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पत्रकारों को भारी पड़ गई सुप्रीम कोर्ट के बाहर हुए हंगामे की रिपोर्टिंग
यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीन चिट मिलने के बाद लोग भड़के हुए हैं
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 years ago
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीन चिट मिलने के बाद मंगलवार को लोगों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। हंगामे को देखते हुए पुलिस ने वहां धारा 144 लगा दी और कई लोगों को हिरासत में ले लिया और दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने ले गई। हिरासत में लिए गए लोगों में कई वकील और महिला संगठनों से जुड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं। खास बात यह है कि पुलिस ने इस घटना की कवरेज के लिए गए पत्रकारों को भी नहीं बख्शा और उन्हें भी हिरासत में ले लिया। बताया जाता है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें 56 महिलाओं के साथ घटना को कवर कर रहे चार पुरुष रिपोर्टर भी शामिल हैं।
पत्रकारों को इस तरह हिरासत में लिए जाने पर कई पत्रकारों ने ट्वीट कर अपना विरोध जताया है। न्यूज वेबसाइट 'न्यूज़लॉन्ड्री' के रिपोर्टर गौरव ने पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है।
Just got chucked into a police van for covering the protest outside SC against the clean chit given to CJI Ranjan Gogoi.
— Gaurav Sarkar (@pencilpusher24) May 7, 2019
Why? Because I was taking a video of them pushing and manhandling protesters WITHOUT giving any sort of explanation as to why.
वहीं, ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्टर पंखुड़ी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर इस घटना का जिक्र करते हुए एक विडियो भी पोस्ट किया है।
There was chaos outside the Supreme Court when around 50 women protesters who had gathered outside gate C, were detained by the cops. They carried placards and banners, demanding justice. @TOIDelhi #CJIRanjanGogoi pic.twitter.com/dKSlGgKP8Y
— Pankhuri (@PankhuriTOI) May 7, 2019
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी ने 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के 22 न्यायाधीशों को एक हलफनामा भेजा था। इस हलफनामे में महिला ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद मामले की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों की आंतरिक समिति गठित की गई थी। समिति ने जांच के बाद सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीनचिट दे दी थी। समिति का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा रंजन गोगोई के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ‘ठोस आधार' नहीं मिला है। जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली इस समिति में दो महिजा जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी शामिल थीं।
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