होम / इंडस्ट्री ब्रीफिंग / आज किस अखबार का फ्रंट पेज रहा दमदार, पढ़िए यहां
आज किस अखबार का फ्रंट पेज रहा दमदार, पढ़िए यहां
‘कर्नाटक की कलह और कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी’, दिल्ली के अधिकांश प्रमुख अखबारों ने आज इन्हीं खबरों को लीड बनाया है
नीरज नैयर 5 years ago
‘कर्नाटक की कलह और कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी’ राजधानी दिल्ली के अधिकांश प्रमुख अखबारों ने आज इन्हीं खबरों को लीड बनाया है। ‘नवभारत टाइम्स’, ‘हिन्दुस्तान’, ‘अमर उजाला’ और ‘दैनिक जागरण’ में जैकेट विज्ञापन है। ‘नवभारत टाइम्स’ में तो विज्ञापनों के चलते फ्रंट पेज पर भी ज्यादा जगह नहीं है, फिर भी अखबार ने लगभग सभी महत्वपूर्ण खबरों को लगाया है। लीड का शीर्षक ‘कर्नाटक की कलह में कुर्बानी मुमकिन’ दमदार है और दक्षिण भारतीय राज्य की राजनीति की पूरी कहानी बयां कर रहा है। इसी पैकेज में कांग्रेस में इस्तीफे और सपना चौधरी के भाजपा में शामिल होने की खबरों को भी अलग-अलग बॉक्स में रखा गया है।
इसके अलावा टैक्सपेयर से जुड़ी एक जानकारीपरक खबर भी फ्रंट पेज पर मौजूद है। एजेंसी की इस खबर में बताया गया है कि ‘सिर्फ आधार से टैक्स रिटर्न भरने वालों को आयकर विभाग नया पैन कार्ड जारी करेगा।’ इतनी खबरें लगाने के बाद पेज पर जो जगह बची है, उसमें तीन समाचारों को फिट किया गया है, जिनमें से दो स्थानीय और एक क्रिकेट से जुड़े हैं, फिर भी संपादकीय टीम एक बेहद महत्वपूर्ण समाचार को फ्रंट पेज पर जगह देने में चूक गई, जिसे ‘अमर उजाला’ ने लगाया है।
‘अमर उजाला’ ने आज भी फ्रंट पेज पर टॉप बॉक्स में अहम समाचारों को जगह दी है, लेकिन उन्हें पेश करने का तरीका जुदा है। यही वजह है कि पेज पिछले अंकों की कॉपी नहीं लग रहा है। टॉप बॉक्स में अलग-अलग चार खबरें हैं। मसलन, आधार से रिटर्न दाखिल करते ही पैन मिलेगा, जनणगना में मोबाइल ऐप का इस्तेमाल होगा, मोबाइल खोने पर तलाशना होगा आसान और देश के हर गांव में पांच पौधे लगाए जाएंगे। इनमें से जनणगना वाली स्टोरी गुंजन कुमार और पौधों वाली शशांक मिश्र की बाईलाइन है। इस लिहाज से देखें तो उन्हें बहुत कम स्थान दिया गया है। ये बात सही है कि विज्ञापन ज्यादा होने की वजह से स्थान सीमित है, लेकिन फिर भी थोड़ी ज्यादा जगह देकर इनके साथ न्याय किया जा सकता था।
लीड कर्नाटक और कांग्रेस के इस्तीफे हैं, इसके अलावा कांवड़ यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर को लीड के पास ही डीप सिंगल में लगाया गया है। फ्रंट पेज की टीम को शायद डॉटेड बॉक्स से कुछ ज्यादा ही लगाव है, इसलिए बार-बार उसे इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन समस्या यह है कि उसका स्थान भी अपेक्षाकृत एक ही जगह होता है, विज्ञापन के ऊपर। आज के अंक में बदलाव केवल इतना है कि डॉटेड बॉक्स के नीचे एक छोटी सी खबर और लगा दी गई है, ताकि लेआउट कॉपी होने का आभास न हो। फ्रंट पेज पर क्रिकेट के साथ-साथ एक और बेहद महत्वपूर्ण समाचार है, जिसे सभी अखबारों को प्रमुखता से लेना चाहिए था। इस मामले में ‘अमर उजाला’ ने सबको पछाड़ दिया है। संभवतः यह पहला मौका है जब हाई कोर्ट ने अपने ऊपर जुर्माना लगाया और हाई कोर्ट के फैसले को ही पलटकर जबरन रिटायर किए गए जज को पुन: बहाल किया। इसलिए एक ऐतिहासिक घटना को अन्य अखबारों के फ्रंट पेज पर जगह मिलनी चाहिए थी।
‘हिन्दुस्तान’ के फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन नहीं है, फिर भी संपादकीय टीम ने कलकत्ता हाई कोर्ट से जुड़ी खबर को प्राथमिकता नहीं दी है। टॉप बॉक्स में संजय कुशवाहा की बाईलाइन स्टोरी है, जिसमें उन्होंने दिल्ली में ओजोन प्रदूषण के बढ़ते आंकड़े को दर्शाया है। दिल्ली के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण खबर है और इसे उतने ही महत्वपूर्ण ढंग से पेश किया गया है। ‘हिन्दुस्तान’ ने कर्नाटक को लीड बनाया है, जबकि कांग्रेस में इस्तीफों के समाचार को अलग से दो कॉलम जगह दी गई है। चूंकि दोनों ही खबरें राजनीति और कांग्रेस से संबंध रखती हैं, इसलिए उन्हें एकसाथ रखा जा सकता था, इस तरह से किसी अन्य महत्वपूर्ण खबर को जगह मिल जाती। फ्रंट पेज पर स्थानीय समाचारों को प्रमुखता से लगाया गया है। जैसे गृहमंत्रालय में तैनात ऑडिटर की घर में घुसकर हत्या, पैसे न देने पर मां की हत्या आदि। एंकर में मदन जैड़ा की एक अच्छी स्टोरी है, जिसके अनुसार अगले बीस वर्षों में बिहार की आबादी सबसे तेजी से बढ़ेगी। साथ ही नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने पर रोक संबंधी न्यूज को भी फ्रंट पेज पर रखा गया है। हर बार की तरह फ्रंट पेज का लेआउट आंखों को भा रहा है।
‘दैनिक जागरण’ ने कर्नाटक को सेकंड लीड का दर्जा दिया है, जबकि लीड अरविंद पाण्डेय की बाईलाइन स्टोरी है। पाण्डेय ने बताया है कि सरकार स्कूली ढांचे में बदलाव करने जा रही है, जिसके बाद प्राथमिक शिक्षा पांच की बजाय तीन साल की रह जायेगी। यानी पहली से पांचवीं कक्षा के विपरीत केवल तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा ही प्राथमिक शिक्षा में शामिल होंगी। एकदम नई जानकारी वाली अरविंद पाण्डेय की इस स्टोरी को लीड बनाकर ‘दैनिक जागरण’ ने खबर के साथ पूरा न्याय किया है। पाण्डेय भी निश्चित तौर पर फ्रंट पेज की टीम से खुश होंगे। ‘हिन्दुस्तान’ की तरह ‘दैनिक जागरण’ ने भी कर्नाटक और इस्तीफों को अलग-अलग लगाया है, यदि इन्हें एक रखा जाता तो हाई कोर्ट वाली खबर को फ्रंट पेज पर जगह दी जा सकती थी। फ्रंट पेज पर विज्ञापन ज्यादा होने की वजह से अन्य जरूरी समाचारों को छोटा-छोटा रखकर उनका शेष अंदर के पृष्ठों पर दिया गया है, इस तरह कम जगह में भी ज्यादा ख़बरें प्रथम पृष्ठ पर आ गई हैं। एंकर में अभिषेक त्रिपाठी की क्रिकेट से जुड़ी पढ़ने लायक स्टोरी है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो ‘नवभारत टाइम्स’ का आज का फ्रंट पेज सबसे दमदार है, हालांकि कलकत्ता हाई कोर्ट वाली न्यूज का न होना सालता है। दूसरे नंबर पर ‘अमर उजाला’ को रखा जा सकता है, क्योंकि उसने इस खबर को फ्रंट पेज पर जगह दी है।
आप अपनी राय, सुझाव और खबरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। (हमें फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन और यूट्यूब पर फॉलो करें)
टैग्स दैनिक जागरण अमर उजाला अखबार नवभारत टाइम्स अखबारी कवरेज अखबारों की समीक्षा न्यूजपेपर्स हिंदुस्तान