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प्रेस की स्वतंत्रता पर जिस तरह से हमला किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है: प्रकाश जावड़ेकर
सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि टीवी मीडिया के पास अपना खुद का नियामक निकाय होना चाहिए
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि टीवी मीडिया के पास अपना खुद का नियामक निकाय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ए.के. सीकरी की अध्यक्षता में न्यूज चैनल्स को विनियमित करने के लिए एक एजेंसी का गठन किया गया है, लेकिन कई चैनल्स इसके सदस्य नहीं हैं। न्यूज चैनल्स को जवाबदेह बनाने के लिए आचार संहिता बनाने के सुझाव आए हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की ओर से ‘कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका और मीडिया पर इसके प्रभाव’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मीडिया संस्थान को संबोधित किया। यहां जावड़ेकर ने कहा कि प्रेस की आजादी बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए लेकिन किसी को जानबूझकर बदनाम नहीं करना चाहिए। लिहाजा टेलीविजन मीडिया के पास अपना नियामक निकाय होना चाहिए।
जावड़ेकर ने टीवी चैनलों के लिए एक नियामक संस्था के न होने के मुद्दे पर कहा कि उनके लिए एक आचार संहिता लाने पर निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय प्रेस परिषद एक स्व-नियामक निकाय है जिसमें संसद के साथ-साथ विभिन्न मीडिया घरानों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पीसीआई को और अधिक शक्तियां देने पर चर्चा होती रही है।’
मंत्री ने कहा, ‘लेकिन टीवी चैनलों के लिए पीसीआई जैसी कोई स्व-नियामक संस्था नहीं है। हमें सभी टीवी चैनलों के लिए एक आचार संहिता बनाने के लिए सुझाव मिल रहे हैं, लेकिन हमने अभी इस पर फैसला नहीं लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है लेकिन प्रेस को जिम्मेदारी के साथ पत्रकारिता करनी चाहिए।’
जावड़ेकर ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन कोई भी स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है। इसलिए, प्रेस को स्वतंत्र होकर जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए और किसी चीज को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, खबर किसी को जानबूझकर बदनाम करने के लिए नहीं होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों जिस तरह से प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है वह ठीक नहीं है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओटीटी (OTT) प्लेटफार्म्स के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है और न ही उनके पास स्व-विनियमन की प्रणाली है। इन प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री की विविधता है जो अच्छी और बुरी दोनों है। ऐसे में स्वतंत्रता के जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन का मिसाल कायम करने के लिए खुद मीडिया संस्थानों को आगे आकर पहलकदमी करनी चाहिए।
टीआरपी मामले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय द्वारा गठित समिति जल्द इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा, ‘टीआरपी हेरफेर की जांच करने और इस समस्या का समाधान करने के लिए, हमने एक समिति बनाई है जो बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट देगी।’
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