गठन ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने प्रसारण के खिलाफ आई शिकायत पर विचार करने और फैसला लेने के लिए किया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके सीकरी के पास फिलहाल इसकी कमान है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एनबीए ने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा ‘सुदर्शन न्यूज’ द्वारा सिविल सेवाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रवेश से जुड़े एक शो को लेकर हुए विवाद बाद दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस निकाय को ‘टूथलेस’ कहते हुए शुक्रवार को एनबीए को कुछ अधिकार देने के लिए सुझाव मांगे थे, ताकि यह कार्यक्रम कोड का उल्लंघन करने अथवा कुछ गलत प्रसारित करने पर टीवी चैनल्स के खिलाफ कार्रवाई कर सके।
एनबीए ने अपने हलफनामे में मांग की है कि उसकी आचार संहिता को केबल टीवी रूल्स के तहत प्रोग्राम कोड का हिस्सा बनाकर वैधानिक मान्यता प्रदान की जाए, ताकि ये नियम सभी न्यूज चैनल्स पर लागू हो सकें।
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