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ब्रॉडकास्टर्स की इस मांग को सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने ठुकराया, कहा- नहीं कर सकते भेदभाव

सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि मंत्रालय टीवी चैनलों और अखबारों के डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म को नए आइटी नियमों के दायरे से बाहर नहीं करेगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago

सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि मंत्रालय टीवी चैनलों और अखबारों के डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म को नए आइटी नियमों के दायरे से बाहर नहीं करेगा। साथ ही मंत्रालय ने इनसे आइटी नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।

सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि संगठनों की वेबसाइट को कानून के दायरे में लाने का औचित्य तर्कपूर्ण है। मंत्रालय ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर, पब्लिशर ऑफ ऑनलाइन क्यूरेटट कंटेंट या ओटीटी प्लेटफॉर्म और एसोसिएशन ऑफ डिजिटल मीडिया पब्लिशर को दिए स्पष्टीकरण में यह बात कही।

मंत्रालय ने कहा कि कानून में किसी तरह के अपवाद को शामिल करने का मतलब उन डिजिटल न्यूज पब्लिशर के साथ भेदभाव करना है, जो पारंपरिक टीवी या प्रिंट मीडिया से नहीं जुड़े हैं।

जब से नए आईटी नियम अस्तित्व में आए हैं, तभी से अधिकांश मीडिया संगठनों ने, फिर चाहे वह टेलीविजन हो या प्रिंट सभी ने इन नए नियमों के तहत आने का विरोध किया है। परंपरागत मीडिया ने तर्क दिया कि वे पहले से ही विभिन्न नियमों और कानूनों के तहत बंधे हुए है।

वहीं, इसी कवायद के तहत नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने हाल ही में मंत्रालय को पत्र भी लिखा, जिसमें पारंपरिक टेलीविजन न्यूज मीडिया और उनके डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमों, 2021 के दायरे से बाहर रखने और छूट प्रदान करने का अनुरोध किया था। एनबीए ने कहा था कि ये पहले से ही विभिन्न नियमों, कानूनों, दिशानिर्देशों और संहिताओं से बंधे हुए हैं।

वहीं, अब मंत्रालय ने एनबीए के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा कि 'चूंकि, आचार संहिता यह कहती है कि ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पारंपरिक प्रिंट और टीवी मीडिया के लिए मौजूदा मानदंडों/ सामग्री नियमों का पालन करेंगे, इसलिए ऐसी संस्थाओं के लिए कोई अतिरिक्त नियामक बोझ नहीं हैं। इसलिए डिजिटल मीडिया नियमों से बाहर रखने के उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।'


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