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सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर और आजतक के पत्रकार को मिली राहत
सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर और पत्रकार के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे को राजस्थान पुलिस ने वापस ले लिया है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर और पत्रकार के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे को राजस्थान पुलिस ने वापस ले लिया है। बता दें कि विधायकों की कथित रूप से हुई फोन टैपिंग से जुड़े मामले में राजस्थान पुलिस ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह और एक चैनल के पत्रकार शरत कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
जयपुर पुलिस की ओर से दर्ज शिकायत में कहा गया था कि गहलोत गुट के विधायकों के जैसलमेर में होटल में रहने के दौरान टेलीफोन टैपिंग की खबर प्रकाशित की गई, जो गलत थी और इसे साजिश के तहत प्रकाशित किया गया था।
बता दें कि इस मामले के खिलाफ लोकेन्द्र सिंह ने राजस्थान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां पर राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा कैसे दर्ज कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले ही जयपुर पुलिस ने कोर्ट में इस पूरे मामले पर फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी है।
विधायकपुरी पुलिस स्टेशन के थाना अधिकारी ओम प्रकाश माचवावा ने बताया कि इस मामले में जांच पूरी कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है। मामले की जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि मुकदमे में कोई तथ्य नहीं बनता है। मामले की जांच के दौरान इसे गलतफहमी में दर्ज किया गया मुकदमा पाया गया है।
जहां लोकेन्द्र सिंह पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर हैं, तो वहीं शरत कुमार आजतक के राजस्थान के संपादक हैं। मुकदमा वापसी के लिए जयपुर पुलिस ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
हालांकि, इस मामले में पहले ही राजस्थान हाई कोर्ट ने किसी भी तरह के दंडात्मक कार्रवाई पर मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा रखी है। राजस्थान हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2021 में रखी है। अचानक से मुकदमा दर्ज कराने और फिर मुकदमा वापस लेने को लेकर राजस्थान सरकार और जयपुर पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, यह मामला करीब दो महीने पुराना है, जब सचिन पायलट कैंप की ओर से अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कुछ विधायकों की फोन टैपिंग का आरोप लगाया गया था, लेकिन एफआईआर अब जाकर दर्ज हुई थी, जोकि जयपुर के विधायकपुरी थाने में दर्ज की गई थी।
इस बारे में शरत कुमार की ओर से कहा गया था कि यह स्टोरी लगभग सभी न्यूज चैनल्स ने सुबह से लेकर शाम तक चलाई थी, ऐसे में सिर्फ एक चैनल को ही निशाना क्यों बनाया गया।
बता दें कि सात अगस्त को पायलट कैंप की ओर से गहलोत सरकार पर कुछ विधायकों का फोन टेप किए जाने के आरोप लगाए गए थे। ये विधायक जैसलमेर के एक होटल में ठहरे हुए थे। आरोप यह भी था कि इस मामले में पुलिस के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कुछ लोगों पर झूठी सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया था।
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