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भारत के स्पोर्ट्स ऑडियंस में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं: शशि सिन्हा
यह बात आईपीजी मीडियाब्रैंड्स इंडिया (IPG Mediabrands India) के सीईओ शशि सिन्हा ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित e4m कनेक्टेड टीवी कॉन्फ्रेंस में कही।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 months ago
'लाइव स्पोर्ट्स, कॉन्करेंट व्यूज और सोशल इंगेजमेंट के लिए एक यूनीक अपॉर्चुनिटी प्रदान करता है, जो सीटीवी (CTV) की ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, लेकिन ऑडियंस मीजरमेंट की कमी चुनौतियां पैदा करती हैं।' यह बात आईपीजी मीडियाब्रैंड्स इंडिया (IPG Mediabrands India) के सीईओ शशि सिन्हा ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित e4m कनेक्टेड टीवी कॉन्फ्रेंस में कही।
"Live Sports Leading the Streaming Arena: Strategies for Effective Marketing on CTV” विषय पर बोलते हुए सिन्हा ने कहा कि CTV एजाइनक्रोनस व्यूइंग (asynchronous viewing) की फ्लेक्सिब्लिटी प्रदान करता है। लाइव स्पोर्ट्स, कॉन्करेंट व्यूज और सोशल इंगेजमेंट के लिए एक यूनीक अपॉर्चुनिटी प्रदान करता है, जो सीटीवी (CTV) की ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, लेकिन ऑडियंस मीजरमेंट की कमी चुनौतियां पैदा करती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि CTV मीजरमेंट्स 6-7 महीनों में उपलब्ध होंगे। सिन्हा की अध्यक्षता में BARC ने हाल ही में CTV सेगमेंट के लिए मीजरमेंट प्रक्रिया शुरू की है।
सिन्हा ने सीटीवी सम्मेलन में कहा, “कनेक्टेड टीवी एजाइनक्रोनी (asynchrony) का एडवांटेज प्रदान करता है, जिससे दर्शकों को अपनी सुविधानुसार कंटेंट देखने और ऑप्शंस की वाइड रेंज को एक्सप्लोर करता है। हालांकि, यह फ्लेक्सब्लिटी फ्रेगमेंटेशन और नैरोनेस के चलते मीजरमेंट में चुनौतियां पेश करता है, जिससे सटीक डेटा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।”
वर्तमान में, भारत में अधिकांश घरों में ट्रेडिशनल लीनियर टीवी और कनेक्टेड टीवी सेटअप दोनों हैं, केवल एक छोटा प्रतिशत ही विशेष रूप से कनेक्टेड टीवी का उपयोग करता है। इससे ऑडियंस को सटीक रूप से टार्गेट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि ऑडियंस की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि ऐडवर्टाइजर्स अक्सर सेगमेंटेशन से जूझते हैं, जिससे ब्रैंड्स और क्लाइंट्स के लिए स्पष्टता की कमी होती है।
सिन्हा ने यह भी बताया कि कई व्यक्ति EPL, फॉर्मूला 1 या टेनिस जैसे विशिष्ट खेलों के रूप में ट्रेडिशनल टेलीविजन से जुड़ रहे हैं। हालांकि, वर्तमान में हमारा ऑडियंस मीजरमेंट का जो तरीका है, वो अक्सर इन विशिष्ट खेलों को नजरअंदाज कर देता है। BARC के चेयरमैन होने के नाते ऑडियंस मीजरमेंट में मेरी भागीदारी को देखते हुए मैंने इस अप्रोच में एक त्रुटि देखी है। उन्होंने कहा कि अपर्याप्त मीजरमेंट के चलते इन विशिष्ट खेलों को वह मान्यता नहीं मिल रही है, जिसके वे हकदार हैं।
उन्होंने कहा कि जब भारत में खेलों की दर्शकों की संख्या की तुलना विकसित बाजारों से की जाती है, तो आप दर्शकों की हिस्सेदारी में एक महत्वपूर्ण अंतर देखेंगे। आईपीएल जैसे आयोजनों को लेकर प्रचार-प्रसार के बावजूद, भारत में खेल दर्शकों की संख्या कुल दर्शकों की संख्या का लगभग 7-8% या शायद उससे भी कम है। लेकिन विश्व स्तर पर, यह बहुत अधिक है।
स्पोर्ट्स आर्थिक विषमताओं को पार करते हुए एक इक्वैलिटी प्रदान करने वाले के रूप में कार्य करता है। चाहे अमीर घराने हों या साधारण लोग, लाइव स्पोर्ट्स का रोमांच हर जगह लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इसलिए, लाइव स्पोर्ट्स लगातार ग्रोथ को आगे बढ़ाएगा, इसके प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए लगातार पीछे घूमता रहेगा।
उन्होंने कहा कि भारत में स्पोर्ट्स दर्शकों की संख्या में अभी भी विकसित बाजारों की तुलना में वृद्धि की महत्वपूर्ण गुंजाइश है, जो मायावी दर्शकों की तलाश करने वाले ऐडवर्टाइजर्स के लिए अवसर प्रदान कर रहा है। घरेलू स्तर के डेटा पर ध्यान केंद्रित करते हुए CTV मीजरमेंट के लिए एक प्रीमियम पैनल स्थापित करने के कॉमस्कोर के प्रयास ऐडवर्टाइजर्स को अधिक विश्वसनीय अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे, जिससे संभावित रूप से संपूर्ण प्रीमियम ऑडियंस बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
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