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इस खास रिपोर्टिंग के लिए एक साथ आए दो न्यूज चैनल्स के संपादक
संभवतः यह पहली बार है, जब दो न्यूज चैनलों ने टीआरपी में एक-दूसरे को पछाड़ने की दौड़ से अलग हटकर संयुक्त रूप से किसी मुद्दे पर ग्राउंड रिपोर्टिंग की है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
शाहीनबाग पर जहां नेताओं में ‘जुबानी जंग’ चल रही है, वहीं मीडिया के लिए भी यह ‘हॉट’ मुद्दा बन गया है। खासकर वरिष्ठ टीवी पत्रकार और ‘न्यूज नेशन’ के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया पर हुए हमले के बाद से यह इलाका मीडिया सेंटर में तब्दील हो चुका है। तमाम पत्रकार यहां डेरा डाले हुए हैं। इस बीच, ‘जी न्यूज़’ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने दीपक चौरसिया के साथ मिलकर जिस तरह से शाहीनबाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शन का ‘सच’ तलाशने का प्रयास किया है, उससे यह मुद्दा और भी ज्यादा बड़ा हो गया है।
संभवतः यह पहली बार है, जब दो न्यूज चैनलों ने टीआरपी में एक-दूसरे को पछाड़ने की दौड़ से अलग हटकर संयुक्त रूप से किसी मुद्दे पर ग्राउंड रिपोर्टिंग की है। इस संयुक्त मिशन की घोषणा के बाद से काफी समय तक सुधीर चौधरी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे। सुधीर चौधरी और दीपक चौरसिया शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मिलकर बात करना चाहते थे, लेकिन उन्हें बीच में ही रोक दिया गया। जितनी देर दोनों पत्रकार वहां रहे, उतनी देर तक गो-बैक, गो-बैक के नारे लगते रहे। दोनों ने बार-बार प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, मगर सफल नहीं हुए।
शाहीनबाग में जहां महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं, वहां से कुछ पहले ही बैरिकेड लगा दिए गए, ताकि सुधीर चौधरी और दीपक चौरसिया धरना स्थल तक न पहुंच सकें। दोनों को दूर से ही अपनी बात महिलाओं तक पहुंचानी पड़ी, लेकिन कोई उन्हें सुनने को तैयार नहीं था। चौधरी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके इस मसले पर अपना गुस्सा बयां किया है।
उन्होंने लिखा है, ‘आज जब मैं और दीपक शाहीनबाग पहुंचे तो कश्मीर की तर्ज पर Go Back के नारे लगने लगे। पल भर को लगा जैसे हम किसी दूसरे देश में आ गए हैं। प्रदर्शनकारी कहते हैं कि हमें वहां घुसने की इजाजत नहीं है। शाहीन बाग में जाने के लिए अब अलग वीजा लेना होगा? क्या शाहीन बाग में खत्म हो जाती है भारत की सीमा? कश्मीर की तरह यहां Go Back के नारे लग रहे हैं। इतनी असहनशीलता’?
#ShaheenBagh के प्रदर्शनकारी कहते हैं हमें वहाँ घुसने की इजाज़त नहीं है।शाहीन बाग़ में जाने के लिए अब अलग वीज़ा लेना होगा? क्या शाहीन बाग़ में ख़त्म हो जाती है भारत की सीमा? कश्मीर की तरह यहाँ Go Back के नारे लग रहे हैं।इतनी असहनशीलता? #370InShaheenBagh pic.twitter.com/lYTjTiJJUK
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) January 27, 2020
वहीं, दीपक चौरसिया ने लिखा है, ‘टेलिविजन इतिहास में पहली बार दो बड़े टेलिविजन चैनल शाहीन बाग में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए चल रहे आंदोलन को देखने गए! लेकिन वहां का नजारा न तो लोकतांत्रिक था और न ही संवैधानिक’!
टेलीविजन इतिहास में पहली बार दो बड़े टेलीविजन चैनल शाहीन बाग में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए चल रहे आंदोलन को देखने गए! लेकिन वहाँ का नजारा ना तो लोकतांत्रिक था और ना ही संवैधानिक! https://t.co/NgrscQiQ6x
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 27, 2020
सुधीर चौधरी ने जहां अपने शो ‘DNA’ में संयुक्त मिशन के जरिये शाहीनबाग के हाल को दर्शकों के समक्ष रखा। वहीं, ‘न्यूज़ नेशन’ ने स्पेशल शो में यह मुद्दा उठाया। इस शो में दीपक चौरसिया के साथ सुधीर चौधरी भी उपस्थित रहे। दोनों पत्रकारों के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी सराहना हो रही है।
उधर, इस महाकवरेज के बीच दीपक चौरसिया अपने विरोधियों पर निशाना भी साध रहे हैं। दरअसल, शाहीनबाग में हुए हमले के बाद से कुछ पत्रकार दीपक चौरसिया की पत्रकारिता पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। इस मुद्दे पर पत्रकार भी एक तरह से दो खेमों में विभाजित हैं। एक खेमा दीपक के समर्थन में है और दूसरा विरोध में। इसी क्रम में पत्रकार श्रीनिवास जैन के एक ट्वीट पर सहमति जताते हुए रोहिणी सिंह ने चौरसिया पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, ‘बेशक चौरसिया पत्रकार नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद उन पर हमले को सही करार नहीं दिया जा सकता। और चूंकि उन पर हमला हुआ है, इसलिए वह पत्रकार नहीं हो जाते। शिष्टाचार का दायित्व चौरसिया और उनके हमलावर दोनों को उठाना होगा।’
अब दीपक ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है, ‘रोहिणी मैं एक गरीब पृष्ठभूमि से आकर अपने दम पर पत्रकारिता की। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं आप की तरह डिजाइनर पत्रकार नहीं हूं! मेरा वित्त मंत्रालय में परिचय नीरा राडिया ने नहीं कराया! न ही मैंने आजतक किसी सरकार से 3BHK फ़्लैट लेकर खबरें लिखी है’!
रोहिणी @rohini_sgh मैं @DChaurasia2312 एक गरीब पृष्ठभूमि से आकर अपने दम पर पत्रकारिता की. मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं आप की तरह डिजाइनर पत्रकार नहीं हूँ! मेरा वित्त मंत्रालय में परिचय नीरा राडिया ने नहीं कराया! ना ही मैंने आजतक किसी सरकार से 3BHK फ़्लैट लेकर खबरें लिखी है! https://t.co/ufE1jGHSgP
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 27, 2020
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